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Thursday, October 13, 2016

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने रखें अपने विचार, सीबीएसई स्कूलों के शिक्षक सिर्फ पढ़ाएंगे, न लिए जाएं गैर शिक्षण कार्य

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) चाहता है कि उसके पाठय़क्रम का संचालन करने वाले निजी स्कूलों के शिक्षक सिर्फ पढ़ाने का काम करें। इन शिक्षकों पर गैर शिक्षण कार्यो को नहीं लादा जाए। देशभर से इस बाबत शिकायत मिलने के बाद बोर्ड ने संबंधित स्कूलों से उनके यहां तैनात कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। सूत्रों ने बताया कि देश के सबसे बड़े स्कूली बोर्ड ने करीब 16 हजार स्कूलों को सकरुलर जारी किया है। स्कूलों से कहा गया है कि उनके यहां गैर शिक्षण कर्मचारियों को दिए गए कार्यो का ब्योरा उपलब्ध कराया जाए। इस बाबत जानकारी उपलब्ध कराने वालों में दिल्ली के भी कई नामचीन स्कूल शामिल हैं। दिल्ली एक्शन कमेटी के अध्यक्ष एसके भट्टाचार्य ने बताया कि शिक्षकों की प्रशासनिक कार्यो में कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। उनका कार्य सिर्फ शिक्षण से संबंधित होना चाहिए। इसमें डिबेट, डांस और खेल भी शामिल है। उत्तर प्रदेश के इंदिरापुरम में एक निजी स्कूल में कार्यरत एक शिक्षक ने बताया कि काम का ज्यादा बोझ होता है। उन्हें प्रत्येक छात्र के मूल्यांकन की फाइल बनाने को भी कहा जाता है। सीबीएसई के नियमों के मुताबिक निजी स्कूलों में शिक्षण और गैर शिक्षण कार्यो के लिए अलग स्टाफ होना जरूरी है।

क्लर्क का काम करा रहेसीबीएसई से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कई शिक्षकों ने बोर्ड से शिकायत की थी। इसमें बताया था कि स्कूल अपनी लागत कम करने के लिए शिक्षकों से फीस जमा करने और छात्रों को स्कूल बस से उतारने-चढ़ाने का काम कराते हैं। यह कार्य मुख्य रूप से क्लर्क और गैर शिक्षण कर्मचारियों का है।

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