खून से लिखा पत्र, 72 घंटे का अल्टीमेटम
August 12, 2019
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने रविवार को नहर कॉलोनी मैदान में बैठक करके समस्याओं के निस्तारण की आवाज बुलंद की। बैठक में जुटे शिक्षामित्रों ने मानव संसाधन विकास मंत्रलय नई दिल्ली को खून से पत्र लिखकर भेजा। मंत्रलय को पत्र लिखने के साथ ही आरोप लगाया कि उनकी समस्याओं की सुनवाई नहीं हो रही है। शासन के आदेश को भी प्रशासन नहीं मान रहा है। 72 घंटे के अंदर जिला स्तरीय समस्याओं का समाधान न किया गया तो बीएसए कार्यालय में घेरा डालो-डेरा डालो के तहत आंदोलन होगा। जिलाध्यक्ष विजय सिंह गौर ने कहाकि बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षामित्रों की धैर्य की परीक्षा न ले। धरने में बैठेंगे तो तभी हटेंगे जब हमारी समस्याएं निस्तारित हो जाएंगी।
धरनास्थल पर जुटे शिक्षामित्रों ने एकबार फिर से हुंकार भरी और प्रशासन को चेताया कि इतिहास गवाह है कि हक की लड़ाई के लिए शिक्षामित्र मर मिटने पर अमादा हो जाता है। शासन और प्रशासन ने फिर से वही स्थिति पैदा कर दी है। शिक्षामित्रों ने लचर कार्यशैली पर आरोप लगाते हुए कहा कि समायोजन रद होने के बाद शिक्षामित्र परेशान हैं। 10 हजार की पगार में 50 से 70 किमी दूरी पर प्रतिदिन दायित्व निर्वहन के लिए जाना पड़ता है। प्रमुख मांगों में महिला शिक्षामित्रों को ससुराल के विद्यालय भेजा जाए। शिक्षामित्रों को मूल विद्यालय भेजा जाए। जिलाध्यक्ष श्री गौर ने कहाकि विभाग के पास शुक्रवार तक का समय है। अन्यथा शिक्षामित्र आंदोलन की राह पकड़ लेगा। मौके पर श्रीचंद्र, सुरेश सिंह, जितेंद्र सिंह, इंद्रपाल, रामसेवक, मूलचंद्र, सुधा सिंह, विजय लक्ष्मी, सज्जन सिंह, चरन सिंह, शशिलता, राजकुमारी, नीतू आदि रहे।
August 12, 2019
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने रविवार को नहर कॉलोनी मैदान में बैठक करके समस्याओं के निस्तारण की आवाज बुलंद की। बैठक में जुटे शिक्षामित्रों ने मानव संसाधन विकास मंत्रलय नई दिल्ली को खून से पत्र लिखकर भेजा। मंत्रलय को पत्र लिखने के साथ ही आरोप लगाया कि उनकी समस्याओं की सुनवाई नहीं हो रही है। शासन के आदेश को भी प्रशासन नहीं मान रहा है। 72 घंटे के अंदर जिला स्तरीय समस्याओं का समाधान न किया गया तो बीएसए कार्यालय में घेरा डालो-डेरा डालो के तहत आंदोलन होगा। जिलाध्यक्ष विजय सिंह गौर ने कहाकि बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षामित्रों की धैर्य की परीक्षा न ले। धरने में बैठेंगे तो तभी हटेंगे जब हमारी समस्याएं निस्तारित हो जाएंगी।
धरनास्थल पर जुटे शिक्षामित्रों ने एकबार फिर से हुंकार भरी और प्रशासन को चेताया कि इतिहास गवाह है कि हक की लड़ाई के लिए शिक्षामित्र मर मिटने पर अमादा हो जाता है। शासन और प्रशासन ने फिर से वही स्थिति पैदा कर दी है। शिक्षामित्रों ने लचर कार्यशैली पर आरोप लगाते हुए कहा कि समायोजन रद होने के बाद शिक्षामित्र परेशान हैं। 10 हजार की पगार में 50 से 70 किमी दूरी पर प्रतिदिन दायित्व निर्वहन के लिए जाना पड़ता है। प्रमुख मांगों में महिला शिक्षामित्रों को ससुराल के विद्यालय भेजा जाए। शिक्षामित्रों को मूल विद्यालय भेजा जाए। जिलाध्यक्ष श्री गौर ने कहाकि विभाग के पास शुक्रवार तक का समय है। अन्यथा शिक्षामित्र आंदोलन की राह पकड़ लेगा। मौके पर श्रीचंद्र, सुरेश सिंह, जितेंद्र सिंह, इंद्रपाल, रामसेवक, मूलचंद्र, सुधा सिंह, विजय लक्ष्मी, सज्जन सिंह, चरन सिंह, शशिलता, राजकुमारी, नीतू आदि रहे।
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