यह स्वेटर उसको नौ नवंबर तक ब्लॉक स्तर पर बीआरसी पर उपलब्ध करवाने थे। इसके बावजूद अब तक उस संख्या में स्वेटर उपलब्ध नहीं करवाए जा सके हैं। इसपर डीएम ने नोटिस देकर पांच दिसंबर की आखिरी तिथि तय की थी। इसके बाद मुकदमा दर्ज करवाने व संस्था को काली सूची में डालने की सिफारिश की बात कहीं थी। इसके विपरीत अब तक फर्म स्वेटर नहीं दे पाई है। बकौल बीएसए वीपी सिंह-संस्था ने वादा किया था कि एक सप्ताह में शेष स्वेटर की आपूर्ति कर दी जाएगी। स्वेटर पहुंचते ही बांटने पहुंचे सांसद प्रतिनिधि
• एनबीटी, मसौली : बाराबंकी के ब्लॉक संसाधन केंद्र बड़ागांव में गुरुवार को समारोह आयोजित कर परिसर के दो स्कूलों के बच्चों को स्वेटर का वितरण किया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर सांसद उपेंद्र सिंह रावत के प्रतिनिधि दिनेश चंद्रा मौजूद रहे। बीईओ उदयमणि पटेल की देखरेख में समारोह में चंद्रा ने स्वेटर वितरित किए। साथ ही बाल वैज्ञानिक के रूप में चुनी गई छात्रा मानसी चौहान को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। उनकी पढ़ाई के लिए सांसद निधि से सोलर लाइट घर पर लगवाने का आश्वासन दिया गया है। • एनबीटी,सूरतगंजः बाराबंकी के सूरतगंज ब्लॉक के बीईओ कार्यालय में सोमवार को आपूर्ति किए गए पांच हजार छात्र-छात्राओं के स्वेटर गुरुवार तक भी रखे रहे। इसके पीछे क्षेत्रीय विधायक शरद अवस्थी द्वारा स्वेटरों के वितरण के समारोह के लिए समय न दिया जाना बताया जा रहा है। खुद बीईओ राजेंद्र सिंह ने स्वीकार किया कि विधायक जी से समय मांगा गया है। फिलहाल समय नहीं मिल पाया है। हैरत की बात यह है कि इस ब्लॉक को 63 जूनियर व 171 प्राइमरी स्कूल में अध्ययनरत करीब 31 हजार छात्र-छात्राओं के विपरीत महज पांच हजार स्वेटर की यह पहली खेप पहुंची है। इसका भी आपूर्ति होने के चौथे दिन भी वितरण शुरू नहीं किया जा सका है।
• टीम एनबीटी, बाराबंकी मौसम लगातार करवट ले रहा है। दिन भर कोहरा छाने के साथ ठिठुरना भी बढ़ रही है। इस बीच अब तक बेसिक शिक्षा विभाग के सभी छात्र-छात्राओं को स्वेटर वितरण नहीं किया जा सका है। गुरुवार को मिली जानकारी के मुताबिक, 3.42 लाख के मुकाबले अब तक महज 1.30 लाख स्वेटर की ही आपूर्ति
हो सकी है। आपूर्ति किए गए स्वेटरों में से अभी तक शतप्रतिशत का वितरण भी नहीं किया जा सका है।
डीएम आदर्श सिंह की ओर से पांच दिसंबर तक स्वेटर की आपूर्ति न किए जाने पर संबंधित फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की चेतावनी दी गई थी। पर अब तक शुभम हैंडलूम कानपुर की ओर से आपूर्ति नहीं की जा सकी है। दरअसल, यह हालात जेम पोर्टल पर टेंडर लेने वाली फर्म शुभम हैंडलूम की ओर से स्वेटर की आपूर्ति न किए जाने से उत्पन्न हुए है। इस फर्म को 3 लाख 42 हजार बच्चों के स्वेटर
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