बेसिक शिक्षा गुणवत्ता संवर्धन हेतु बचत भवन में जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की अध्यक्षता में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने शिक्षण गुणवत्ता संवर्धन हेतु जनपद में नवाचारी कार्यक्रम प्रारम्भ करते हुए सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों एवं सह समन्वयकों की एक विस्तृत कार्यशाला आयोजित की जिसमें शिक्षण गुणवत्ता संवर्धन के लिए आवश्यक कार्यक्रमों पर चर्चा की। सभी शिक्षक समय से विद्यालय पहुंचे। बेसिक शिक्षा नियमावली के अनुसार विद्यालय समय से 20 मिनट पूर्व प्रार्थना प्रारम्भ होनी चाहिए जिसके अनुसार वर्तमान समय सारणी के अनुसार प्रात: 07:40 बजे शिक्षकों को विद्यालय पहुंचकर सभी छात्र/-छात्राओं के साथ लाइन में खड़ाकर प्रार्थना करानी है। प्रार्थना समय में छात्र से सीधा संवाद स्थापित करने का एक अच्छा मौका होता है जिसमें शिक्षक को उसकी प्रार्थना में यदि कोई गलती हो रही है तो उसे सुधारवाना चाहिए तथा थोड़ा व्यायाम-योग बच्चों से करवाएं एवं सामान्य ज्ञान से जुड़े हुए प्रश्न प्रार्थना स्थल पर ही पूंछे एवं सभी बच्चों को याद भी कराते जाएं जिससे कि छात्रों का ज्ञान वर्धन हो सके। इससे विद्यालय में अनुशासन और सकारात्मकता का माहौल उत्पन्न होगा। सभी सह समन्वयकों तथा खण्ड शिक्षा अधिकारियों को प्रतिदिन विद्यालय प्रारम्भ होने के समय (प्रात: 07:40 बजे) विद्यालय में उपस्थित हों। शिक्षकों को शैक्षिक गुणवत्ता संवर्धन हेतु वृहद निरीक्षण करना है तथा शिक्षकों को सपोर्ट करना है एवं प्रोत्साहित भी करना है। बतौर शिक्षक उन्हें एक ऐसा मौका मिला है जिससे समाज के सबसे उपेक्षित तबके के जीवन में गुणात्मक सुधार लाया जा सके। शैक्षणिक गुणवत्ता कार्यक्रम प्रथम चरण में जनपद के विकास खण्ड खीरों, दीनशाह गौरा, राही, ऊंचाहार, सलोन, सतांव एवं जगतपुर में प्रारम्भ किया जा रहा है। इन विकास खण्डों में एसएमएस द्वारा उपस्थिति, सह समन्वयकों द्वारा दैनिक शैक्षणिक सपोर्ट एवं निरीक्षण तथा कलेक्ट्रेट परिसर में कन्ट्रोल रूम स्थापित कर शिक्षकों से विद्यालय में शैक्षणिक गुणवत्ता संवर्धन के लिए सीधा संवाद स्थापित करना प्रमुख होगा।
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