लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लगभग 41 फीसदी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में लगभग 50 फीसदी..। जी हां, ये है सरकारी स्कूलों में मुफ्त बंटने वाली पाठ्यपुस्तकों के बांटें जाने का सच। किसी कक्षा में एक किताब..कहीं चार तो कहीं एक भी किताब नहीं पहुंची। भाजपा सरकार के दावे के उलट शैक्षिक सत्र शुरू होने के 4 महीने बीतने के बाद भी अभी तक किताबें सभी बच्चों के हाथ में नजर नहीं आ रही हैं। अन्य जिलों में भी हालात कमोबेश ऐसे ही हैं।
प्रदेश में सरकार बनते ही दावा किया गया था कि सत्र शुरू होते ही किताबों का पूरा सेट बच्चों के हाथ में होगा। मुख्यमंत्री से लेकर उप मुख्यमंत्री और मंत्री तक भ्बार-बार इसका जिक्र करते आए पर नतीजा ढाक के तीन पात नज़र आ रहा है।
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