जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा कर नौकरी लेने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी महीने 26 शिक्षकों की सेवा समाप्त किए जाने के बाद 17 नए मामले समाने आए हैं। विभाग अब इन अभ्यर्थियों के शैक्षिक अभिलेखों का दोबारा जांच (सत्यापन) कराई जा रही है।
जिले के परिषदीय स्कूलों में फर्जीवाड़ा कर नौकरी पा लेना खेल बन गया है। विभाग में सक्रिय रैकेट अभ्यर्थियों की जाली अभिलेख तैयार कर उन्हें शिक्षक बना देते हैं। जांच में पकड़े जाने पर उसकी सेवा समाप्त कर जिम्मेदारियों की इतिश्री कर ली जाती है। बीतो दिनों हुई प्राथमिक स्कूलों में 16448 सहायक अध्यापक की भर्ती के क्रम में जिले में कुल 497 शिक्षकों की भर्ती हुई थी। विभागीय जांच के दौरान इनमें से 26 शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेश यादव ने इन सभी शिक्षकों की बर्खास्त कर दिया था। इसी बीच बीएसए द्वारा किए गए शैक्षिक अभिलेखों के भौतिक सत्यापन में भी 11 अभ्यर्थियों के शैक्षिक अभिलेखों में गड़बड़ी मिली है। इन अभ्यर्थियों द्वारा हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के साथ-साथ स्नातक व प्रशिक्षक के प्रमाण पत्रों में भी फर्जीवाड़ा किया गया है जिससे मेरिट को ऊपर उठाकर भर्ती प्रकिया में चयनित हो सके।
इसके अलावा 16448 की भर्ती प्रक्रिया में कम मेरिट के चलते चयन से बाहर रह गए अभ्यर्थियों ने बीएसए को पत्र भेज कर कुछ शिक्षकों के फर्जी होने की शिकायत भी की थी। इस सूची में भी शामिल जिले के छह शिक्षकों के अभिलेख त्रुटिपूर्ण पाए गए हैं। विभाग द्वारा इन शिक्षकों के अभिलेखों की जांच भी कराई जा रही है। बीएसए रमेश यादव ने बताया कि जिन शिक्षकों की शैक्षिक अभिलेख संदिग्ध पाए गए थे। उनके अभिलेखों की जांच कराई जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।1पहले भी बर्खास्त किए जा चुके हैं 24 शिक्षक
बेसिक शिक्षा विभाग में पहले हुई 72825, 1600, गणित-विज्ञान व उर्दू शिक्षकों की भर्ती में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी फर्जी पाए गए थे। इसमें से अबतक 24 शिक्षकों की तो सेवा समाप्त की जा चुका है। जबकि 22 शिक्षकों के खिलाफ अभी भी विभागीय जांच चल रही है।
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