महराजगंज : अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाना हर अभिभावक इच्छा होती है लेकिन शायद कुछ ऐसे अभिभावक भी है जो सिर्फ स्कूल में प्रवेश दिलाकर भूल जाते है कि जिस स्कूल में उनका बच्चा पढ़ रहा है उस स्कूल द्वारा किये गये दावे के अनुसार संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे है या नहीं। बताते चलें कि नौतनवां के आस-पास के क्षेत्र में प्राइवेट स्कूलों का संचालन तेजी से बढ़ता रहा है। इन स्कूलों द्वारा अभिभावकों से मोटी रकम लेकर बेहतर शिक्षा देने का दावा किया जाता है। अंग्रेजी माध्यम से जूनियर हाई स्कूलों की संख्या प्रति वर्ष बढ़ती जा रही है। जबकि मान्यता के नाम पर कुछ ही स्कूलों के पास सही मापदंड मिलेंगे, कुछ स्कूल तो प्राइमरी तक की मान्यता लेकर जूनियर हाई स्कूल तक की शिक्षा दे रहे हैं। मजेदार बात यह है कि इन स्कूलों के संचालक विभिन्न मदों के नाम पर भारी धन उगाही कर रहे हैं। चलाये जा रहे इन स्कूलों में कुछ ही है जो मानक के अनुसार चल रहे हैं। ऐसा लगता है कि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मौन साध कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। गौरतलब है कि नौतनवां एवं सोनौली में ही करीब एक दर्जन से करीब प्राइवेट अंग्रेजी माध्यम के जूनियर हाई स्कूल चल रहे हैं। जिनमें से कुछ तो किराये के मकान में है, कुछ दुकान की शटर में संचालित किये जा रहे हैं। इस वर्ष खुले स्कूलों की मान्यता की तो बात छोड़ ही दीजिए कई तो दसों वर्षो पूर्व खोले गये ऐसे स्कूल हैं जिनके पास जूनियर हाई स्कूल की मान्यता नहीं है।
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