50 एनजीओ को मिलेगी जिम्मेदारी, जल्द फाइनल होगी सूची
प्रशासनिक अधिकारी भी लेंगे गोद
बीएसए ने बताया कि एनजीओ के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी भी स्कूल गोद लेंगे। हर अधिकारी को एक स्कूल गोद दिया जाएगा। स्कूल का चयन उनका अपना होगा। इसके बाद वे स्कूल के विकास में सहयोग देंगे। इसके अलावा राजधानी के लोग भी स्कूल गोद लेना चाहते हैं, तो उन्हें जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए उन्हें बताना होगा कि वे किस तरह से और क्या बदलाव लाकर सहयोग करेंगे।
स्कूलों की होगी मॉनिटरिंग
यह पहली बार नहीं है, जब स्कूल गोद देने की बात कही जा रही है। इससे पहले भी कई अधिकारियों ने स्कूल गोद लिया था, हालांकि इससे कोई खास बदलाव नहीं आया। कुछ अधिकारियों ने गोद लेने के बाद स्कूलों में खास सहयोग नहीं किया। इसकी वजह से इस बार एनजीओ को तरजीह दी जा रही है। बीएसए का कहना है कि स्कूल को गोद देने के बाद समय-समय पर निरीक्षण कर उसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी।•जीशान हुसैन राईनी, लखनऊ
राजधानी के सरकारी स्कूलों को संवारने के लिए एनजीओ की मदद लेने की तैयारी की जा रही है। योजना के मुताबिक शहर के 50 से अधिक एनजीओ को सरकारी स्कूल गोद दिए जाएंगे, जो स्कूलों फर्नीचर, बच्चों को किताबें और मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाएंगे। इसके एवज में एनजीओ को स्कूलों में की विभिन्न गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी। इससे एनजीओ के साथ बच्चों को भी एक्सपोजर मिलेगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि डीएम से चर्चा के बाद इस मुद्दे पर सहमति बनी है। इस योजना के लिए शहर के प्रमुख एनजीओ की सूची तैयार की गई है। इन सभी के प्रतिनिधियों को चर्चा के लिए बुलाया जाएगा। कई एनजीओ पहले से स्कूल गोद लेने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा उन स्कूलों को भी चिह्नित किया जाएगा, जिनमें मूलभूत सुविधाएं डिवेलप करने की जरूरत है।
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