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Sunday, July 27, 2025

CBSE स्कूलों में आठवीं कक्षा तक NCERT की पुस्तकें हुई अनिवार्य, अभी 9वीं से 12वीं तक अनिवार्य हैं एनसीईआरटी की पुस्तकें

CBSE स्कूलों में आठवीं कक्षा तक NCERT की पुस्तकें हुई अनिवार्य

शिक्षा मंत्रालय की सलाह पर सीबीएसई ने संबद्ध सभी स्कूलों से इन्हें पढ़ाने के दिए निर्देश

अभी सीबीएसई स्कूलों में नौवीं से 12वीं तक अनिवार्य हैं एनसीईआरटी की पुस्तकें


नई दिल्लीः नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत तैयार की गई राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पहली से आठवीं कक्षा की नई पाठ्यपुस्तकों को अब सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) भी अपने स्कूलों में पढ़ाएगा। सीबीएसई ने यह फैसला शिक्षा मंत्रालय के सुझाव के बाद लिया है, जिसमें नेशनल कैरीकुलम फ्रेमवर्क और समान मूल्यांकन पैटर्न के तहत एनसीईआरटी की नई पुस्तकों को पढ़ाने का सुझाव दिया गया था। जिसके बाद सीबीएसई ने अपने से संबद्ध सभी स्कूलों को इसे अमल में लाने के निर्देश दिए हैं।


शिक्षा मंत्रालय से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक सीबीएसई स्कूलों में नौवीं से ग्यारहवीं तक एनसीईआरटी की पुस्तकों को अभी अनिवार्य रूप से पढ़ाया जा रहा है लेकिन पहली से आठवीं कक्षा तक में स्कूलों को इससे छूट दी गई थी। यानी स्कूल चाहे तो एनसीईआरटी की या फिर निजी प्रकाशकों की पुस्तकें पढ़ा सकते थे। हालांकि अब सीबीएसई ने अपने संबद्ध स्कूलो को जोर देकर पहली से आठवीं कक्षा तक में भी एनसीईआरटी की पुस्तकों को पढ़ाने को कहा है। साथ ही इसे लेकर संबद्धता से जुड़े नियमों में भी बदलाव किया है।


सूत्रों की मानें तो सीबीएसई ने इससे संबंधित नोटिफिकेशन वैसे तो काफी पहले ही जारी कर दिया था, लेकिन उस समय तक एनसीईआरटी की आठवीं तक की सभी विषयों की पुस्तकें बाजार में न आने से उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अब जैसे ही एनसीईआरटी की आठवीं तक की सभी विषयों की पुस्तकें आ गई हैं तो सीबीएसई ने स्कूलों को इसके अमल के निर्देश दिए हैं। 


गौरतलब है कि अब तक एनसीईआरटी की पुस्तकें पहली से आठवीं कक्षा तक में सिर्फ केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों में ही अनिवार्य रूप से पढ़ाई जा रही थीं। सूत्रों का दावा है कि सीबीएसई की इस पहल के बाद एनसीईआरटी पुस्तकों की बिक्री दोगुनी हुई है।

Wednesday, July 9, 2025

यूपी बोर्ड : नए सत्र के तीन माह बीते, अब मिलेंगी एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें

यूपी बोर्ड : नए सत्र के तीन माह बीते, अब मिलेंगी एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें

पुस्तकों की जांच के बाद उत्तर प्रदेश बोर्ड ने दी विक्रय की अनुमति

प्रकाशकों के यहां बोर्ड सचिव ने भेजे अधिकारी, एक दो दिन में दुकानों पर मिलेंगी पुस्तकें


प्रयागराज : यूपी बोर्ड के 29,000 से ज्यादा माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के करीब एक करोड़ छात्र-छात्राओं के लिए इस बार राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पाठ्यक्रम पर आधारित पाठ्यपुस्तकें छपकर तैयार हो गई हैं। 

यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने मंगलवार को अधिकारियों को प्रकाशकों के यहां भेजकर पुस्तकों का परीक्षण कराया। इसी के साथ पुस्तकों को विक्रय के लिए बाजार में उपलब्ध कराने की अनुमति दे दी गई। एक-दो दिन में पुस्तकें विक्रय के लिए पुस्तक विक्रेताओं के यहां उपलब्ध हो जाएंगी। 


पुस्तकें अप्रैल में नया सत्र आरंभ होने के साथ ही उपलब्ध कराई जानी थीं, लेकिन पुरानी रायल्टी के भुगतान और एनसीईआरटी से अनुमति लेकर पुस्तकें छपवाने के लिए टेंडर प्रक्रिया मैं समय लगने के कारण तीन महीने देरी से उपलब्ध हो रही हैं।


यूपी बोर्ड ने कक्षा नौ से 12 तक में एनसीईआरटी आधारित प्रमुख 36 विषयों की 70 किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। एनसीईआरटी ने बकाए रायल्टी का भुगतान नहीं किए जाने के लिए यूपी बोर्ड को नई पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित कराने की अनुमति नहीं दी थी। पिछले दिनों शासन की अनुमति से बोर्ड सचिव ने रायल्टी बकाया का करीब तीन करोड़ रुपये भुगतान करने के बाद पुस्तकें प्रकाशित कराने की पाठ्यपुस्तकें अनुमति एनसीईआरटी से मांगी। अनुमति मिलने पर शासन की अनुमति से टेंडर आमंत्रित किए जाने की प्रक्रिया बोर्ड सचिव ने पूरी कराई। 


उसके बाद राजीव प्रकाशन प्रयागराज, पीतांबरा प्रकाशन झांसी, सिंहल एजेंसीज आगरा एवं कैला पब्लिकेशन लखनऊ को अलग अलग विषयों की पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित करने की अनुमति दी गई। विषयवार पंजीकृत छात्र-छात्राओं के लिए प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों का परीक्षण करा लिया गया है। बोर्ड सचिव ने बताया कि एक-दो दिन में पाठ्यपुस्तकें बाजार में उपलब्ध हो जाएंगी। मांग बढ़ने के के अनुरूप प्रकाशक अधिक संख्या में पुस्तकों का प्रकाशन कर विक्रेताओं के यहां उपलब्ध कराएंगे

एनसीईआरटी की किताब में जोड़ेंगे वैदिक गणित का पाठ, कक्षा छह से आठ तक की किताब में परिवर्तन किए जाने की तैयारी

एनसीईआरटी की किताब में जोड़ेंगे वैदिक गणित का पाठ, कक्षा छह से आठ तक की किताब में परिवर्तन किए जाने की तैयारी

राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान को दी गई है अहम जिम्मेदारी


प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) लागू की जा रही है। इन किताबों को अपनाने से पहले उत्तर प्रदेश के बच्चों को शैक्षिक आवश्यकतानुसार ढाला जा रहा है।

इसी क्रम में राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के विशेषज्ञ एनसीईआरटी की कक्षा छह से आठ तक की गणित की हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम की किताबों में वैदिक गणित को भी शामिल करेंगे। इसके लिए एससीईआरटी से निर्देश प्राप्त हो चुके हैं।

एनसीईआरटी में गणित प्रकाश नाम से कक्षा छह से आठ में चल रही किताब तो बहुत अच्छी है लेकिन उसमें वैदिक गणित नहीं है। बेसिक शिक्षा परिषद की कक्षा छह से आठ तक में गणित मंथन नाम से चल रही किताब में वैदिक गणित का बहुत थोडा हिस्सा है। 

राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के निदेशक अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि एनसीईआरटी की किताबों में वैदिक गणित का पाठ अपग्रेड करके जोड़ा जाएगा जिससे बच्चे आधुनिक शिक्षा के साथ प्राचीन भारतीय ज्ञान से भी लाभान्वित हो सकें।




एनसीईआरटी की किताब में जोड़ेंगे वैदिक गणित का पाठ, 6 से कक्षा आठ तक की किताब में करेंगे बदलाव


प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) लागू की जा रही है। इन किताबों को अपनाने से पहले उत्तर प्रदेश के बच्चों को शैक्षिक आवश्यकतानुसार ढाला जा रहा है। इसी क्रम में राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के विशेषज्ञ एनसीईआरटी की कक्षा छह से आठ तक की गणित की हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम की किताबों में वैदिक गणित को भी शामिल करेंगे। इसके लिए एससीईआरटी से निर्देश प्राप्त हो चुके हैं।


एनसीईआरटी में गणित प्रकाश नाम से कक्षा छह से आठ में चल रही किताब तो बहुत अच्छी है लेकिन उसमें वैदिक गणित नहीं है। बेसिक शिक्षा परिषद की कक्षा छह से आठ तक में गणित मंथन  नाम से चल रही किताब में वैदिक गणित का बहुत थोड़ा हिस्सा है। 


राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के निदेशक अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि एनसीईआरटी की किताबों में वैदिक गणित का पाठ अपग्रेड करके जोड़ा जाएगा जिससे बच्चे आधुनिक शिक्षा के साथ प्राचीन भारतीय ज्ञान से भी लाभान्वित हो सकें।

Monday, June 23, 2025

शैक्षिक सत्र शुरू हुए ढाई माह बीतने के बाद भी 22 जिलों में किताबें और 47 जिलों में कार्यपुस्तिका नहीं मिली कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को

शैक्षिक सत्र शुरू हुए ढाई माह बीतने के बाद भी 22 जिलों में किताबें और 47 जिलों में कार्यपुस्तिका नहीं मिली कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को

सरकार ने एक हफ्ते के अंदर पुस्तकें देने का ऐलान किया था

लखनऊ । सत्र शुरू हुए ढ़ाई माह बीत गए 22 जिलों के परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को अब तक एक भी पाठ्य पुस्तक नहीं मिल सकी है। कार्यपुस्तिका की स्थिति तो और भी खराब है अब तक 47 जिलों में किसी भी बच्चे को कार्यपुस्तिका प्राप्त नहीं हो सकी हैं।

यह स्थिति तब है जबकि सरकार ने कक्षा एक से तीन तक के छात्र-छात्राओं को सत्र शुरू होने के पहले सप्ताह में पाठ्य पुस्तक एवं कार्य पुस्तिका देने का निर्णय कर बकायदा ऐलान भी किया था। ऐसे में अब तक पुस्तकें और कार्यपुस्तिकाएं नहीं मिलने की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई है। 


दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से 3 तक के विद्यार्थियों को एनसीईआरटी निःशुल्क पुस्तकें एवं कार्यपुस्तिकाएं दिए जाने की व्यवस्था है। ढ़ाई माह बाद भी पाठ्य पुस्तक एवं कार्य पुस्तिका नहीं मिलने से प्रदेश भर के कक्षा एक से तीन तक के करीब 52 लाख बच्चों की नियमित शिक्षा प्रभावित हो रही है।

 फरीदाबाद की मेसर्स नोवा पब्लिकेशन एंड प्रिंटर्स फर्म को 50 प्रतिशत कार्य का आवंटन किया गया। साथ ही प्रदेश के सभी 75 जिलों में 45 दिनों के भीतर पाठ्य पुस्तकें तथा 60 दिनों में कार्य पुस्तिकाएं पहुंचाने के निर्देश दिए गए। फरीदाबाद की फर्म की ओर से जहां पाठ्य पुस्तकें एवं कार्य पुस्तिकाएं आपूर्ति की गई हैं, वहां मानक के अनुसार इनके कागज नहीं होने की भी गम्भीर शिकायतें मिल रही हैं।


22 जिलों में अब तक नहीं मिली बच्चों को पुस्तकें

अम्बेडकरनगर, अमेठी, औरैय्या, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बिजनौर, चंदौली, इटावा, गाजीपुर, गोंडा, हाथरस, लखीमपुर खीरी, मैनपुरी, मथुरा, मिर्जापुर, रामपुर, संभल, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, उन्नाव तथा वाराणसी


47 जिलों में बच्चों को नहीं मिली कार्यपुस्तिकाएं

आगरा, अम्बेडकरनगर, अमेठी, औरैय्या, अयोध्या, बागपत, पहराइच, बलिया, बांदा, बस्ती, भदोही, बिजनौर, चंदौली, इटावा, गाजियाबाद, गाजीपुर, गोरखपुर, गोंडा, हमीरपुर, हरदोई हाथरस, जालौन, जौनपुर, झांसी, कन्नौज, कौशाम्बी, लखीमपुर खीरी, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मऊ, मेरठ, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, प्रयागराज, रायबरेली, सहारनपुर, रामपुर, संतकबीर नगर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, श्रावस्ती, उन्नाव, वाराणसी


जिम्मेदार बोले
गूगल सीट पर जिले स्तर से नियमित रूप से अपडेट नहीं किए जाने के कारण पाठ्य पुस्तक एवं कार्य पुस्तिकाओं के वितरण में इतना अंतर दिख रहा है। जल्द ही इसे अपडेट करने का काम किया जाएगा। –माधव तिवारी, राज्य पाठ्यपुस्तक अधिकारी



45 दिनों के अंदर पाठ्य पुस्तकें जिलों को दी जानी थीं

60 दिनों के अंदर कार्य पुस्तिका दिए जाने के आदेश दिए गए थे

बरेली-प्राइमरी स्कूलों में कक्षा एक से तीन तक की एनसीआरटी की लगभग 5 लाख किताबें बरेली को प्राप्त हो चुकी हैं। अभी डेढ़ लाख किताबें और आनी है।

लखीमपुर में कक्षा एक से तीन तक के लिए 5,67,784 किताबों का ऑर्डर किया गया था लेकिन कक्षा एक से तीन तक कार्य पुस्तिका, किताबें नहीं पहुंची।

सहारनपुर में कक्षा 1 से 3 तक एनसीईआरटी की पुस्तकें 70 प्रतिशत, कार्य पुस्तिकाएं 38 प्रतिशत ही आ सकी है। यह जानकारी बीएसए कोमल ने दी।

बांदा के बीएसए अव्यक्त राम तिवारी ने बताया कि प्राइमरी स्कूलों में कक्षा एक से तीन तक दी जाने वाली 46 प्रतिशत पुस्तकें प्राप्त नहीं हुई है।

उन्नाव में एक भी किताब विभाग को नहीं मिली है, इसके अलावा डेढ़ लाख कार्य पुस्तिकाएं भी उपलब्ध नहीं हुई।

Sunday, June 22, 2025

NCERT की आठवीं कक्षा की अंग्रेजी की किताब में बिरसा मुंडा, आर्यभट्ट, वराहमिहिर, भास्कराचार्य और वैज्ञानिक बिभा चौधरी शामिल, परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ और कारगिल हीरो कैप्टन बत्रा की कहानी पढ़ेंगे विद्यार्थी, तेनाली राम व सरोजनी नायडू भी नए पाठ्यक्रम में शामिल

पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ और कारगिल हीरो कैप्टन बत्रा की कहानी पढ़ेंगे विद्यार्थी, तेनाली राम व सरोजनी नायडू भी नए पाठ्यक्रम में शामिल

NCERT की आठवीं कक्षा की अंग्रेजी की किताब में बिरसा मुंडा, आर्यभट्ट, वराहमिहिर, भास्कराचार्य और वैज्ञानिक बिभा चौधरी शामिल


नई दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की आठवीं कक्षा में अंग्रेजी की पुस्तक पूर्वी में अब छात्र भारत-पाकिस्तान (1947-48) युद्ध के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा और कारगिल हीरो परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा की कहानियां पढ़ेंगे।

आजादी का अमृत महोत्सव पाठ में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के इन परमवीर चक्र विजेताओं को श्रद्धांजलि दी गई है। वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-26 में आठवीं कक्षा के छात्र इसी अंग्रेजी भाषा की पूर्वी पुस्तक से पढ़ाई करेंगे। इसमें पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा और उनकी कुमांऊँ रेजिमेंट के बारे में बताया है। लिखा है कि उन्हीं के कारण श्रीनगर और कश्मीर आज भारत में है। साइंस, प्रौद्योगिकी व गणित में प्राचीन समृद्ध इतिहास से रूबरू करवाने के लिए महान गणितज्ञ आर्यभट्ट, वराहमिहिर और भास्कराचार्य समेत देश की पहली महिला भौतिक वैज्ञानिक बिभा चौधरी को शामिल किया गया है।


पहला पाठ 14वीं शताब्दी में स्थापित, दक्षिण भारत के शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य विजयनगर के तेलगू कवि तेनानी राम पर आधारित है। इसके अलावा भारतीय अंग्रेजी साहित्यकार व स्वतंत्रता संग्राम में गांधी जी के साथ शामिल और बांग्ला कवयित्री सरोजनी नायडू के बारे में पढ़ेंगे।


अब भारत के सात अजूबे : उत्तराखंड की फूलों की घाटी, मेघालय की लिविंग रूट ब्रिज, महाराष्ट्र की लोनार झील, लद्दाख के मैग्नेटिक हिल्स, केरल का ग्लोइंग वाटर, बंगाल का सुंदरवन जंगल, ओडिशा का चांदीपुर बीच शामिल है। मानव निर्मित अजूबों में तमिलनाडु का कल्लनई बांध, नालंदा विवि, कर्नाटक के हप्पी का विट्ठल मंदिर, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, भूपेन हजारिका सेतू को शामिल किया है।

Sunday, May 18, 2025

अगले शैक्षिक सत्र से कक्षा चार में एनसीईआरटी की किताबें, बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों के लिए की जाएगी कस्टमाइज

अगले शैक्षिक सत्र से कक्षा चार में एनसीईआरटी की किताबें, बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों के लिए की जाएगी कस्टमाइज

कक्षा तीन में इसी सत्र के लागू किया गया एनसीईआरटी पाठ्यक्रम


प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक के 1.57 लाख विद्यालयों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) का पाठ्यक्रम चरणबद्ध लागू किया जा रहा है। शैक्षिक सत्र 2025-26 से कक्षा तीन में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को उत्तर प्रदेश के संदर्भमें कस्टमाइज करके लागू कर दिया गया है। 


अगले शैक्षिक सत्र से कक्षा चार में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। इसके लिए अभी अंग्रेजी माध्यम की कुछ पाठ्यपुस्तकें प्रदेश के संदर्भ में कस्टमाइज किए जाने के लिए प्राप्त हो गई हैं। हिंदी माध्यम के दो विषयों की पुस्तकें अभी आई हैं।


प्रदेश भर में 1.11 लाख परिषदीय प्राथमिक और करीब 45 हजार उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं। कक्षा तीन के विद्यार्थी एनसीईआरटी आधारित पाठ्यपुस्तक से पढ़ेंगे। जिलों में पुस्तकें पहुंच गई हैं। सभी स्कूलों में जल्द पहुंचाई जाएंगी। इसके अलावा अगले सत्र से कक्षा चार में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। 


इसके लिए गणित, हिंदी, हमारा अद्भुत संसार (सामाजिक विषय) और उर्दू की एनसीईआरटी की पुस्तकों को राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य नवल किशोर के निर्देशन में विशेषज्ञों के माध्यम से उत्तर प्रदेश के अनुकूल (कस्टमाइज) बनाया जाएगा। इसी तरह अंग्रेजी की पुस्तक को आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान के प्राचार्य स्कंद शुक्ल के निर्देशन में कस्टमाइज किया जाएगा।


अंग्रेजी माध्यम के कक्षा चार के विषयों की पाठ्यपुस्तकें कस्टमाइज किए जाने के लिए आई हैं। हिंदी माध्यम के विद्यालयों के लिए अभी सिर्फ हिंदी व सामाजिक विषय की पाठ्यपुस्तक प्राप्त हुई है। पाठ्यपुस्तकों को कस्टमाइज किए जाने के बाद एससीईआरटी को भेजा जाएगा, ताकि परीक्षण के उपरांत प्रकाशन कराया जा सके।


 प्रक्रिया इसलिए तेजी से शुरू की गई है, ताकि अगले सत्र के आरंभ में ही विद्यार्थियों को नई पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई जा सकें। कक्षा चार में एनसीईआरटी की सात पाठ्यपुस्तकें पढ़ाई जाती हैं, लेकिन इसमें से शारीरिक शिक्षा व कला वर्तमान में परिषदीय स्कूल में संचालित नहीं है।