लखनऊ : आंगनबाड़ी केंद्रों से गर्भवती महिलाओं व बच्चों को वितरित होने वाला पोषाहार का टेंडर अब जीएसटी ने अटका दिया है। विभाग इस में है कि टेंडर किस रेट से आमंत्रित किए जाएं। अभी तक केंद्र सरकार से पोषाहार पर जीएसटी कम होने की कोई लिखित सूचना नहीं आई है। इस कारण बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग टेंडर आमंत्रित करना तो दूर अभी तक प्रपत्र ही फाइनल नहीं कर पाया है।
■ पोषाहार पर जीएसटी कम होने की केंद्र से नहीं आई सूचना
■ इस कारण पोषाहार सप्लाई के टेंडर प्रपत्र नहीं हो पा रहे फाइनल
■ नए टेंडर होने तक पुरानी कंपनियों से लिया जाएगा पोषाहार
दरअसल, गर्भवती महिलाओं व बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों से पोषाहार वितरित कराती है। यूं तो प्रदेश में पोषाहार सप्लाई के टेंडर मार्च 2016 में ही खत्म हो चुके हैं। सपा सरकार ने विधानसभा चुनाव के बीच में ही पोषाहार सप्लाई के टेंडर आमंत्रित किए थे। मतदान के एक दिन पहले टेंडर फाइनल भी कर दिए थे, लेकिन उस समय के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मतदान से एक दिन पहले टेंडर पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था। इस कारण टेंडर के एग्रीमेंट नहीं हो पाए थे।
इसके बाद प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आई। उनके पास जब यह मामला गया तो उन्होंने पुराने समय के इन टेंडरों को निरस्त कर दिया। नए सिरे से टेंडर आमंत्रित करने का निर्णय किया। तब तक पुरानी फर्मो से ही पोषाहार सप्लाई जारी रखी। सरकार ने तीन महीने के अंदर नए सिरे से टेंडर आमंत्रित कर पोषाहार सप्लाई का निर्णय लिया। लेकिन यह समय सीमा भी बीत गई। अब टेंडर के प्रपत्र जीएसटी के चक्कर में उलझ गए हैं। पहले आइसीडीएस के पोषाहार पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया था। अब इसे घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार से पांच प्रतिशत जीएसटी की दरें होने के आदेश नहीं मिले हैं।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार सचिव अनीता सी मेश्रम ने बताया कि उन्होंने केंद्र सरकार से जीएसटी की दरें स्पष्ट करने के लिए एक पत्र भेजा है। वहां से स्थिति साफ होने के बाद टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। जीएसटी की दरों में भ्रम के कारण ही अभी तक टेंडर आमंत्रित नहीं किए गए। केंद्र सरकार से जवाब आने के बाद टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।
■ इस बार पंजीरी के बजाय मिलेंगे स्वादिष्ट व्यंजन : प्रदेश सरकार इस बार गर्भवती महिलाओं या फिर बच्चों को पंजीरी के बजाय स्वादिष्ट व्यंजन देने जा रही है। यह व्यंजन प्री-मिक्स होंगे जैसे प्री-मिक्स हलवा, प्री-मिक्स दलिया, प्री-मिक्स उपमा व लड्डू आदि। सरकार इसे छोटे-छोटे पैकेट में सप्लाई करवाएगी। गर्भवती महिलाएं इन्हें गर्म पानी या फिर दूध में मिलाकर सीधे खा सकेंगी।
■ प्रति लाभार्थी बढ़ा पोषाहार का बजट : इस बार पोषाहार में बजट की कमी भी आड़े नहीं आएगी। केंद्र सरकार ने पोषाहार के बजट में प्रति लाभार्थी 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि की है। अभी तक प्रति लाभार्थी छह से नौ रुपये का बजट पोषाहार के लिए था। सभी में सरकार ने वृद्धि कर दी है। नए टेंडर इसी दरों पर आमंत्रित किए जाएंगे।
■ नए टेंडर होने तक पुरानी कंपनियों से लिया जाएगा पोषाहार : विभाग की सचिव अनीता सी मेश्रम ने बताया कि जब तक नए टेंडर फाइनल नहीं हो जाएंगे तक तक पुरानी फर्मो से ही पोषाहार लिया जाएगा। यह पोषाहार वर्ष 2013 की दरों से ही लिया जाएगा। अभी पुरानी फर्मो को जीएसटी का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। केंद्र सरकार से जीएसटी की दरें साफ होने के बाद इस पर कोई निर्णय किया जाएगा।
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