बिना मान्यता के विद्यालय चलाने वाले संचालकों पर अब शिकंजा कसने की शासन ने तैयारी कर ली है। जिन विद्यालय के पास मान्यता नहीं होगी उसे बंद कराने के लिए जुलाई से अभियान चलाया जाएगा। शिक्षाधिकारियों के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों को इस अभियान को सफल बनाने के लिए कमान सौंपी जाएगी। परिषदीय विद्यालय एवं शासकीय इंटर कॉलेजों में लगातार घट रही छात्र संख्या और कुकुरमुत्तों की तरह हर वर्ष खुलने वाले विद्यालयों को रोकने की रणनीति तय की गई है। इन विद्यालयों की मान्यताएं भी चैक होगी। उन्हें किस क्लास तक की मान्यता शासन ने दी है और वह कौन-कौन सी कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। बिना मान्यता के यदि कक्षाएं संचालित होती पाई जाती हैं तो संचालक के विरुद्ध कार्रवाई होगी। वहीं प्राइमरी मान्यता वाले विद्यालय बिना मान्यता के जूनियर की कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। उन्हें भी चिन्हित किया जाएगा। शासन ने बिना मान्यता वाले विद्यालयों को चिन्हित करने की जिम्मेदारी शिक्षाधिकारियों को सौंप दी है। इनकी पूरी जानकारी जुटाने के बाद जुलाई से छापेमारी शुरू की जाएगी।
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