केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति पर काम कर रही है। प्रयास यह है कि बच्चों का बोझ और तनाव दोनों कम हों। बच्चे शिक्षा के साथ उपलब्ध मंच का हर संभव उपयोग कर अपनी प्रतिभा को और निखारें।
ये बातें केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डा.महेंद्र नाथ पांडेय ने कही। वे शनिवार को गोरखनाथ मंदिर स्थित दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्थापक सप्ताह समारोह के मुख्य महोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि थे।
कहा कि शिक्षा में ज्ञान के साथ संस्कृति, संस्कार, परंपरा, मूल्य एवं राष्ट्रीयता भी शामिल हैं। मुङो खुशी है कि गोरक्षपीठ से संचालित एमपी शिक्षा परिषद से जुड़ी संस्थाएं इस काम को पूरे मनोयोग से कर रहीं हैं। श्री पांडेय ने कहा कि मैं चाहूंगा इतनी बड़ी संस्था का मुखिया होने के नाते योगी आदित्यनाथ भी नई शिक्षा नीति पर अपना सुझाव दें। विशिष्ट अतिथि और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू ने कहा कि सही मायनों धर्म वही है जो इंसान के काम आए। उन्होंने देश की जरूरतों और संसाधनों के गैप पर चर्चा की। कहा कि इसकी भरपाई बच्चों को ही करनी है। यह तभी संभव होगा जब आप अपने समय का अधिकतम एवं सार्थक उपयोग करें। बच्चों से अपील की कि वे लीक से हटकर बड़ा सोचें। उस सोच तक पहुंचने के लिए मेहनत करें। निश्चित ही देश बदल जाएगा।
बतौर अध्यक्ष गोरक्षपीठाधीश्वर एवं सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि परिषद से जुड़ी अन्य संस्थाएं शिक्षा के साथ सुदूर ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य, सफाई और साक्षरता आदि पर मुद्दों पर भी काम कर रही हैं। संस्था प्रमुखों से अपील की कि वे अपनी संस्था को आदर्श और नजीर बनाएं। भीड़ का हिस्सा बनने की बजाय कुछ अलग और अच्छा करें। समारोह के तहत आयोजित प्रतियोगिता के विजेता बधाई के पात्र हैं, पर पुरस्कार न पाने वालों से भी हमारी सहानुभूति है। ऐसे प्रतिभागी अपनी विफलता को सफलता का मार्ग बनाएं। कार्यक्रम के शुरू परिषद के उपाध्यक्ष पूर्व कुलपति प्रो.यूपी सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया।
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