यदि सब कुछ योजना के तहत हुआ, तो अब परिषदीय प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूलों में पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर शिक्षा का माहौल तैयार होगा। वजह, बेसिक शिक्षा विभाग स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता व माहौल तैयार करने के लिए नई-नई गतिविधियां और पढ़ाई पर जोर दे रहा है। अब परिषदीय स्कूलों में बच्चों को तीन श्रेणियों में रखा जाएगा। क्लास में सबसे होशियार बच्चों को ग्रीन कलर, उससे कम को पीला एवं सबसे पिछड़े बच्चे को लाल कलर की श्रेणी में रखा जाएगा। हर माह इनका टेस्ट होकर योग्य होने पर श्रेणी में बदलाव भी जाएगा। निरीक्षण के दौरान अधिकारी भी लाल व पीले श्रेणी के बच्चों पर ध्यान देंगे और उनकी बौधित्वता की जांच करेंगे। इस पहल में शिक्षक-शिक्षिकाओं की जवाबदेही निश्चित है।1- हर माह होगा सामान्य ज्ञान का टेस्ट : अब परिषदीय प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूलों में छात्र-छात्रओं में शिक्षा की गुणवत्ता परखने के लिए प्रत्येक माह सामान्य ज्ञान व विषयों का टेस्ट लिया जाएगा। टेस्ट में आने वाले अंकों के आधार पर छात्र-छात्रओं की श्रेणी में फेरबदल होगा। इस व्यवस्था से परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर उठेगा। 1-छह माह में स्थिति में सुधार नहीं होने पर होगी कार्रवाई : इस नई योजना के तहत शिक्षक-शिक्षिका लाल रंग श्रेणी में से बच्चों को एक माह में पीले कलर में दाखिल करेंगे और अगले एक माह में पीला से ग्रीन में पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित है। छह माह में सभी परिषदीय स्कूलों के बच्चों की श्रेणी को लेकर परीक्षा होगी, जिसमें फेल स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। समस्त छात्र ग्रीन श्रेणी में आने पर स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओंको सम्मानित किया जाएगा।
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