DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Saturday, June 3, 2017

लखनऊ : परिषदीय स्कूलों से गायब हुए 73 हजार छात्र, मिड-डे-मील की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, आधार फीडिंग से निकला सच


लखनऊ। राजधानी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में स्टूडेंट्स के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा सामने आया है। वर्ष 2016-17 में जितने स्टूडेंट्स पूरे राजधानी में रजिस्ट्रड दिखाए गए थे, उनमें से 35 प्रतिशत स्टूडेंट्स कभी स्कूल नहीं गए। मिड-डे-मील वितरण की रिपोर्ट यह खुलासा हुआ है। जिसमें बताया गया है कि राजधानी में करीब 65 प्रतिशत स्टूडेंट्स ही उपस्थित हुए। शेष स्टूडेंट्स का कही कुछ पता नहीं है।




बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से राजधानी में करीब 2223 स्कूलों का संचालन किया जाता है। हर साल मिड-डे-मील प्राधिकरण पूरे जनपद में कितने स्टूडेंट्स को पूरे साल मिड-डे-मील का वितरण किया गया। इसका रिकार्ड तैयार करता है। नए सत्र 2017-18 से मिड-डे-मील की योजना को आधार से जोड़ा जा रहा है। लिहाजा आधार बनवाने केलिए जो रिपोर्ट तैयार की गई, वह काफी चौंकाने वाली रही। पिछले सत्र में 2,09,886 बच्चों का पंजीकरण दिखाया गया था। जबकि उपस्थिति 1, 36,425 (65 प्रतिशत) रही। इसमें 35 प्रतिशत स्टूडेंट्स ऐसे थे जो कभी भी स्कूल नहीं गए।




आधार कार्ड बनना शुरू हुआ तो सामने आया सचशासन ने मिड-डे-मील खाने वाले सभी कक्षा एक से आठ तक के बच्चों का आधार अनिवार्य कर दिया है। आधार बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से बच्चों का रिकार्ड तैयार किया। जिसमें पता चला कि 2,09,886 में से 1,36,425 ही विद्यालय आ रहे हैं। बाकी बच्चे आज तक नहीं स्कूल आए। हालांकि इस बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल में स्कूल चलो अभियान के तहत पूरे एक महीने हर स्कूल के शिक्षक अपने आसपास के क्षेत्रों में जाकर स्टूडेंट्स को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों को प्रेरित करते हैं। साथ ही उन स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन कराते हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर स्टूडेंट्स महीने या दो महीने में स्कूल छोड़कर चले जाते हैं।





बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से राजधानी में करीब 2023 स्कूलों का संचालन किया जाता है। पिछले शैक्षिक सत्र 2016-17 में इन स्कूलों में करीब दो लाख नौ हजार 886 स्टूडेंट्स को क्लास एक से आठवीं तक रजिस्ट्रेशन दिखाया गया था। जब इन बच्चों को मिड-डे-मील वितरण देना शुरू हुआ तो पता चला कि 35 प्रतिशत स्टूडेंट्स (करीब 73,461) पूरे साल गायब रहे। आखिर इतनी बड़ी संख्या में बच्चे क्यों स्कूल नहीं आए। पर कोई बोलने को तैयार नहीं है। माना जा रहा है कि स्कूलों में इन बच्चों का फर्जी नामांकन कर संख्या बढ़ा कर बता दी गई।




परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों में से 33 हजार का आधार कार्ड बन चुका है। जबकि 2,09,886 बच्चों का आधार बनना है। बीएसए कार्यालय के मुताबिक शनिवार से आधार बनने की प्रक्रिया फिर से शुरू हो जाएगी। जून के अंत तक सभी बच्चों का आधार बनना जरूरी है, बिना आधार के जुलाई से बच्चों को मिड-डे-मील नहीं मिल पाएगा।

No comments:
Write comments