'वेतन विसंगति का हल छह माह में निकले'
सातवें वेतनमान के लिए मुख्य सचिव
को लिखा गया पत्र• एनबीटी, लखनऊ: प्रदेश के विभिन्न निगमों के कर्मचारियों को सातवें की जगह चौथा और पांचवां वेतनमान मिल रहा है। इसके सहित कई अन्य लम्बित मांगों के लिए शनिवार को उप्र राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मनोज मिश्र ने मुख्य सचिव राजीव कुमार को पत्र लिखकर वार्ता के लिए समय मांगा है।
मनोज मिश्र ने बताया कि अब तक सिर्फ चार निगमों को सातवां वेतनमान मिल रहा है। निगमों का गठन लाभ के नजरिए से नहीं किया गया है बल्कि उनका लक्ष्य दूरस्थ क्षेत्रों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। निगमों के प्रमुखों की निष्पक्ष जांच करवाई जाए। दूसरी ओर वहां के कर्मचारियों को संबंधित विभागों में समायोजित करवाया जाए। उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य मांगें है कि सभी निगमों के कार्मिकों को सातवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से दिया जाए। महंगाई भत्ता 2002 से पहले की व्यवस्था की तरह दिया जाए। सभी निगमों के रिटायमेंट आयु 60 वर्ष की जाए। संविदा कर्मियों को नियमित और कैशलेस चिकित्सा की सुविधा दी जाए।• एनबीटी, लखनऊ
विभागवार और पदवार कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों की लंबित संस्तुतियों पर जल्द निर्णय लेने की मांग राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मुख्य संयोजक जेएन तिवारी ने की। इस संबंध में शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा।
जेएन तिवारी ने संवाददाताओं को बताया कि वेतन समिति को रिपोर्ट देने में एक साल का समय लगा। ऐसे में उनकी मांग है कि समिति अब अपने बढ़े कार्यकाल, छह माह में ही अपनी बकाया रिपोर्ट प्रस्तुत कर दे। दूसरी ओर महामंत्री शशि सिंह ने वेतन समिति की रिपोर्ट सीएम को देने और वेतन समिति के अध्यक्ष के रूप में वृंदा स्वरूप की नियुक्ति का
स्वागत किया।
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