CBSE स्कूलों में आठवीं कक्षा तक NCERT की पुस्तकें हुई अनिवार्य
शिक्षा मंत्रालय की सलाह पर सीबीएसई ने संबद्ध सभी स्कूलों से इन्हें पढ़ाने के दिए निर्देश
अभी सीबीएसई स्कूलों में नौवीं से 12वीं तक अनिवार्य हैं एनसीईआरटी की पुस्तकें
नई दिल्लीः नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत तैयार की गई राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पहली से आठवीं कक्षा की नई पाठ्यपुस्तकों को अब सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) भी अपने स्कूलों में पढ़ाएगा। सीबीएसई ने यह फैसला शिक्षा मंत्रालय के सुझाव के बाद लिया है, जिसमें नेशनल कैरीकुलम फ्रेमवर्क और समान मूल्यांकन पैटर्न के तहत एनसीईआरटी की नई पुस्तकों को पढ़ाने का सुझाव दिया गया था। जिसके बाद सीबीएसई ने अपने से संबद्ध सभी स्कूलों को इसे अमल में लाने के निर्देश दिए हैं।
शिक्षा मंत्रालय से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक सीबीएसई स्कूलों में नौवीं से ग्यारहवीं तक एनसीईआरटी की पुस्तकों को अभी अनिवार्य रूप से पढ़ाया जा रहा है लेकिन पहली से आठवीं कक्षा तक में स्कूलों को इससे छूट दी गई थी। यानी स्कूल चाहे तो एनसीईआरटी की या फिर निजी प्रकाशकों की पुस्तकें पढ़ा सकते थे। हालांकि अब सीबीएसई ने अपने संबद्ध स्कूलो को जोर देकर पहली से आठवीं कक्षा तक में भी एनसीईआरटी की पुस्तकों को पढ़ाने को कहा है। साथ ही इसे लेकर संबद्धता से जुड़े नियमों में भी बदलाव किया है।
सूत्रों की मानें तो सीबीएसई ने इससे संबंधित नोटिफिकेशन वैसे तो काफी पहले ही जारी कर दिया था, लेकिन उस समय तक एनसीईआरटी की आठवीं तक की सभी विषयों की पुस्तकें बाजार में न आने से उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अब जैसे ही एनसीईआरटी की आठवीं तक की सभी विषयों की पुस्तकें आ गई हैं तो सीबीएसई ने स्कूलों को इसके अमल के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि अब तक एनसीईआरटी की पुस्तकें पहली से आठवीं कक्षा तक में सिर्फ केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों में ही अनिवार्य रूप से पढ़ाई जा रही थीं। सूत्रों का दावा है कि सीबीएसई की इस पहल के बाद एनसीईआरटी पुस्तकों की बिक्री दोगुनी हुई है।
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