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Thursday, September 8, 2016

अलीगढ: अंगूठे को दिखाया अंगूठा, जनपद का पहला पूर्ण साक्षर ग्राम बना बहरावद

सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ 1सांसद आदर्श गांव बहरावद के लोगों को अब कोई ‘काला अक्षर भैंस बराबर’ कहकर नहीं चिढ़ा सकेगा। यहां ‘अंगूठा छाप’ का अभिशाप मिट चुका है। गांव का हर आदमी 1आसानी से हंिदूी पढ़-लिख सकता है। यह जिले में पहला पूर्ण साक्षर गांव बना है। 1दो साल पहले1केंद्र सरकार निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए लोक शिक्षा समिति का संचालन कर रही है। इसके तहत 15 साल से अधिक उम्र के लोगों को कक्षा तीन के स्तर तक की शिक्षा दी जाती है। समिति को दो साल पहले बहरावद को पूर्ण साक्षर बनाने का लक्ष्य मिला।1357 निरक्षर थे1बहरावद में 1719 पुरुष व 1514 महिलाएं हैं। दो साल पहले गांव में 357 लोग निरक्षर थे। इन्हें पढ़ाने के लिए लोक शिक्षा केंद्र खोलकर प्रेरक महेंद्रपाल की नियुक्ति की गई। छह-छह माह बाद पढ़ने वालों की परीक्षा हुई। अंतिम परीक्षा 22 अगस्त को हुई। इसमें सफल रहे सभी 18 लोगों को प्रमाण-पत्र देने के बाद प्रशासन ने गांव को पूर्ण साक्षर घोषित किया। 1

जिले की साक्षरता दर (फीसद में)
अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर आठ सितंबर को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होने वाले समारोह में बहरावद के पांच नवसाक्षरों को सम्मानित किया जाएगा। ये लोग दिल्ली रवाना हो चुके हैं। 1जो शख्स अपना नाम पढ़-लिख नहीं सकता। सामने लिखी संख्या को नहीं बता सकता है, उसे निरक्षर कहा जाता है। सरकार कक्षा तीन तक जानकारी रखने वालों को साक्षर मानती है।कुल दर>>69.611पुरुष>>80.241महिला>>59.491पांच लोग होंगे सम्मानितनिरक्षर का अर्थ1बहरावद जिले का सबसे पहला पूर्ण साक्षर गांव बना है। परीक्षा के बाद इसकी घोषणा की गई है। अब गांव का हर शख्स पढ़-लिख सकता है। नीलम शर्मा, पूर्णकालिक अधिकारी, जिला लोक शिक्षा समिति।गांववाले रुचि से पढ़े हैं। मेरी इच्छा है कि यह सिलसिला जारी रहे, ताकि लोगों को और ज्ञान मिले। गांव के लोग सम्मानित हो रहे हैं, यह गर्व की बात है।राजन सिंह ग्राम प्रधान, बहरावद।


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