बेसिक शिक्षा में कुछ अलग तरीके अपनाकर (नवाचार) से पठन-पाठन कराने वाले बीएसए और एबीएसए को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का एलान किया गया है। नवाचार के तहत पठन-पाठन कराए जाने की रिपोर्ट के साथ हर जिले से बीएसए और एबीएसए के नाम मांगे गए हैं। 10 अक्टूबर तक भेजी जाने वाली सूची के जांच के बाद इन दोनों तरह के अधिकारियों को दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कुलसचिव ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए किए जाने वाले क्रियाकलापों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। शासन द्वारा परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक संवर्धन के लिए प्रयास किए जाने पर बल दिया जा रहा है। शासन के आदेशों का पालन करने के साथ ही खुद की सोच के साथ प्रयासों पर बल दिया जाए। प्रदेश में तैनात तमाम बीएसए और एबीएसए द्वारा प्रयास भी किए हैं। इसी क्रम में बीते सत्र 2014-15 में तत्कालीन बीएसए ओपी त्रिपाठी ने प्रयास किया और जनपद से विदा होने के बाद बांदा के बीएसए रहते हुए राष्ट्रीय पुरस्कार पाया था। विश्वविद्यालय में 2016-17 के नाम मांगे गए हैं। योजना के तहत बीएसए के नाम मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक देंगे, जबकि एबीएसए के नाम बीएसए द्वारा चयनित किए जाएंगे। बीएसए विनय कुमार सिंह ने बताया कि आदेश मिल गया है। जल्द ही अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
No comments:
Write comments