समायोजन में एक नीति न होने पर बेसिक शिक्षकों में बढ़ी नाराजगी, प्रदेश के विभिन्न जिलों में चल रही समायोजन की प्रक्रिया को लेकर बढ़ रही नाराजगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) ने वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न जिलों में चल रही समायोजन की प्रक्रिया को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। संघ ने कहा है कि शिक्षकों के समायोजन में कोई एक नीति नहीं है। कहीं वरिष्ठ तो कहीं जूनियर शिक्षकों का मनमाना तबादला किया जा रहा है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा एक प्रयोगशाला बन गई है। कभी स्कूलों की पेयरिंग, कभी टीईटी अनिवार्यता तो कभी ऑनलाइन हाजिरी की वजह से शिक्षक परेशान रहे हैं। अब सरप्लस शिक्षकों के समायोजन में उनके सामने नई मुसीबत खड़ी है। जिन स्कूलों में मानक से अधिक शिक्षक हैं, उन्हें एकल व बंद स्कूलों में भेजने की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने बताया है कि जिले में सरप्लस की जो सूची बनाई जा रही है, उसमें कुछ जगह जूनियर का तबादला किया जा रहा है। वहीं, कुछ जिलों में वरिष्ठ के तबादले का विकल्प दे रहे हैं। कुछ जगह बिना विकल्प के ही जबरन समायोजन की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि हर जिले में अलग-अलग नीति से शिक्षकों में काफी नाराजगी है।
लखनऊ: हाथरस के बीएसए में खंड शिक्षाधिकारियों को आदेश दिया है कि शिक्षक विहीन और एकल विद्यालय में जूनियर शिक्षक कर तबादला समायोजन कर दिया जाए। आदेश में यह भी लिखा है कि शिक्षकों से बिना विकल्प लिए तबादला किया जाए। वहीं, हमीरपुर के बीएमए लिखते हैं कि विकल्प लेकर शिक्षक का तबादला कर दिया जाए। कई तरह की ऐसी असमानताएं केवल मामला इन दो जिलों का ही नहीं, पूरे प्रदेश का पही हाल है।
कुछ बीएसए सीनियर शिक्षक का तबादला कर रहे हैं तो कुछ जिलों में जूनियर का तबादला कर दे रहे। इतना ही नहीं, कुछ बीएसए ने विकल्प लेकर तबादला करने की बात लिखी है तो कुछ बिना विकल्प तबादले को कह रहे। वहीं कुछ जिले ऐसे भी है, जहां जूनियर का कोई निक ही नहीं किया गया है। ऐसे में किसी भी शिक्षक का तबादला किया जा सकता है। जिलों में अलग-अलग नीति अपनाए जाने से शिक्षक परेशान हैं। उनका कहना है कि बिना किसी नियम के जिस शिक्षक को चाहेंगे, तबादला कर दिया जाएगा। कोई विकल्प नहीं भरता है, तो उसका तबादला जबरन करने की बात भी कई जिलों के बीएसए कर रहे हैं।
कहां कैसे हो रहे तबादले?
शासनादेश में कह स्पष्ट नहीं किया गया कि तबादला जूनियर का होगा या सीनियर का। सीतापुर के बीएसए ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया कि किस शिक्षक का पहले तबादला होगा। कुशीनगर के बीएसए ने यह तो लिखा है कि पहले दिव्यांग सरप्लस, फिर महिला सरप्लस और फिर पुरुष सरप्लस का तबादला होगा। लेकिन उन्होंने यह नहीं स्पष्ट किया कि इनमें भी पहले जूनियर का किया जाएगा या फिर सीनियर का। हमीरपुर के बीएसए ने पहले दिव्यांग महिला, फिर दिव्यांग पुरुष, उसके बाद बरिष्ठ महिला और फिर वरिष्ठ पुरुष अध्यापक का तबादला करने के लिए लिखा है।
शासन और निदेशक स्तर से जारी आदेश 19 दिसंबर को जो पत्र लिखा है, उसके अनुसार दिव्यांग, महिला, पुरुष विषया और विधुर के साथ ही वरिष्ठता के आधार पा तबादला होगा। वहीं, 26 दिसंबर को बिना किसी विकल्प के जूनियर शिक्षक तबादला करने के लिए लिखा है।
बड़े अफसरों ने साधा मौन
इस बारे में अपर मुख्य सचिन पार्थ सारथी सेन शर्मा, डीजी स्कूल शिक्षा मोनिका रानी, निदेशक बेसिक शिक्षा से बात करने के लिए फोन किया गया। उनका पक्ष जानने के लिए मेसेज भी किया। अपर मुख्य सचिव ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। बाकी अधिकारियों ने भी कोई जवाब नहीं दिया।
क्या है असल वजह?
इसके पहले भी बेसिक शिक्षकों के तबादले होते रहे है। प्रदेश स्वर में ऑनलाइन चुनते थे। इस बार तबादला करने के लिए बीएसए पर छोड दिया गया है। वे अपने स्तर से अलग-अलग़ निर्णय ले रहे है। जानकारों के अनुसार इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि इसस पहले एक बार सीनियर और एक बार जूनियर का नियम था। तब भी कुछ शिवक कोर्ट चले गए थे। कोर्ट ने ना सिरे से नही बनाने के लिए कहा गया। यही वजह है कि जिला स्तर से कैसे भी तबादला प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश की जा रही है। अभी कोर्ट बंद है। ऐसे में शिक्षक अभी कोर्ट भी नहीं सकते।
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