लगातार अनुपस्थित छात्रों को विद्यालय लाने के लिए परिषदीय शिक्षक अब घर-घर कुंडी खटकाएंगे। ऐसे बच्चों के चिन्हांकन का कार्य शुरू हो गया है। नगर क्षेत्र में शिक्षा के प्रति जागरुकता के बावजूद विद्यालय में बच्चों का ‘गूलर का फूल’ बन जाना विभागीय अधिकारियों के लिए अबूझ पहेली बन गया है। नगर क्षेत्र फरुखाबाद-फतेहगढ़ के विद्यालयों में छात्र उपस्थिति घट कर 25 फीसद से भी नीचे पहुंच गयी। यह हाल तब है, जब सभी बच्चों को यूनीफार्म मिल गई। किताबें भी बंट गईं। दूध तो दूर, फल भी मिलने लगे। गुरुवार को प्राथमिक विद्यालय साहबगंज के 53 में 7 व कन्या प्राइमरी लिंजीगंज में 90 में 19 बच्चे ही मौजूद थे। स्कूल चलो अभियान व रैलियों के बावजूद छात्र उपस्थिति घटने से अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ गई हैं। नगर शिक्षा अधिकारी सुमित वर्मा कहते हैं कि सभी हेड मास्टर लगातार 10 या 15 दिन न आने वाले बच्चों का चिन्हांकन कर सूची बनाएंगे। भ्रमण पंजिका तैयार कर विद्यालय का कोई न कोई शिक्षक स्कूल न आने वाले बच्चों के घर पहुंचेगा। बच्चों के मम्मी-पापा या दादा-दादी से मिलकर छात्र को विद्यालय भेजने का अनुरोध करेंगे। भ्रमण पंजिका पर विवरण दर्ज किया जाएगा कि बच्चे के किस अभिभावक से बात हुई।
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