गत तीन मई को बेसिक शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद में धरने के दौरान टीईटी अभ्यर्थियों पर लाठीजार्च और बर्बरता के घटना की निंदा करते हुए टीईटी संघर्ष मोर्चा ने सरकार से 13 अभ्यर्थियों पर लगाए गए मुकदमें वापस लिए जाने की मांग की है। पुलिसिया कार्रवाई पर रोष जताते हुए संगठन ने कहा कि सरकार अभ्यर्थियों के हौसले को तोड़ना चाहती है। शनिवार को कलेक्ट्रेट के निकट बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष आनंद रमन ने कहा कि आगामी नौ मई को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई है। राज्य सरकार ने प्रगति पत्र न्यायालय को सौंप दिया है। इसमें याचियों की संख्या 68 हजार 15 बताई जा रही है। जबकि सूची को खंगालने के बाद 34 हजार 905 अभ्यर्थियों को इसमें शामिल किया गया है। कोर्ट याचियों के प्रति सकारात्मक नजरिया रखती है, ऐसे में नौकरी मिलने की उम्मीदें बलवती हो रही हैं। जिलाध्यक्ष ने कहा कि न्यायालय ने सरकार से गत 24 फरवरी से पहले की याचिकाओं में बहस की कॉपी जमा करने के लिए आदेशित किया है। लिहाजा संगठन के अधिवक्ता के जरिए इसे न्यायालय में जमा कराया जा रहा है। बताया कि प्रगति आख्या में सरकार ने कुल 42 हजार 758 पदों के खाली होने हलफनामा न्यायालय में दिया है।जिलाध्यक्ष ने बताया कि संगठन की अगली बैठक आगामी 15 मई को तय की गई है। यहां अवधेश पाल, अजरुन प्रसाद, अजय अग्रहरि, राम अनुज, सुनील वर्मा, अशोक यादव, विक्रमजीत, जनार्दन प्रसाद, संगीता, बबिता, विनोद वर्मा व राजाराम आदि मौजूद रहे।
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