बेसिक शिक्षा परिषद स्कूल में 18 जुलाई को नए सत्र का दूसरा सोमवार तो आया, लेकिन फल वितरण के निर्देशों की धज्जियां पहले सोमवार की तरह ही उड़ीं। करीब आधे से ज्यादा स्कूलों में फल वितरण नहीं किया गया। शासनादेश है कि हर सोमवार को बच्चों को मौसमी फल दिए जाने हैं। इसके लिए शासन ने बजट भी जारी कर दिया है। मगर, एनजीओ शासनादेश की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। एमडीएम व फल वितरण करने वाले एनजीओ पर न तो बेसिक शिक्षा विभाग का अंकुश है और न ही प्रशासन का। नगर क्षेत्र व नगर पंचायत क्षेत्र में 10 एनजीओ कार्य कर रहे हैं। एक हफ्ते पहले प्रशासन ने भी एमडीएम व फल वितरण की जांच के लिए टीम गठित की थी। फिर भी सभी एनजीओ ने मनमानी कर रखी है। पिछले सोमवार को भी स्कूलों में फल वितरण नहीं पाया था। इस पर बीएसए धीरेंद्र यादव ने कहा था कि दो या तीन मौके तक नरम रुख अपनाया जाएगा। एनजीओ संचालकों की ओर से कहा जाता है कि अगली बार गलती नहीं होगी। ये दूसरा मौका है, अगली बार भी यही रवैया रहा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। यहां तक कि एनजीओ को निरस्त करने की भी कार्रवाई की जाएगी। बीएसए धीरेंद्र यादव के अनुसार सोमवार के निरीक्षण की रिपोर्ट मंगलवार या बुधवार तक आ जाएगी। कई जगह फल वितरण नहीं हुआ है। जिन स्कूलों में फल वितरण नहीं हुआ है। संबंधित एनजीओ से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
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