शिक्षकों की नियुक्ति पत्रवली का परीक्षण शुरू
जागरण संवाददाता, फरुखाबाद : डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से बीएड-2005 के फर्जी अंकपत्र से शिक्षक पद पर नौकरी पाने वाले अध्यापकों को चिह्नित किया जा रहा है। इसके लिए परिषदीय शिक्षकों की नियुक्ति पत्रवली का परीक्षण शुरू हो गया है। परीक्षण के बाद शिक्षकों की सूची एसआईटी जांच के लिए भेजी जाएगी। 1जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति में शामिल सदस्यों ने 2005 व उसके बाद परिषदीय विद्यालयों में हुई शिक्षकों की नियुक्ति पत्रवलियों की जांच प्रारंभ की। आगरा विश्वविद्यालय से बीएड-2005 का अंकपत्र व डिग्री के आधार पर सेवारत शिक्षकों की सूची बनायी जाने लगी है। 72 हजार 240 प्राथमिक व 29 हजार जूनियर शिक्षकों की भर्ती में भी इस विश्वविद्यालय से बीएड-2005 उत्तीर्ण कई शिक्षक जिले में भर्ती हुए। अनुदानित जूनियर स्कूलों व अनुदेशक पद पर भी ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की आशंका है। इन अभ्यर्थियों को चिह्नित किए जाने की कार्रवाई के लिए फिलहाल जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष भूपेश पाठक व राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष संजय तिवारी ने नियुक्ति पत्रवलियों के परीक्षण को सभी शिक्षकों का वेतन रोक दिए जाने की कार्रवाई का विरोध किया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि फर्जी अंकपत्र से नौकरी पाने वाले शिक्षकों के चिह्नंकन का कार्य चल रहा है। बेहद संवेदनशील मामला होने के कारण विशेष सतर्कता बरती जा रही है। दो दिन में परीक्षण का कार्य पूर्ण होते ही वेतन पर रोक हट जाएगी। शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान उनकी पहली प्राथमिकता है।’>>आगरा विश्वविद्यालय से बीएड, 2005 के फर्जी अंकपत्र से नियुक्ति का मामला
No comments:
Write comments