ईंधन के संकट से जूझ रहे मध्याह्न भोजन योजना की किल्लत को दूर करने के लिए शासन ने कमर कसनी शुरू कर दी है। इसके तहत प्रदेश के समस्त 20 हजार 600 विद्यालयों को गैस कनेक्शन तथा चूल्हे से लैस करने की तैयारी शुरू कर दी है। लिहाजा प्रत्येक जनपद से विद्यालयों में गैस चूल्हे की सुविधा उपलब्ध होने की सूचना मांगी गई है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की निदेशक श्रद्धा मिश्र ने इसके लिए विद्यालयों को चार श्रेणी में विभक्त किया है।जनपद में एमडीएम योजना से आच्छादित कुल 2027 विद्यालयों में महज 427 स्कूलों में ही गैस चूल्हे की सुविधा उपलब्ध है। हालांकि योजना के शुरुआती दौर में ग्रामीणांचल के स्कूलों के आसपास गैस एजेंसी के अभाव में कनेक्शन और आपूर्ति की समस्या रही। लिहाजा अभी भी जिले के 1600 विद्यालयों में लकड़ी के चूल्हे पर एमडीएम पकाया जाता है। गैस चूल्हे की सुविधा नहीं होने के कारण लकड़ी की किल्लत और खराब मौसम में ईंधन की समस्या के चलते एमडीएम ठप हो जाता है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण अब उक्त समस्या के स्थाई निदान की माह में हुई बैठक के दौरान मुख्य सचिव आलोक रंजन ने एमडीएम संचालित शतप्रतिशत विद्यालयों को गैस चूल्हे की सुविधा से स्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इस बाबत विृत कार्ययोजन तैयार करने को निर्देशित किया गया है। लिहाजा विभाग की ओर से प्रदेश के सभी जनपदों में विद्यालयों को चार श्रेणी में विभक्त किया है।
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