मंडरा रहा संकट
रोजगार के साथ बच्चों की शिक्षा को चिंतित हैं भोटवासी
बोले लोग
रोजगार के साथ बच्चों की शिक्षा को चिंतित हैं भोटवासी
बोले लोग
बिलासपुर/भोट हिन्दुस्तान संवाददिल्ली-नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग-87 का
रामपुर से लेकर काठगोदाम तक का हिस्सा चौड़ा कर भोट में आबादी के बीच से
फोरलेन बनाने की योजना ने व्यापारियों के कारोबार और बच्चों की शिक्षा पर
भी संकट की तलवार लटका दी है।भोट में फोरलेन को आबादी को उजाड़कर निकाला जा
रहा है। इसके प्रस्तावित नक्शे में लोगों के सैकड़ों मकानों के अलावा करीब
अस्सी दुकानें तथा तीन-तीन स्कूल व धर्मस्थल भी आ रहे हैं। दुकानदारों का
कहना है कि उन्होंने वर्षों की मेहनत के बाद अपने कारोबार को जमाया है,
जिससे वह अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। दुकानें उजड़ जाने के बाद उनके
परिवार का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। फोरलेन की जद में आ रहे अजहरी जूनियर
हाईस्कूल, विकास चिल्ड्रन एकेडमी तथा सरकारी प्राथमिक विद्यालय के
शिक्षकों, अभिभावकों का कहना हैकि संस्थानों उजड़ जाने के बाद उन्हें पुन:
आबादी के पास स्थापित करना काफी मुश्किल होगा। वहीं, फोरलेन की चपेट में आ
रहे मां दुर्गा मंदिर, शिव मंदिर तथा बाबा की प्राचीन समाधि के भक्तों का
कहना है कि हर उपासना स्थल का अलग महत्व होता है।
कोई भी कारोबार स्थापित करने में सालों की मेहनत लगती है। नई जगह जाकर
कारोबार जमाने में फिर शुरू से मेहनत करनी पड़ेगी, तब तक परिवार की जरूरतें
कैसे पूरी होंगी।-दिलदार पाशा, व्यापारीसरकार एक तरफ तो बच्चों की शिक्षा
पर इतना जोर दे रही है और दूसरी तरफ स्कूल उजाड़ने से पहले रत्ती भर भी
नहीं सोचा गया। यह सरकार की दोगली नीति नहीं तो क्या है। -शाकिर अली, स्कूल
प्रबन्धक जूनियर हाईस्कूल सरकार हमें दुकानों का मुआवजा दे सकती है, मगर
जो ग्राहक हमारी जमी-जमाई दुकान पर आकर मुनाफा देते हैं,हमारी नई दुकान पर
भी आएंगे, इसकी क्या गारंटी है। -सराफत अली, व्यापारी धर्मस्थल व्यक्ति की
आस्था से जुड़े होते हैं। नागरिकों को भारतीय संविधान ने अपनी आस्था पालन
करने का पूरा अधिकार दिया है। सरकार को संविधान विरोधी कार्य नहीं करना
चाहिए।-महंत महेश भगत, पुजारी मां दुर्गा मंदिर
कोई भी कारोबार स्थापित करने में सालों की मेहनत लगती है। नई जगह जाकर
कारोबार जमाने में फिर शुरू से मेहनत करनी पड़ेगी, तब तक परिवार की जरूरतें
कैसे पूरी होंगी।-दिलदार पाशा, व्यापारीसरकार एक तरफ तो बच्चों की शिक्षा
पर इतना जोर दे रही है और दूसरी तरफ स्कूल उजाड़ने से पहले रत्ती भर भी
नहीं सोचा गया। यह सरकार की दोगली नीति नहीं तो क्या है। -शाकिर अली, स्कूल
प्रबन्धक जूनियर हाईस्कूल सरकार हमें दुकानों का मुआवजा दे सकती है, मगर
जो ग्राहक हमारी जमी-जमाई दुकान पर आकर मुनाफा देते हैं,हमारी नई दुकान पर
भी आएंगे, इसकी क्या गारंटी है। -सराफत अली, व्यापारी धर्मस्थल व्यक्ति की
आस्था से जुड़े होते हैं। नागरिकों को भारतीय संविधान ने अपनी आस्था पालन
करने का पूरा अधिकार दिया है। सरकार को संविधान विरोधी कार्य नहीं करना
चाहिए।-महंत महेश भगत, पुजारी मां दुर्गा मंदिर
हाईवे चौड़ीकरण की जद में आ रहा भोट स्थित प्राथमिक विद्यालय। ’ हिन्दुस्तान
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