परिषदीय स्कूलों में नामांकन लक्ष्य अधूरा है। बच्चों की संख्या कम होने से अभियान का सच सामने आने लगा है। निरीक्षण में विद्यालय व समीक्षा में ब्लाकवार बच्चों की संख्या घट गई है। 01 लाख 61 हजार नामांकित बच्चों में महज 86 हजार बच्चे एमडीएम में उपस्थिति दर्ज करा रहें हैं। ऐसे में कुल संख्या 88 हजार के करीब आंकी जा रही है। अब नामांकन से कम बच्चों मिलने पर प्रधानाध्पकों से सवाल होने लगे हैं। संख्या न बढ़ने पर प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई तय हैं। शहर, नगर, गांवों में मेला, रैली व गोष्ठियां के बाद विद्यालयों में बच्चों की संख्या कम है।सर्व शिक्षा अभियान राज्य परियोजना निदेशक ने इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है। बच्चों का विद्यालय में दाखिला के लिए विशेष अभियान चलेगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों की शिक्षा अनिवार्य कर दी गई है। इसके लिए परिषदीय स्कूलों में उनका दाखिला कराने के लिए शिक्षकों को निर्देशित किया गया है। विशेष अभियान की रफ्तार मंद : ग्रीष्मावकाश के बाद विद्यालय खुलने पर दो जुलाई से नामांकन का अभियान चलना था किंतु कार्य शिथिल है। इसके लिए शिक्षक घर-घर जाकर बच्चों के अभिभावकों से मिलकर दाखिला भी कराएंगें। बच्चों के नामांकन से कतराने वाले शिक्षकों की सूची तैयार कर कार्रवाई होगी। विद्यालयवार की जाएगी समीक्षा : अभियान में विद्यालय से एक भी बच्चा छूट गया तो संकल्प हमारा टूट गया सुनिश्चित किया जाएगा। प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में शत-प्रतिशत दाखिला कराया जाएगा। इसके लिए विद्यालय स्तर पर नित्य कार्य की समीक्षा भी की जाएगी
No comments:
Write comments