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Sunday, December 11, 2016

लाठीचार्ज में जान गंवाने वाले शिक्षक रामआशीष सिंह सहित सात लोगों के खिलाफ 13 धाराओं में मुकदमा दर्ज, लाइन हाजिर इंस्पेक्टर की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा

लाठी चलाते हुए ही दर्ज कर दी रामआशीष के खिलाफ रिपोर्ट

रिपोर्ट की कॉपी अटेवा को सौंपी गई तो पुलिस के खेल का खुलासा हुआ

अटेवा-पेंशन बचाओ मंच के प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज में जान गंवाने वाले शिक्षक रामआशीष सिंह सहित सात लोगों के खिलाफ गंज कोतवाली में 13 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। रिपोर्ट रामआशीष की गैरइरादतन हत्या के आरोप में नामजद लाइनहाजिर इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह की तहरीर पर दर्ज हुई है।

आश्चर्य की बात यह है कि एफआईआर दर्ज करने का समय तब का है, जब लाठीचार्ज हो रहा था। शनिवार को रिपोर्ट की कॉपी अटेवा को सौंपी गई तो पुलिस के खेल का खुलासा हुआ। अब सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या लाठी चलवाते समय ही रिपोर्ट दर्ज कर ली गई थी और तुरंत मृतक सहित सभी लोगों को चिह्नित भी कर लिया गया।

मृतक को तोड़फोड़, पुलिस के साथ मारपीट, मार्ग अवरुद्ध करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोपित बनाया गया है। उधर, एफआईआर के विरोध में आक्रोशित अटेवा के पदाधिकारियों ने प्रदेशभर के शिक्षकों की रविवार को दारुलशनफा में बैठक बुलाई है। बैठक में पुलिस के खिलाफ कोर्ट जाने की रणनीति बनाई जाएगी।

अटेवा (ऑल टीचर्स एंप्लॉय वेलफेयर असोसिएशन) के प्रदेशाध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने बताया कि रामआशीष की लाठीचार्ज शुरू होते ही चोट लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया था। इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें तोड़फोड़, मार्ग अवरुद्ध करने और पुलिसकर्मियों से मारपीट का आरोपित बना दिया है। रामआशीष के अलावा छह और लोगों को भी नामजद किया गया है।

कहां गए घायल राहगीर
विजय बंधु का यह भी कहना है कि तहरीर के मुताबिक शिक्षकों के पथराव में दर्जनों राहगीर गंभीर रूप से घायल हुए थे। उन्हें किस अस्पताल में भर्ती करवाया या कहां इलाज चल रहा है, इसका जवाब भी पुलिस के पास नहीं है। तहरीर में लिखा गया है कि प्रदर्शन के दौरान पूरे शहर का यातायात ठप हो गया था। करीब 20 किलोमीटर की परिधि में बसे शहर का यातायात एक मार्ग पर प्रदर्शन होने से कैसे ठप हो गया।

विजय कुमार बंधु ने बताया कि पुलिस ने राजकुमार सिंह की जिस तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है, पुलिस रेकॉर्ड के मुताबिक वह प्रदर्शन वाले दिन (बुधवार) शाम 4:15 बजे हजरतगंज कोतवाली में दी गई थी। जिस पर तुरंत एफआईआर भी दर्ज कर ली गई थी। हकीकत यह है कि शक्ति भवन के सामने प्रदर्शनकारियों पर शाम 4:30 बजे तक पुलिस लाठियां ही बरसाती रही। करीब पांच बजे रामआशीष के साथ दर्जन भर घायल शिक्षकों को सिविल अस्पताल लाया गया। शिक्षकों ने प्रदर्शन किया तो राजकुमार सिंह यहां भी हालात संभालने के लिए मौजूद थे। ऐसे मे शाम 4:15 बजे वह तहरीर लिखकर कोतवाली कब पहुंचे, इसका जवाब कोर्ट में मांगा जाएगा।

कैंडल मार्च निकालकर मांगा मुआवजा
रामआशीष सिंह की याद में शनिवार को उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से कैसरबाग स्थित संघ कार्यालय से शहीद स्मारक तक कैंडल मार्च निकाला गया। इस दौरान संगठन के प्रदेशीय मंत्री डॉ़ आरपी मिश्र, जिलाध्यक्ष इन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, मंत्री अनुराग मिश्र सहित कई लोग मौजूद रहे। सभी ने मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा देनेे की मांग की।

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