राजकिशोर पांडेय ’ हरिहरपुररानी (श्रवस्ती)1‘फलक को जिद है जहां बिजलियां गिराने की। हमें भी जिद है वहीं आशियां बनाने की।।’ यह शेर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय शुकुलपुरवा की प्रधानाध्यापिका गीता देवी पर एक दम सटीक बैठता है। गांव का प्राइमरी स्कूल चौतरफा बाढ़ के पानी से घिर गया। लेकिन शिक्षा के प्रति समर्पित शिक्षिका गीता देवी ने हार नहीं मानी। उन्होंने मुहम्मदपुर कला स्थित अपने घर को ही विद्यालय में तब्दील कर डाला। वह न सिर्फ अपने घर पर बच्चों को शिक्षित कर रही हैं, बल्कि वहीं पर एमडीएम बनवाकर बच्चों को दोपहर का भोजन भी करा रहीं हैं। 1उनका यह विशेष स्कूल नियमित रूप से और निर्धारित समय से शुरू हो जाता है। बच्चे भी समय से आ जाते हैं। आज के इस दौर में जब शिक्षक छुट्टी के नित नये बहाने ढूढ़ते हैं, ऐसे में शिक्षिका गीता देवी का यह प्रयास समूचे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। वह बताती हैं कि स्कूल के चारों ओर बीते चार अगस्त से अब तक बाढ़ का पानी भरा हुआ है। विद्यालय तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता भी नहीं है। बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए वे अपने घर में ही पाठशाला शुरू कर दी है। विद्यालय के सहायक शिक्षक संतोष पटेल व सीमा शुक्ला भी यहीं पर आकर बच्चों को पढ़ाते हैं। इस विद्यालय में कुल 57 बच्चे पंजीकृत हैं।
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