परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को फल वितरण के लिए शासन ने इंतजाम कर दिया है। सरकार ने मान लिया है कि विद्यालयों में शत प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति नहीं रहती और औसतन उपस्थिति को आधार बना स्कूलों में नामांकित बच्चों के सापेक्ष 50 से 60 फीसद बच्चों के लिए धनराशि आवंटित की है। प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों के 1.02 करोड़ बच्चों को फल खिलाने के लिए एक अरब छह करोड़ सोलह लाख चौंतीस हजार रुपये की स्वीकृत मिली है। हरदोई के हिस्से में तीन करोड़ छह लाख 28 हजार रुपये आए हैं।प्रदेश सरकार के बजट में परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को मिड डे मील के साथ हफ्ते में एक दिन फल खिलाने का भी प्रावधान किया गया था। शासन स्तर से सोमवार का दिन निर्धारित करते हुए प्रति बच्चे को चार रुपये का मौसमी फल खिलाने का फरमान जारी हुआ था। शासनादेश तो पूर्व में ही आ गया था लेकिन धनराशि का इंतजाम नहीं था। धन आवंटन न होने से स्कूलों में जुगाड़ की धनराशि से बच्चों को फल खिलाने की व्यवस्था शुरू की गई। अब शासन ने फलों की धनराशि का इंतजाम कर दिया है जिसे राज्यपाल ने भी स्वीकृति दे दी है। शासन के संयुक्त सचिव अमिताभ त्रिपाठी ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के साथ ही अशासकीय सहायता प्राप्त में पढ़ने वाले एक करोड़ दो लाख आठ हजार 22 बच्चों के लिए प्रति बच्चा चार रुपये के हिसाब से एक अरब छह करोड़ 16 लाख 34 हजार रुपये जारी किए जा रहे हैं। वैसे विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रयास तो काफी हो रहे हैं लेकिन उसके बाद भी सभी बच्चे पढ़ने नहीं आते हैं। अधिकारियों के निरीक्षण और दैनिक अनुश्रवण प्रणाली में यह बात सामने भी आ रही है और उसी को आधार मानते हुए विद्यालयों में कुल नामांकित बच्चों की संख्या के सापेक्ष 50 से 60 फीसद बच्चों के लिए धनराशि जारी हो रही है। हरदोई में देखा जाए तो परिषदीय व अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में नामांकित कुल पांच लाख 29 हजार 48 बच्चों के सापेक्ष दो लाख 94 हजार 498 बच्चों के लिए तीन करोड़ छह लाख 28 हजार रुपये जारी हो रहे हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने बताया धनराशि की स्वीकृति का पत्र आ गया है। ग्रांट आते ही खातों में भेज दी जाएगी।
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