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Thursday, December 21, 2023

विभागीय छवि धूमिल करने के आरोप में खंड शिक्षा अधिकारी निलंबित

विभागीय छवि धूमिल करने के आरोप में खंड शिक्षा अधिकारी निलंबित


हरदोई : बेसिक शिक्षा विभाग में विभागीय मिलीभगत से शिकायतों के नाम पर धन वसूली के आरोप में पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है। जिलाधिकारी के पूरा मामला संज्ञान में लेने के बाद न केवल इस मामले में तत्कालीन बीईओ समेत पांच पर एफआइआर दर्ज कराई गई थी। बल्कि बीईओ को निलंबित कर उच्च स्तरीय जांच शुरू की गई है। विभाग में ऐसे मामले तो कई बार आए, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई थी। अब हुई कार्रवाई चर्चा का विषय बनी हुई है।


हरदोई : डीएम की संस्तुति और एफआईआर के बाद बीईओ निलंबित, बैठी जांच


20 दिसंबर 2023



10 दिसंबर 2023

बीईओ के खिलाफ शासन से डीएम ने की बर्खास्तगी की संस्तुति, शिक्षा विभाग में मची खलबली

संगठित गिरोह बनाकर शिक्षक व विभागीय अधिकारियों का सूचना के अधिकार के नाम पर कर रहे थे आर्थिक व मानसिक दोहन




हरदोई। डीएम ने बीईओ की बर्खास्तगी की संस्तुति शासन से की है। वहीं, अभी कई अन्य पर भी कार्रवाई हो सकती है। इस मामले के बाद शिक्षा विभाग में खलबली है।


प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ लोग संगठित गिरोह बनाकर शिक्षक व विभागीय अधिकारियों का सूचना के अधिकार के नाम पर आर्थिक व मानसिक दोहन कर रहे है। इस पर जिलाधिकारी ने प्रथम दृष्टया तत्कालीन बीईओ बेंहदर अशोक यादव व कार्यालय लिपिक मधुर पाल का मोबाइल जमा करा लिया था और मोबाइल की साइबर सेल से जांच कराई थी।


जांच टीम ने पाया था कि बीईओ अशोक यादव, पिहानी के कुल्लही निवासी विमलेश शर्मा, सुभाष नगर निवासी अतुल कुमार सिंह, चांद बेहटा निवासी भगत बाबा तेज गिरि और आशा निवासी राम शरण गुप्ता से विभागीय सूचनाएं साक्षा करते हैं और उसी पर विभाग में वह लोग शिकायतें दर्ज कराके अधिकारियों व कर्मचारियों को ब्लैकमेल करते हैं। डीएम के निर्देश पर शहर कोतवाली में पांचों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।


इस मामले में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बीईओ अशोक यादव की बर्खास्तगी की संस्तुति की गई है। जिलाधिकारी ने बताया कि बीईओ के खिलाफ बर्खास्तगी की संस्तुति शासन से की गई है और पुलिस को इस मामले कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।


बीईओ व विमलेश शर्मा के बीच हुए 150 पेज की चैटिंग

जांच टीम ने पाया कि बीईओ अशोक यादव और विमलेश शर्मा के बीच व्हाट्सएप पर जो चैट की गई, उसमें बीईओ पहले जानकारी देते थे, जिस पर विमलेश शर्मा शिकायत बनाता था। इसमें बाद में बीईओ संसोधन करके वापस करते थे। वहीं, अगले दिन शिकायत सूचना के अधिकारी के रूप में विभाग में दी जाती थी। इस तरह 150 पेज की चैटिंग मिली है। इसके अलावा 32 जीवी में दोनों के बीच के वार्ता का रिकार्ड है। विमलेश ने विभाग में सूचना के अधिकार के 50, अतुल सिंह ने 60, बाबा तेज गिरी ने 30 और रामशरन ने 102 आवेदन किए हैं।


बीईओ समेत पांच पर रिपोर्ट, बर्खास्तगी की संस्तुति

हरदोई। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही विभाग से संंबंधित गोपनीय जानकारियां बाहरी लोगों को देकर वसूली का संगठित गिरोह चलाने के आरोप में खंड शिक्षा अधिकारी समेत पांच लोगों के खिलाफ शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई है। जांच समिति ने खंड शिक्षा अधिकारी की बर्खास्तगी की संस्तुति की है।


बीती पांच सितंबर को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के लेटर पैड पर आलाेक कुमार मिश्र ने डीएम एमपी सिंह और बीएसए विजय प्रताप सिंह से शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में कहा था कि पिहानी कोतवाली क्षेत्र के कुल्लही निवासी विमलेश शर्मा, शहर कोतवाली क्षेत्र के सुभाष नगर निवासी अतुल कुमार सिंह और आशा निवासी राम शरण गुप्ता एक संगठित गिरोह चलाते हैं। 


विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों की शिकायत कर आर्थिक शोषण करते हैं। बड़ी संख्या में कर्मचारियों और अधिकारियों से जुड़ी व्यक्तिगत जानकारियां सूचना का अधिकार के माध्यम से मांगते हैं। डीएम ने इस पत्र पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। जांच समिति में एसडीएम शाहाबाद, सीओ शाहाबाद और बीएसए शामिल थे।


टीम को पता चला कि इस पूरे खेल के पीछे कुछ विभागीय लोग भी शामिल हैं। इस जानकारी पर डीएम ने बेहंदर के तत्कालीन बीईओ अशोक कुमार यादव, कनिष्ठ लिपिक मधुर पाल के मोबाइल फोन जब्त करा लिए और साइबर सेल से इसकी जांच कराई। जांच में पता चला कि अशोक कुमार यादव, विमलेश शर्मा को लगातार विभागीय जानकारियां दे रहा था। अधिकांश शिकायतें विमलेश शर्मा, भगत बाबा तेजगिरि ही तैयार करते थे। सोशल मीडिया में शिकायतों का प्रचार प्रसार कर उगाही की जाती थी।


जांच रिपोर्ट के आधार परखंड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार यादव के साथ ही कुल्लही निवासी विमलेश शर्मा, सुभाष नगर निवासी अतुल कुमार सिंह, आशा निवासी राम शरण गुप्ता और चांद बेहटा निवासी भगत बाबा तेज गिरि के खिलाफ जालसाजी, भयभीत करके वसूली करने, गोपनीय दस्तावेजों को अवांछित लोगों तक पहुंचाने और दूसरों को नुकसान पहुंचाने की साजिश करने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।


शिकायतें लिखते थे दो लोग, दूसरे नामों से की जाती थी शिकायत
शहर कोतवाली में दर्ज कराई एफआईआर में स्पष्ट कहा गया है कि जब अशोक कुमार यादव का मोबाइल जब्त कर जांच साइबर सेल से कराई गई तो कई महत्वपूर्ण बिंदु सामने आए। अधिकांश शिकायतें विमलेश शर्मा और भगत बाबा तेजगिरि तैयार करते थे। इन शिकायतों को तैयार करने के लिए अशोक यादव की मदद ली जाती थी। 

लोकायुक्त कार्यालय में शिकायतें मनोज कुमार द्विवेदी, उपेंद्र कुमार राजन, ब्रजेश सिंह, अमित कुमार यादव आदि नामों से की जाती थीं। इसी तरह जनसूचना अधिनियम के तहत जानकारी मांगने के लिए भी प्रश्न विमलेश और भगत बाबा तैयार करते थे, जबकि अन्य नामों से इन सूचनाओं को मांगा जाता था।


हो सकती है आजीवन कारावास तक की सजा
वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी दीक्षित के मुताबिक जिन धाराओं में मामला दर्ज हुआ है, वे संगीन हैं। शासकीय गुप्त बात अधिनियम, 1923 की धारा पांच के तहत दोष सिद्ध होने पर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। धारा 211 भी आरोपियों पर लगी है। इसमें सात वर्ष तक की सजा का नियम है।

बेसिक शिक्षा: छठवीं से बच्चे सीखेंगे एनिमेशन, एल्बम और वीडियो बनाना

बेसिक शिक्षा: छठवीं से बच्चे सीखेंगे एनिमेशन, एल्बम और वीडियो बनाना


प्रयागराज । प्रदेश के 44 हजार से अधिक परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में कक्षा छह से ही छात्र-छात्राओं को एनिमेशन, फोटोशॉप, बैनर व प्रोजेक्ट मॉडल बनाना, एल्बम और वीडियो बनाना सिखाया जाएगा। नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत चित्रकला विषय में व्यापक परिवर्तन किया गया है। उम्मीद है कि 2024-25 सत्र से इसे लागू कर दिया जाएगा। 


बच्चों को परिवर्तित पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए राज्य शिक्षा संस्थान में पांच-पांच दिन की शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यशाला 18 दिसंबर को शुरू हुई है जो पांच चक्रों में दो फरवरी तक चलेगी। संस्थान के प्राचार्य नवल किशोर ने बताया कि एनईपी 2020 में कहा गया है कि 60 प्रतिशत किताबी ज्ञान और 40 प्रतिशत ई-लर्निंग के माध्यम से सिखाना है। 40 प्रतिशत ई-लर्निंग को सीखने- सिखाने में यह मॉड्यूल सहायक सिद्ध होगा। 


गतिविधि आधारित यह मॉड्यूल कक्षा छह से आठ तक के बच्चों में जीवन कौशल की अभिवृद्धि के साथ ही स्वालंबन व उद्यम के विकास में भी उपयोगी होगा। इस नई पद्धति में कम्प्यूटर कलाकृति का निर्माण ही नहीं करता बल्कि कलाकार कम्प्यूटर को चिन्त्र निर्माण के निर्देश देता है। कम्प्यूटर ग्राफिक्स ने कला उत्पादन के शारीरिक श्रम को मानसिक श्रम में परिवर्तित कर दिया है। कलाकार रंग संयोजन, विषय या पृष्ठभूमि के चुनाव इत्यादि में सक्रिय प्रतिभाग करता है। कम्प्यूटर दिए गए निर्देशों के अनुसार कलाकार का काम करता है।



कम्प्यूटर का उपयोग बढ़ने से बदला स्वरूप

संस्थान की सहायक उपशिक्षा निदेशक डॉ. दीप्ति मिश्रा ने बताया कि चित्रकला में कम्प्यूटर विषय का प्रयोग करके इसे व्यवसायिक बनाया जा सकता है और जीविकोपार्जन का अच्छा साधन हो सकता है। आज शिक्षा में कम्प्यूटर साइंस के सबसे उन्नत रूप, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग अधिकाधिक रूप में हो रहा है। वर्तमान में कम्प्यूटर के उपयोग के बिना किसी भी विषय को पढ़ाना या व्यवसाय को प्रारम्भ करना मुश्किल है। व्यापार के विभिन्न आयामों जैसे संचार, मार्केटिंग, एकाउन्टिंग आदि में कम्प्यूटर ग्राफिक्स का प्रयोग अपरिहार्य हो गया है।

निपुण लक्ष्य ऐप पर बच्चों के आंकलन का जनपदवार विवरण जारी

निपुण लक्ष्य ऐप पर बच्चों के आंकलन का जनपदवार विवरण जारी


फेस रिकग्निशन आधारित उपस्थिति को लेकर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र

फेस रिकग्निशन आधारित उपस्थिति को लेकर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र 


उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने बेसिक विद्यालयों में फेस रिकग्निशन आधारित उपस्थिति को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश दीक्षित ने कहा है कि बेसिक शिक्षकों को अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर से प्रेरणा ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराना व्यवहारिक नहीं है। 


शिक्षकों को उनके निजी पहचान पत्र पर सरकारी सिम खरीदने का दबाव दिया जा रहा है। इस असंवैधानिक आदेश का जब शिक्षक विरोध कर रहा है जो समाज में उसकी नकारात्मक छवि प्रस्तुत की जा रही है। उन्होंने इस साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों में महिला शिक्षिकाओं की फोटो की सुरक्षा का भी मुद्दा उठाया है। 


उन्होंने कहा कि शिक्षकों की पदोन्नति, वेतन विसंगति, परस्पर तबादले, कैशलेश चिकित्सा सुविधा समेत एक दर्जन से अधिक मांगें लंबित हैं, इन पर कार्यवाई नहीं हो रही है।


बेसिक शिक्षकों की लंबित मांगो के समाधान से पूर्व ऑनलाइन उपस्थिति स्थगित करने के सम्बन्ध में जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश द्वारा मा0 मुख्यमंत्री को ज्ञापन

Wednesday, December 20, 2023

नौंवी से कॉलेज तक छात्र पढ़ेंगे चुनावी प्रक्रिया, शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय निर्वाचन आयोग में समझौता

नौंवी से कॉलेज तक छात्र पढ़ेंगे चुनावी प्रक्रिया, शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय निर्वाचन आयोग में समझौता

पाठ्यक्रम से जानेंगे लोकतंत्र में मतदाताओं की भूमिका


नई दिल्ली। अब कक्षा नौंवी से लेकर उच्च शिक्षा तक छात्र चुनावी प्रक्रिया पढ़ेंगे। छात्र जीवन से ही उन्हें लोकतंत्र में मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूक किया जाएगा। स्कूल से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों को लोकतंत्र, मतदान आदि की प्रक्रिया समझाने के लिए बाकायदा पाठ्यक्रम बनेगा। चुनावी प्रक्रिया की परीक्षा देने के बाद सर्टिफिकेट और डिग्री में उनके क्रेडिट भी जुड़ेंगे। 


स्कूली शिक्षा से ही छात्रों को जागरूक करने के मकसद से चुनावी प्रक्रिया को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय निर्वाचन आयोग के बीच समझौता हुआ है। यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी की ओर से मंगलवार को इस संबंध में सभी राज्यों और उच्च शिक्षण संस्थानों को पत्र भी लिखा गया है।  इसमें चुनावी प्रक्रिया को पाठ्यक्रम में शामिल करने और उसके आधार पर क्रेडिट देने की बात की गई है।


 स्कूली शिक्षा के दौरान ही उन्हें चुनावी प्रक्रिया के बारे में पाठ्यक्रम के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। इससे वे जागरूक होकर खुद मतदान करने के साथ आम लोगों को भी जोड़ेंगे। उच्च शिक्षण संस्थानों को चुनावी प्रक्रिया को पाठ्यक्रम में शामिल करने से पहले ट्रेनिंग के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग के सहयोग से शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी।



ईवीएम, वीवीपैट के बारे में पढ़ेंगे

चुनावी प्रक्रिया में छात्रों को ईवीएम, वीवीपैट, भारत निर्वाचन आयोग मोबाइल एप, बैलेट यूनिट मतदान कंपार्टमेंट, कंट्रोल यूनिट, पीठासीन अधिकारी, दो मतदान अधिकारी, पोलिंग एजेंट, वोटिंग कंपार्टमेंट, नोटा के बारे में भी पढ़ाया जाएगा। इसका मकसद उन्हें चुनावी प्रक्रिया की हर जानकारी से रूबरू करवाना है। 

शिक्षण संस्थानों में चुनावी प्रकिया को समझाने के लिए मॉक पोल यानी चुनाव का ट्रायल भी करवाया जाएगा। 25 जनवरी को शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय मतदाता दिवस भी मनेगा। वहीं, एक जनवरी से भारत निर्वाचन आयोग नए मतदाताओं को जोड़ने का अभियान शुरू करने जा रहा है।

छह जिलों को मिले 28314 टैबलेट, मात्र 69 में ही फेस रिकग्निशन एप, महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने संबंधित जिलों के बीएसए को दी चेतावनी

छह जिलों को मिले 28314 टैबलेट मात्र 69 में ही फेस रिकग्निशन एप, महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने संबंधित जिलों के बीएसए को दी चेतावनी

परवान नहीं चढ़ रही बेसिक विद्यालयों में फेस रिकग्निशन आधारित उपस्थिति


लखनऊ। शासन की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के छह जिलों में बेसिक विद्यालयों में शुरू की गई फेस रिकग्निशन आधारित उपस्थिति की स्थिति बहुत खराब है। उपस्थिति शुरू होना तो दूर शासन की ओर से इन जिलों को दिए गए टैबलेट में से 63.5 फीसदी चालू ही नहीं किए गए। मात्र 69 टैबलेट में ही फेस रिकग्निशन एप इंस्टाल किया गया है। इस पर शासन ने संबंधित बीएसए से कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।


शासन ने सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, हरदोई, उन्नाव व लखीमपुर खीरी में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्रों के लिए फेस रिकग्निशन आधारित  उपस्थिति का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। लेकिन शिक्षकों के विरोध के कारण यह योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। हालत यह है कि इन जिलों में उपलब्ध कराए गए 28314 में से मात्र 10328 टैबलेट ही शुरू किए गए।


63.5 फीसदी टैबलेट अभी भी प्रयोग में नहीं लिए जा रहे हैं। इसमें भी सबसे खराब स्थिति बाराबंकी की है। जहां मात्र आठ फीसदी टैबलेट ही चल रहे हैं। सबसे बेहतर स्थिति हरदोई की है। यहां 60 फीसदी टैबलेट चल रहे हैं। कई जिलों में प्रेरणा ऐप भी नहीं इंस्टाल किया गया है। इसके माध्यम से सभी 12 डिजिटल रजिस्टर को अपडेट किया जाना है।


महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने इस लापरवाही पर संबंधित जिलों के बीएसए से कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। महानिदेशक ने चेताया है कि पायलट प्रोजेक्ट को ठीक से सुनिश्चित न करने पर उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इसकी समीक्षा के लिए 22 दिसंबर को ऑनलाइन बैठक भी निर्धारित की है। वहीं, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ बाराबंकी के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह ने कहा कि शासन पहले शिक्षकों को ईएल की सुविधा दे। जल्द परस्पर तबादले व पदोन्नति, अन्य लंबित मांगों पर कार्यवाही करे। इसके बाद ही शिक्षक इस प्रक्रिया में सहयोग करेगा।


डिजीटल उपस्थिति पर शुरु हुई सख्ती, सीतापुर व खीरी में कई बीईओ का वेतन रोका, डिजिटल पंजिकाओं की धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी


लखनऊ। प्रदेश में बेसिक विद्यालयों में शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों की रियल टाइम बायोमेट्रिक उपस्थिति को लेकर सख्ती बढ़ रही है। शासन व निदेशालय की ओर से इसे लेकर बीएसए को सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद सीतापुर में चार व लखीमपुर खीरी में कुछ बीईओ का दिसंबर माह का वेतन रोक दिया गया है। साथ ही डिजिटल पंजिकाओं को लेकर काम तेज करने को कहा गया है।


शासन की ओर से राजधानी लखनऊ समेत सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली, हरदोई व लखीमपुर खीरी में फेस रिकग्निशन आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति समेत एक दर्जन रजिस्टर डिजिटल करने के निर्देश दिए गए हैं। दूसरी तरफ शिक्षकों ने बायोमेट्रिक आधारित उपस्थिति का विरोध शुरू कर दिया था। इसकी वजह से कुछ जिलों में तो टैबलेट खुले ही नहीं, जहां इसका प्रयोग किया गया, वह एक-दो फीसदी ही रहा है। अब शासन ने इस पर सख्ती शुरू कर दी है। 


इसी के तहत सीतापुर के बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह ने चार खंड शिक्षा अधिकारियों का दिसंबर का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। कहा है कि शासन के निर्देश पर 12 रजिस्टर के रियल टाइम प्रयोग के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए यू- ट्यूब के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसके बाद भी यहां डिजिटल पंजिकाओं, विशेषकर उपस्थिति पंजिका के प्रयोग की स्थिति काफी खराब मिली है।


उन्होंने निर्देश दिया है कि इन सभी डिजिटल रजिस्टर का प्रयोग सभी परिषदीय विद्यालयों में कराया जाए। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। जानकारी के अनुसार लखीमपुर खीरी में भी कुछ बीईओ का वेतन रोकने का निर्देश दिया गया है। मालूम रहे कि बायोमीट्रिक उपस्थिति को लेकर अभी भी शिक्षक तैयार नहीं हैं।

Tuesday, December 19, 2023

रात आठ बजे के बाद भी कोचिंग क्लास जा सकेंगी छात्राएं, यूपी सरकार ने वापस लिया अपना आदेश

रात आठ बजे के बाद भी कोचिंग क्लास जा सकेंगी छात्राएं, यूपी सरकार ने वापस लिया अपना आदेश 


रात आठ बजे के बाद भी कोचिंग क्लास जा सकेंगी छात्राएं, यूपी सरकार ने वापस लिया अपना आदेश अगस्त में यूपी सरकार ने रात आठ बजे के बाद लड़कियों के कोचिंग जाने पर प्रतिबंध लगाया था। साथ ही कोचिंग को भी रात आठ बजे के बाद बंद रखने का आदेश जारी किया था, जिसे सरकार ने वापस ले लिया है।


यूपी सरकार ने 30 अगस्त का अपना वह आदेश आपस ले लिया है जिसमें कोचिंग संस्थानों पर रात आठ बजे के बाद लड़कियों की कक्षा लेने पर रोक लगाई गई थी। विशेष सचिव अखिलेश कुमार मिश्रा की अधोहस्ताक्षरी वाला यह नया आदेश पिछले दिशानिर्देश की यहां व्यापक आलोचना होने के बाद आया है। 'सुरक्षित शहर' परियोजना के तहत यह दिशानिर्देश जारी किया गया था। आदेश में कहा गया है, पिछले दिशानिर्देश को रद्द करते हुए ये दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं। सुरक्षित शहर परियोजना की स्थापना के सिलसिले में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को शत-प्रतिशत कैमरा अवस्थापन सुनिश्चित करना चाहिए।


आदेश में कहा गया, उक्त कैमरे कैंपस के प्रवेश एवं निकास द्वार, कक्षाओं के अंदर और बाहर, गैलरी, बरामदा,  शिक्षण संस्थान के मुख्य द्वार एवं छात्रावास में लगाए जाने चाहिए। उच्च शिक्षण संस्थानों खासकर कोचिंग सेंटरों में छात्राओं के लिए पृथक शौचालय सुनिश्चित किया जाना चाहिए। तीस अगस्त के पत्र में कहा गया था कि रात आठ बजे के बाद कोचिंग संस्थानों को लड़कियों के वास्ते कक्षाएं नहीं लगानी चाहिए। अब रद्द कर दिए गए इस आदेश में कहा गया था, जिन कोचिंग संस्थानों में लड़कियां पढ़ रही हैं, यदि उन्हें रात आठ बजे के बाद चलते हुए पाया गया तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई विद्यार्थियों ने 30 अगस्त के इस आदेश पर प्रश्न उठाया। विपक्षी दलों ने भी 'सुरक्षित शहर' नोएडा की 'कानून व्यवस्था' को लेकर सरकार की भी आलोचना की।


क्या था सरकार का आदेश

अगस्त में यूपी सरकार ने रात आठ बजे के बाद लड़कियों के कोचिंग जाने पर प्रतिबंध लगाया था। साथ ही कोचिंग को भी रात आठ बजे के बाद बंद रखने का आदेश जारी किया था। 31 अगस्त को जारी आदेश में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने कहा था कि राज्य में छात्राओं वाले कोचिंग संस्थान रात 8 बजे तक ही चलने चाहिए। ताकि वह समय से सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें। तंग गलियों के बजाए कोचिंग संस्थान खुले में होने चाहिए। गली में कोचिंग होने पर आगजनी, छेड़खानी जैसी अप्रिय घटना घटित होने की संभावना अधिक रहती है। मुख्य सचिव ने सेफ सिटी परियोजना की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए थे। 

एडेड कॉलेजों में 2014 के बाद तैनात शिक्षक व कर्मचारियों को सामूहिक बीमा का लाभ नहीं

एडेड कॉलेजों में 2014 के बाद तैनात शिक्षक व कर्मचारियों को सामूहिक बीमा का लाभ नहीं


लखनऊ। प्रदेश में सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में 31 मार्च, 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों व कर्मचारियों को अनिवार्य जीवन बीमा योजना का लाभ नहीं मिलेगा।


शासन ने एडेड कॉलेजों के कर्मचारियों के लिए लाभत्रयी नियमावली में संशोधन संबंधी आदेश जारी किया है। इससे प्रदेश भर के 4500 से अधिक एडेड कॉलेजों के दस हजार से अधिक शिक्षक- कर्मचारी प्रभावित होंगे।


जानकारी के अनुसार पूर्व में तैनात शिक्षक-कर्मचारियों का एलआईसी से ग्रुप इंश्योरेंस कराया गया था। इसमें 84 रुपये से लेकर 175 रुपये तक अलग-अलग पे-स्केल के अनुसार इंश्योरेंस का पैसा शिक्षक-कर्मचारियों का कटता था। किसी विपरीत परिस्थिति में इसका लाभ उनके परिजनों को मिलता था।


 कुछ साल पहले एलआईसी की ओर से इस योजना को बंद कर दिया गया। ऐसे में पहले से योजना में पंजीकृत कर्मचारियों को तो इसका लाभ मिल रहा है, लेकिन 31 मार्च, 2014 के बाद तैनात शिक्षक-कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। 


एलआईसी की ओर से इस योजना को बंद किए जाने के बाद भी कुछ समय तक (2015- 16 में) बीमा के लिए कटौती को गई, फिर बंद कर दी गई। शिक्षक कर्मचारियों को यह राशि भी अभी तक वापस नहीं मिल पाई है।

हाल ही में माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की ओर से जारी आदेश में क कहा गया है कि 31 मार्च 2014 के बाद नियुक्त सहायता प्राप्त शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थाओं के शिक्षक कर्मचारी अनिवार्य बीमा योजना से आच्छादित नहीं माने जाएंगे।


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री ओम प्रकाश त्रिपाठी ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि यह कर्मचारियों को पेशन, सामूहिक बीमा से वंचित रखने का षड़यंत्र है। 


तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक राजमणि सिंह ने कहा है कि हाल ही में शासन ने सालों से काम कर रहे 2000 से अधिक शिक्षकों को सेवा से बाहर कर दिया था। अभी तक उनका पुराना बकाया वेतन भी नहीं जारी किया गया है। ऐसे में अब यह निर्णय उनके साथ अन्यायपूर्ण है। हर शिक्षक-कर्मचारी के लिए बीमा और पेंशन अनिवार्य होनी चाहिए।

छह वर्षों के बकाया मानदेय और आधुनिकीकरण योजना के संचालन के लिए मदरसा शिक्षकों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू

छह वर्षों के बकाया मानदेय और आधुनिकीकरण योजना के संचालन के लिए मदरसा शिक्षकों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू


लखनऊ । मदरसा शिक्षकों ने बकाया मानदेय और मदरसा आधुनिकीकरण योजना का संचालन के किए सोमवार से ईको गार्डन में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग को लेकर ईको गार्डन गेट से निकल रहे शिक्षकों को पुलिस ने रोक दिया।


मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एकता समिति के प्रदेश अध्यक्ष अशरफ अली उर्फ सिकन्दर बाबा ने बताया कि प्रदेश के करीब 21.5 हजार मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को बीते छह वर्ष से मानदेय नहीं मिला है। इसरार इदरीसी, सुनील कुमार सिंह, रहीस अजहरी, अनंत प्रताप सिंह आदि रहे।

Monday, December 18, 2023

मियाद खत्म, नहीं जारी हो सकी फाइनल लिस्ट, फिर उलझी बेसिक शिक्षकों की प्रमोशन प्रक्रिया, नहीं सुलझ रहा पद संख्या का विवाद

मियाद खत्म, नहीं जारी हो सकी फाइनल लिस्ट, फिर उलझी बेसिक शिक्षकों की प्रमोशन प्रक्रिया, नहीं सुलझ रहा पद संख्या का विवाद


18 दिसंबर 2023
लखनऊ : बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया लगातार उलझती जा रही है। प्रमोशन के पात्र शिक्षकों की फाइनल लिस्ट जारी करने की मियाद बीत जाने के बावजूद अभी तक जिलों में पदों की संख्या को लेकर विवाद बना हुआ है। यही वजह है कि अभी तक लिस्ट पोर्टल पर आपलोड नहीं हो सकी है।


 बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन की प्रकिया फरवरी से चल रही है। इसी के साथ अंतरजनपदीय तबादलों और म्युचुअल तबादलों की प्रक्रिया भी चल रही थी। इनमें से सिर्फ अंतरजनपदीय तबादले ही पूरे हो सके हैं। इसके बाद प्रमोशन की प्रक्रिया नए सिरे से शुरू की गई। बेसिक शिक्षा परिषद ने इसके लिए 16 दिसंबर तक पात्र शिक्षकों की फाइनल लिस्ट अपलोड करने के आदेश दिए थे। अभी तक एक दर्जन से भी कम जिले ही फाइनल लिस्ट जारी कर पाए हैं।


ऐसे उलझी प्रक्रिया : फाइनल लिस्ट जारी करने से पहले हुई विडियो कॉन्फ्रेंसिंग में 2011 तक सृजित पदों के सापेक्ष खाली पदों पर प्रमोशन के लिए कहा गया था। कुछ बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों को इस बाबत लिखित निर्देश भी दिए। इसको लेकर भ्रम की स्थिति हो गई। 

अब कई जिलों ने अपने यहां प्रमोशन के लिए खाली पदों की संख्या शून्य और माइनस में दिखा दी है। बाराबंकी और बुलंदशहर में खाली पदों की संख्या शून्य दिखाई गई है। एटा में यह संख्या माइनस में है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल कहते हैं कि अगर कहीं कोई भ्रम है तो बात करके उसे दूर किया जाएगा।



बेसिक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची फिर विवादों के घेरे में, जिलों मे अलग-अलग मानक तय किए गए, कल अपलोड होनी है फाइनल लिस्ट

15 दिसंबर 2023
लखनऊ : बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन की प्रकिया अंतिम चरण में हैं लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे। सबसे बडा विवाद वरिष्ठता सूची को लेकर ही है। जिलों में बीएसए ने अपने स्तर से वरिष्ठता के मानक तय कर दिए हैं। जॉइनिंग तिथि एक होने पर कुछ जिलों ने जन्म तिथि को आधार बनाया है तो कुछ ने चयन गुणांक के आधार पर सूची जारी की है। इसी आधार पर काउंसलिंग की जा रही है और 16 दिसंबर तक फाइनल लिस्ट अपलोड करनी है।

बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया वर्षों से अटकी है। इस साल फरवरी में प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन बाद कई बार इसे रोका गया। अब 16 दिसंबर तक प्रमोट हुए शिक्षकों की फाइनल लिस्ट अपलोड करनी है। ऐसे में वरिष्ठता सूची पर विवाद शुरू हो गया है। इस बारे में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि पूरे प्रदेश में एक ही मानक होना चाहिए, ताकि किसी के साथ अन्याय न हो।



कई ज़िलों में बेसिक शिक्षकों की अंतिम ज्येष्ठता सूची पर आपत्ति

प्रयागराज : पदोन्नति पाने की प्रतीक्षा कर रहे बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को विलंब का झटका लग सकता है। पदोन्नति देने के लिए प्रकाशित की गई अंतिम सूची पर कई जिलों से आपत्ति आई है। 


शिक्षकों का कहना है कि अंतिम ज्येष्ठता सूची में 30 सितंबर 2023 तक पांच वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले सभी शिक्षकों को अंतिम सूची में शामिल किया जाना था, लेकिन कई जिलों में परिषद सचिव के आदेश का पालन नहीं किए जाने का आरोप लगाया गया है। इससे शिक्षकों में नाराजगी है।


पदोन्नति देने के लिए तैयार की गई अंतिम वरिष्ठता सूची कुछ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने जन्मतिथि से बनाई है तो कुछ ने नियुक्ति तिथि से। इसके कारण विरोधाभास है। 

69000 शिक्षक भर्ती में एक नंबर से प्रभावित अभ्यर्थी दे रहे 132 दिन से धरना, धरने पर बैठी महिला अभ्यर्थी की तबीयत बिगड़ी

69000 शिक्षक भर्ती में एक नंबर से प्रभावित अभ्यर्थी दे रहे 132 दिन से धरना, धरने पर बैठी महिला अभ्यर्थी की तबीयत बिगड़ी


लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में एक नंबर से नियुक्ति से वंचित छात्र ईको गार्डेन में चार माह से अधिक (132 दिन ) से धरना दे रहे हैं। ठंड बढ़ने के बाद भी कोर्ट के आदेश के अनुसार एक नंबर जोड़कर परिणाम जारी कराने के लिए डटे हुए हैं। इसी बीच रविवार को लखनऊ को संध्या मिश्रा को ठंड के साथ तेज बुखार हो गया।


महिला अभ्यर्थी की तबीयत खराब होने से अन्य अभ्यर्थी डर गए। महिला अभ्यर्थी को उपचार के लिए डाक्टर के पास ले गए। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे पर भेज दिया गया। अभ्यर्थियों ने कहा कि शैक्षिक परिभाषा के एक सवाल को गलत पाए जाने पर इलाहाबाद हाइकाट ने 21 अगस्त 2021 को एक अंक बढ़ाते हुए याचियों को मेरिट के आधार पर चयन करने का आदेश दिया था।


इस आदेश के खिलाफ सरकार की ओर से दाखिल विशेष अपील को सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2022 को खारिज कर हाईकोर्ट के आदेश को सही बताया था। इसके बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग हमारे साथ न्याय नहीं कर रहा है। इसके लिए अभ्यर्थी 8 अगस्त से लगातार ईको गार्डेन में धरना प्रदर्शन कर नियुक्ति की "मांग कर रहे है। साथ ही बेसिक शिक्षा  मंत्री आवास और निदेशालय का घेराव भी कर चुके हैं।


धरने में शामिल दुर्गेश शुक्ला, सूरज वर्मा, रॉकी सिंह, अल्का सिंह ने बताया कि विभाग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद भी कोई कार्यवाई नहीं हो रही है। हमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ही न्याय उम्मीद है। वह इस मामले में विभागीय अधिकारियों को आवश्यक कारवाई के लिए निर्देश जारी करें। उन्होंने कहा कि एक अंक मामले की नियुक्ति की चयन सूची जारी होने तया धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। 

पुरानी पेंशन के लिए जल्द मेमोरेंडम जारी नहीं हुआ तो होगा आंदोलन

पुरानी पेंशन के लिए जल्द मेमोरेंडम जारी नहीं हुआ तो होगा आंदोलन 

पुरानी पेंशन विसंगति समाधान संघर्ष मोर्चा की बैठक में लिया निर्णय


लखनऊ । प्रदेश में भी केन्द्रीय मेमोरेंडम के अनुक्रम में पुरानी पेंशन को लेकर आदेश जारी कराने की मांग कर्मचारी संगठनों ने की है। ऐसा न होने पर जनवरी से आंदोलन की चेतावनी दी है। यह निर्णय पुरानी पेंशन विसंगति समाधान संघर्ष मोर्चा की रविवार को दारुलशफा विधायक निवास के कामन हाल में आयोजित बैठक में लिया गया। 


केन्द्रीय बैठक की अध्यक्षता करते प्रदेश संयोजक तारकेश्वर शाही ने कहा कि केंद्र सरकार के पेंशन निदेशालय की ओर से जारी मेमोरेंडम तीन मार्च 2023 के क्रम में प्रदेश सरकार भी आदेश जारी करे। यदि जनवरी में मेमोरेंडम नहीं जारी हुआ तो आंदोलन की घोषणा की जाएगी। प्रदेश संयोजक विनय कुमार सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए कर्मचारी एकजुट है।


प्रदेश संयोजक मनोज राय ने कहा कि प्रदेश में 01 अप्रैल 2005 से पूर्व के विज्ञापन द्वारा चयनित शिक्षकों/ कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। प्रदेश संयोजक आशुतोष मिश्रा ने कहा कि हमें संगठित होकर संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा।


बैठक में प्रदेश संयोजक अनंत सिंह, त्रिपुरारी दूबे, निशा सिंह, सुधीर कुमार, अजय सिंह, प्रेम नारायण चौरसिया, शहनवाज खान, पद्माकर सिंह, तोहिना गुप्ता, नीलिमा आि उपस्थित थे। ब्यूरो

उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग के माध्यम से होगी अटल आवासीय विद्यालयों में भर्ती

उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग के माध्यम से होगी अटल आवासीय विद्यालयों में भर्ती


लखनऊ : श्रम विभाग की ओर से प्रदेश के सभी 18 मंडल मुख्यालयों में स्थापित किये गए अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की स्थायी भर्ती उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग के माध्यम से की जाएगी। 


फिलहाल इन विद्यालयों में नवोदय विद्यालयों के सेवानिवृत्त शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। शासन ने प्रत्येक अटल आवासीय विद्यालय में प्रधानाचार्य व प्रशासनिक अधिकारी के एक-एक, प्रवक्ता के 16 व सहायक अध्यापक के 27 पद सृजित किये हैं।

Sunday, December 17, 2023

आगामी दिनांक 20 और 21 दिसंबर 2023 को "नवाचारी शैक्षिक प्रयास एवं बच्चों के नैतिक मूल्यों का विकास" विषयक राज्य स्तरीय कार्यशाला में प्रतिभाग करने के सम्बन्ध में

आगामी दिनांक 20 और 21 दिसंबर 2023 को "नवाचारी शैक्षिक प्रयास एवं बच्चों के नैतिक मूल्यों का विकास" विषयक राज्य स्तरीय कार्यशाला में प्रतिभाग करने के सम्बन्ध में


अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक / शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अवशेष प्रकरणों के निस्तारण हेतु व्यवस्था में परिवर्तन, देखें आदेश

बकाया भत्तों के लिए अब एडेड इंटर कालेजों के शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मियों को अब  नहीं पड़ेगा भटकना


लखनऊ । बकाया भत्तों के लिए अब एडेड इंटर कालेजों के शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मियों को भटकना नहीं पड़ेगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में नये सिरे से आदेश जारी किये हैं। इसके तहत दो लाख रुपये तक के भुगतान आदेश डीआईओएस और लेखाधिकारी की दो सदस्यीय समिति को करने का अधिकार दे दिया गया है। 


दो लाख से चार लाख तक के भुगतान का आदेश जेडी, डीडीआर और मंडलीय लेखाधिकारी को समिति कर सकेगी। चार लाख से आठ लाख तक के भुगतान के लिए डीआईओएस अपनी रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेजेंगे। यहां वित्त नियंत्रक के परीक्षण के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक से अनुमति लेकर संयुक्त शिक्षा निदेशक आदेश करेंगे। 


इसी तरह आठ लाख से अधिक के मामलों में डीआईओएस की रिपोर्ट पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अनुमति से अपर शिक्षा निदेशक अर्थ भुगतान आदेश कर सकेंगे। ये सभी नियम चयन बोर्ड और आयोग से चयनित शिक्षकों पर लागू होंगे।


शिक्षकों व कर्मचारियों को सेवा के दौरान और रिटायरमेंट के बाद कई तरह के भुगतान में अक्सर विलम्ब हो जाता है। बाद में इनके निस्तारण में और दिक्कतें आती हैं। अभी तक जो नियम थे, उनमें ऐसे मामलों को निस्तारित करने के लिए डीआईओएस को अधिकार नहीं था। 


जिला विद्यालय निरीक्षक और लेखाधिकारी परीक्षण करके उसे अग्रसारित करते थे। उसके बाद संयुक्त निदेशक स्तर से भी दो लाख रुपये तक के भुगतान की अनुमति का ही अधिकार था। उससे अधिक भुगतान के लिए निदेशालय और शासन के चक्कर काटने पड़ते थे। आदेश के बाद अब इस तरह की समस्या से शिक्षको को निजात मिल जायेगी।



अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक / शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अवशेष प्रकरणों के निस्तारण हेतु व्यवस्था में परिवर्तन, देखें आदेश 


ऑनलाइन डिग्री पर UGC की चेतावनी, एडटेक कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी

बिना अनुमति विदेशी उच्च शिक्षण संस्थान भारत में नहीं चला सकेंगे कोर्स, यूजीसी नहीं देगी मान्यता


नई दिल्ली। विदेशी डिग्री के नाम पर विद्यार्थियों को ठगी से बचाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सख्त नियम जारी किए हैं। विदेशी शिक्षण संस्थान बिना अनुमति भारत में कोर्स नहीं चला सकेंगे। उच्च शिक्षण संस्थान व एडुटेक कंपनियां फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट कोर्स भी नहीं चला सकेंगी।


 यूजीसी इन्हें मान्यता नहीं देगा यूजीसी ने नोटिस जारी कर बताया कि कई उच्च शिक्षण संस्थान, कॉलेज व एडुटेक कंपनियां संस्थानों से समझौते कर रही हैं। यूजीसी सचिव मनीष जोशी के अनुसार, विद्यार्थियों को इन संस्थाओं की डिग्री या डिप्लोमा दिलाने का प्रलोभन देकर पंजीकरण कराए जा रहे हैं।


 सोशल मीडिया, टीवी, समाचार पत्र सहित विदेशी शिक्षण विभिन्न माध्यमों पर विज्ञापन भी दिए जा रहे हैं। यूजीसी इन विदेशी संस्थानों को मान्यता नहीं देता है। ऐसे फ्रेंचाइजी समझौते की अनुमति नहीं है। भारतीय संस्थान भी फ्रेंचाइजी समझौते के तहत कोर्स नहीं चलाएंगे। 



विदेशी ऑनलाइन डिग्री पर UGC की चेतावनी, एडटेक कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी 


नई दिल्ली । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर ऑनलाइन कोर्स का संचालन करने और डिग्री बांटने वाले एड़टेक कंपनियों को चेतावनी जारी की है। इन विदेशी विश्वविद्यालयों को यूजीसी से मान्यता भी नहीं है। यूजीसी ने कहा है कि ये डिग्री वैध नहीं है। ऐसे कोर्सों में दाखिला लेने वाले छात्र सतर्कता बरतें। मनमानी करने वाली एडटेक कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।



यूजीसी ने कहा है कि देखा गया है कि कई उच्च शिक्षण संस्थान विदेशी शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर ऑनलाइन डिग्री कोर्स का संचालन कर रहे है। जबकि इन शिक्षण संस्थानों को आयोग से मान्यता नहीं है। यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने बताया कि विदेशी विश्वविद्यालयों के नाम पर बिना मान्यता के ऑनलाइन डिग्री कोर्स का संचालन वैध नहीं है। 


आयोग किसी भी भी सूरत में इस तरह की डिग्री को मान्यता नहीं देता है। उन्होंने कहा कि आयोग को पता चला है कि कुछ एडटेक कंपनियां समाचार पत्रों, सोशल मीडिया और टीवी के माध्यम से ऑनलाइन डिग्री और डिप्लोमा कोर्स का संचालन कर रही हैं। आयोग इस तरह की किसी भी डिग्री और डिप्लोमा को मान्यता नहीं देता है।



मानव संपदा पोर्टल की खामियों का हो समाधान, उच्च शिक्षा के शिक्षक संगठनों की मांग

मानव संपदा पोर्टल की खामियों का हो समाधान, उच्च शिक्षा के शिक्षक संगठनों की मांग


लखनऊ। उच्च शिक्षा विभाग में मानव संपदा पोर्टल की नई व्यवस्था लागू होने से पहले ही कई तरह की खामियां सामने आ रही है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि लागू करने से पहले ही समस्या का समाधान किया जाए। 


विभाग में एक जनवरी 2024 से सभी तरह की गतिविधियां मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ही संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस निर्देश के बाद शिक्षक संगठनों ने पोर्टल पर आ रही दिक्कतों को लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।


लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने बताया कि शासन ने सेवा पुस्तिका को पोर्टल पर (ई-एचआरएमएस) ई-सर्विस बुक के रूप में परिवर्तित करने का निर्देश दिया है, लेकिन नियुक्ति संस्थान के साथ प्रोन्नति की सूचना पोर्टल पर देने का विकल्प नहीं है। 


अवकाश की गणना जनवरी से दिसंबर के बीच की गई है, जबकि उच्च शिक्षा में सत्र जुलाई से शुरू होकर जून में समाप्त होता है। पोर्टल पर लिखित सेवा नियमावली एवं अवकाश की गणना सरकारी विभागों के अफसरों व कर्मचारियों की सेवा नियमावली के अनुसार है, इससे भी समस्या आएगी।


Saturday, December 16, 2023

68500 शिक्षक भर्ती में फिर सीबीआई जांच का मामला उठा, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- कहां तक पहुंची जांच?

68500 शिक्षक भर्ती में फिर सीबीआई जांच का मामला उठा, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- कहां तक पहुंची जांच?
 

68500 सहायक अध्यापक भर्ती में हुई गड़बड़ी की सीबीआई जांच का जिन्न पांच साल बाद बोतल से फिर निकला

68500 भर्ती में सीबीआई जांच का मामला उठा, 04 सितंबर को भेजे गए पत्र पर जल्द निर्णय लेने को कहा


प्रयागराज । परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में हुई गड़बड़ी की सीबीआई जांच का जिन्न पांच साल बाद बोतल से फिर निकल आया है। सुप्रीम कोर्ट ने पांच दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा है कि हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश पर सीबीआई में दर्ज एफआईआर की वर्तमान स्थिति क्या है।


 इस मामले की सुनवाई जनवरी में रखी है। जनवरी 2018 को 68500 शिक्षक भर्ती के लिए जारी शासनादेश के आधार पर 27 मई को लिखित परीक्षा कराई गई। 13 अगस्त को घोषित परिणाम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली थी। 


दो ऐसे अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था जो परीक्षा में शामिल ही नहीं थे। यही नहीं, परीक्षा में फेल 23 अभ्यर्थियों को भी पास कर दिया गया था। गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं की थी। हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।


अनियमितता पर सरकार ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की सचिव डॉ. सुत्ता सिंह को आठ सितंबर 2018 को निलंबित कर दिया था। इस मामले में अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिकाओं पर हाईकोर्ट के जस्टिस इरशाद अली ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। हालांकि बाद में सरकार की अपील पर डबल बेंच ने दिसंबर के दूसरे सप्ताह में अपने आदेश में सीबीआई जांच को औचित्यहीन माना था। हालांकि तब तक सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली थी। उसके बाद कुलदीप कुमार नाम के अभ्यर्थी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर दी थी। उस मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय में पांच दिसंबर को हुई।


इससे पहले अदालत ने यह निर्देश दिये थे कि इस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी साबित होने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ सक्षम प्राधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिये। कहा गया था कि सरकार द्वारा जारी विज्ञापन के आधार पर की गयी सहायक अध्‍यापकों की भर्ती उत्‍तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (शिक्षक) सेवा नियमावली 1981 के खिलाफ थी। इसी के बाद सहायक अध्‍यापकों के 68500 पदों पर शुरू की गयी सम्‍पूर्ण भर्ती प्रक्रिया की सीबीआई जांच के आदेश दिये थे।

मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं 13 फरवरी से होंगी शुरू

मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं 13 फरवरी से होंगी शुरू


लखनऊ : उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं 13 फरवरी से शुरू होंगी और 21 फरवरी तक चलेंगी। परीक्षाएं दो पालियों में होंगी। अभी तक परीक्षा में शामिल होने के लिए 1.19 लाख छात्रों ने परीक्षा फार्म भरा है। अनुदानित मदरसों को परीक्षा केंद्र बनाने में प्राथमिकता दी जाएगी। नकलविहीन परीक्षाएं कराने के लिए परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।


शुक्रवार को उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में परीक्षा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। परीक्षाएं 13, 15, 17, 19, 20 और 21 फरवरी को होंगी।

पॉलिटेक्निक में प्रवेश के लिए एक जनवरी से कर सकेंगे आवेदन, संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद ने जारी की प्रस्तावित तिथि

पॉलिटेक्निक में प्रवेश के लिए एक जनवरी से कर सकेंगे आवेदन, संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद ने जारी की प्रस्तावित तिथि


लखनऊ। राजधानी सहित प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों में प्रवेश के लिए प्रस्तावित तिथि जारी की गई है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद (जेईईसीयूपी) की ओर से पॉलिटेक्निक में प्रवेश के लिए एक जनवरी से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरु होगी। जबकि, 16 मार्च से प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएंगी। प्राविधिक शिक्षा विभाग ने इस संबध में प्रस्तावित तिथियां जारी की है।


विभाग के मुताबिक राजकीय, अनुदानित व निजी पॉलिटेक्निक संस्थानों में दाखिले के लिए परीक्षा आयोजित की जाती है। सत्र 2024 में प्रवेश के लिए एक जनवरी से 29 फरवरी तक आवेदन होंगे। जबकि 16 से 22 मार्च तक विभिन्न केंद्रों पर प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएंगी। आवदेन में सामान्य व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 300 रुपये, जबकि अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए 200 रुपये प्रवेश शुल्क देने होंगे।


जेईईसीयूपी वेबसाइट के जरिए अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। प्रवेश परीक्षा में महिलाओं के लिए 20 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई है। 12वीं पास व आईटीआई उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को द्वितीय वर्ष में प्रवेश की सुविधा दी गई है।



जेईईसीयूपी की इन शाखाओं में होंगे दाखिल

सिविल इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक्स, कंप्यूटर साइंस, इनफार्मेशन टेक्नालॉजी इंस्ट्रूमेटेंशन, केमिकल इंजीनियरिंग, पेंट एंव प्लास्टिक मोल्ड टेक्नोलॉजी, डेयरी, टेक्सटाइल ग्लास, सिरेमिक व प्रिटिंग टेक्नोलॉजी का कोर्स तीन वर्ष का होगा जिसके लिए 10वीं पास होना जरुरी है। होटल मेनेजमेंट कोर्स में दाखिले के लिए 12वीं पास होना जरूरी है।

Friday, December 15, 2023

शिक्षक भर्ती में बीएड अर्हता हटने का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया एनसीटीई के पत्र के तहत कार्रवाई करने का आदेश

शिक्षक भर्ती में बीएड अर्हता हटने का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया एनसीटीई के पत्र के तहत कार्रवाई करने का आदेश


लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार को प्राथमिक स्कूलों के सहायक शिक्षकों की भर्ती में बीएड अर्हता हटाने को लेकर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के पत्र पर जल्द निर्णय लेकर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस आदेश से प्रदेश में सहायक शिक्षकों की अर्हता में से बीएड को हटाने का रास्ता साफ हो गया है। न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति ओमप्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने यह आदेश श्याम बाबू व अन्य अभ्यर्थियों की 312 याचिकाओं पर दिया।

दरअसल, एनसीटीई ने राज्य सरकारों को चार सितंबर 2023 को भेजे पत्र में देवेश शर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत कार्रवाई करने के लिए कहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीएड को सहायक शिक्षक भर्ती की अर्हता में शामिल करने के एनसीटीई की अधिसूचना को शिक्षा के अधिकार कानून के खिलाफ ठहराया था।

हाईकोर्ट में याचियों ने एनसीटीई एनसीटीई की क 28 जून 2018 की अधिसूचना के मद्देनजर शिक्षक भर्ती के लिए बीएड को शामिल करने के बदलाव को खत्म करने और सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के परिणाम के पुनरीक्षण की गुजारिश की थी। वहीं, भर्ती अर्हता नियमों में संशोधन की वैधता को चुनौती दी थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि अभी यह सामने नहीं आया है कि राज्य सरकार ने बीते चार सितंबर को भेजे गए एनसीटीई के पत्र के मुताबिक कार्रवाई करने से इन्कार किया हो। ऐसे में अभी नियमों की वैधता को चुनौती देने का औचित्य नहीं है। इस आदेश के साथ कोर्ट ने सभी याचिकाएं निस्तारित कर दीं।



प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड पर निर्णय ले सरकार, हाईकोर्ट ने NCTE के पत्र के संदर्भ में यूपी सरकार को दिए निर्देश


प्रदेश में सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए शैक्षिक योग्यता से बीएड को बाहर किया जा सकता है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को इस सम्बंध में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा भेजे गए 4 सितम्बर 2023 के पत्र पर जल्द निर्णय लेने का आदेश दिया है।


उक्त पत्र के द्वारा एनसीटीई ने सभी राज्य सरकारों को सर्वोच्च न्यायालय के देवेश शर्मा मामले में दिए निर्णय के आलोक में कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। देवेश शर्मा मामले में शीर्ष अदालत ने एनसीटीई के उस अधिसूचना को शिक्षा के अधिकार कानून के विपरीत करार दिया था जिसके तहत बीएड को सहायक शिक्षक की शैक्षिक योग्यता में शामिल किया गया था।


 न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने श्याम बाबू व 312 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए, राज्य सरकार को उपरोक्त आदेश दिया है। याचियों की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार त्रिपाठी की दलील थी कि 28 जून 2018 को अधिसूचना जारी करते हुए, एनसीटीई ने सहायक शिक्षक की शैक्षिक योग्यता में बीएड को शामिल किया था, उत्तर प्रदेश में सम्बंधित नियमों में बदलाव करते हुए, बीएड को शामिल कर लिया गया जबकि राजस्थान में बीएड को शैक्षिक योग्यता में शामिल नहीं किया गया। 


यह विवाद राजस्थान उच्च न्यायालय गया। राजस्थान उच्च न्यायालय ने एनसीटीई 2018 की अधिसूचना को अविधिक पाते हुए, रद् कर दिया। मामला सर्वोच्च न्यायालय गया और कोर्ट ने राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा।


वर्तमान मामले में याचियों ने 28 जून 2018 के अधिसूचना के क्रम में बीएड को शामिल करने सम्बंधी बदलावों को समाप्त करने व सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के परिणाम के पुनरीक्षण की मांग की थी। हालांकि न्यायालय ने आदेश में कहा कि हमारे सामने यह मामला नहीं है कि सरकार ने 2023 के एनसीटीई के पत्र के अनुपालन में कार्रवाई करने से इंकार कर दिया हो, लिहाजा अभी नियमों की वैधता को चुनौती देने का औचित्य नहीं है, हालांकि राज्य सरकार को आदेश देते हैं कि वह पत्र के आलोक में निर्णय लेते हुए कार्रवाई करे।


कोर्ट आर्डर 

यूपी सरकार 12.35 लाख स्मार्टफोन मार्च में बांटेगी, 25 लाख युवाओं को प्रदेश स्मार्ट फोन का हो रहा वितरण

यूपी सरकार 12.35 लाख स्मार्टफोन मार्च में बांटेगी, 25 लाख युवाओं को प्रदेश स्मार्ट फोन का हो रहा वितरण 



लखनऊ । स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत योगी सरकार मार्च तक 12.35 लाख से ज्यादा स्मार्टफोन युवाओं को बांट देगी। यह स्मार्टफोन निःशुल्क दिए जा रहे हैं। फोन आपूर्ति करने वाली है। कंपनियों से कहा गया है कि वह 21 फरवरी 2024 तक शेष 1235267 स्मार्टफोन की आपूर्ति कर दें।

औद्योगिक विकास विभाग के मुताबिक, चार कंपनियों का चयन किया गया था। इनमें विजन डिस्ट्रीब्यूशन को 364000, सेलकान इम्पैक्स को 329775, एनएफ इंफ्राटेक 263316 व इन्सटेंट प्रोक्योरमेंट को 278176 स्मार्टफोन की आपूर्ति करनी है। 23 दिसंबर तक कुल लक्ष्य का 70 प्रतिशत इनको बांटना है और बाकी के लिए 21 फरवरी तक समय दिया गया।


 इन कंपनियों को 9972 रुपये प्रति स्मार्टफोन की दर से भुगतान किया गया है। इसके लिए विभाग को इन कंपनियों को 1173 करोड़ से ज्यादा की रकम की और जरूरत है।


यह स्मार्टफोन यूपी सरकार द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ रहे 25 लाख युवाओं को दिए जा रहे हैं। स्मार्टफोन में हजार से ज्यादा कोर्स व प्रोगाम लोड भी हैं। युवा सशक्तीकरण योजना के तहत सरकार ने युवाओं को निःशुल्क स्मार्टफोन या टैबलेट उपलब्ध कराने निर्णय लिया था।

प्राचार्य को अब उच्च शिक्षा निदेशक से मांगनी होगी छुट्टी, ऑनलाइन माध्यम से लेना होगा आकस्मिक अवकाश

प्राचार्य को अब उच्च शिक्षा निदेशक से मांगनी होगी छुट्टी, ऑनलाइन माध्यम से लेना होगा आकस्मिक अवकाश


प्रयागराज। राजकीय उच्च महाविद्यालयों, क्षेत्रीय अधिकारी कार्यालयों, राजकीय पब्लिक लाइब्रेरी और सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को अब आकस्मिक अवकाश ऑनलाइन माध्यम से लेना होगा। उन्हें मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से अवकाश के लिए आवेदन करना होगा और पोर्टल पर ही उनका अवकाश मंजूर किया जाएगा।


राजकीय महाविद्यालय में शिक्षकों एवं कर्मचारियों का अवकाश प्राचार्य स्वीकृत करेंगे और प्राचार्य को उच्च शिक्षा निदेशक से अपने अवकाश की मंजूरी लेनी होगी। क्षेत्रीय उच्च अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों को क्षेत्रीय उच्च अधिकारी और अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को प्राचार्य से अवकाश की मंजूरी लेनी होगी, जबकि प्राचार्य का अवकाश प्रबंधन की ओर से स्वीकृत किया जाएगा। 


पोर्टल पर प्रबंधकों का पंजीकरण पूरा होने तक वे पूर्व की भांति प्राचार्यों को ऑफलाइन अवकाश दें सकेंगे। इसके साथ ही नए पद पर कार्यभार ग्रहण करने पर भी ऑनलाइन सूचना देनी होगी।

Thursday, December 14, 2023

नयी पेंशन स्कीम को चुनौती दे रही 219 याचिकाएं निरस्त, प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों ने दी थी चुनौती, प्रान की अनिवार्यता को भी दी गई थी चुनौती

नयी पेंशन स्कीम को चुनौती दे रही 219 याचिकाएं निरस्त, प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों ने दी थी चुनौती,  प्रान की अनिवार्यता को भी दी गई थी चुनौती




लखनऊ । हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नई पेंशन स्कीम को चुनौती देने वाली शिक्षकों, प्राचार्यों की सैकड़ों याचिकाओं को एक साथ सुनवाई कर खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचियों ने नई पेंशन स्कीम प्रभाव में आने के बाद नियुक्ति पाई थी और उन्होंने नियुक्ति पत्र की नियम-शर्तें मानी थीं।



यह निर्णय न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की एकल पीठ ने 219 याचिकाओं पर साथ सुनवाई कर पारित किया। याचियों ने नई पेंशन स्कीम वाले 28 मार्च 2005 के शासनादेश को चुनौती देकर कहा था कि नई पेंशन स्कीम में अनिश्चितताएं हैं, शेयर के भरोसे होगी। प्रान में पंजीकरण न वाले शिक्षकों का वेतन रोकने शासनादेश को भी चुनौती दी थी, जिसमें एनपीएस न अपनाने वाले शिक्षकों का वेतन रोकने का प्रावधान था। 



कोर्ट ने पाया कि 27 जनवरी 2023 को संशोधित शासनादेश से स्पष्ट किया कि शिक्षकों का वेतन नहीं रोका जाएगा।

SVEEP अन्तर्गत राज्यस्तरीय ऑनलाइन पोस्टर / स्लोगन प्रतियोगिता 1.0 लॉच किये जाने के संबंध में।

SVEEP अन्तर्गत राज्यस्तरीय ऑनलाइन पोस्टर / स्लोगन प्रतियोगिता 1.0 लॉच किये जाने के संबंध में।


हाईकोर्ट का आदेश : आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को ग्रेच्युटी दे सरकार

हाईकोर्ट का आदेश : आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को ग्रेच्युटी दे सरकार


लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने केंद्र व राज्य सरकार को आदेश दिया है कि प्रदेश की सभी अर्ह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को चार माह में ग्रेच्युटी भुगतान का लाभ अधिनियम 1972 के तहत दिया जाए।


न्यायमूर्ति मनीष माथुर की एकल पीठ ने यह फैसला बहराइच की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोकिला शर्मा की याचिका पर दिया। याचिका में अन्य प्रदेशों की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाए जाने समेत ग्रेच्युटी का भी लाभ दिए जाने के निर्देश देने का आग्रह किया गया था। साथ ही यह भी गुजारिश की गई थी कि मानदेय निर्धारित न्यूनतम पारिश्रमिक से कम नहीं होना चाहिए।


याची के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही मनीबेन मगनभाई भारया के मामले में गुजरात सरकार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को ग्रेच्युटी भुगतान का लाभ देने का आदेश दिया है। ऐसे में यह लाभ उत्तर प्रदेश में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को दिया जा सकता है।


 कोर्ट ने सुनवाई के बाद केंद्र व राज्य सरकार को आदेश दिया कि प्रदेश की सभी अर्ह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को चार माह में ग्रेच्युटी भुगतान का लाभ दिया जाए। प्रदेश में अभी 1.89 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 1.66 लाख सहायिकाएं कार्यरत हैं। 

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा सीएम योगी को परिषदीय शिक्षकों को देय अवकाश व्यवस्था में संशोधन करने के सम्बन्ध में मांगपत्र

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा सीएम योगी को परिषदीय शिक्षकों को देय अवकाश व्यवस्था में संशोधन करने के सम्बन्ध में मांगपत्र


Wednesday, December 13, 2023

मदरसों में बच्चों को भेजने का रुझान घटा, जानिए क्यों?

मदरसों में बच्चों को भेजने का रुझान घटा, जानिए क्यों? 


लखनऊ। पढ़ाई कान्वेंट स्कूल और कालेजों में, कुरआन व इस्लाम की धार्मिक शिक्षा घर पर मौलवी साहब से...। यूपी के मुसलमान अब अपने बच्चों को मदरसों में भेजने में दिलचस्पी नहीं ले रहे। वजह धार्मिक शिक्षा के साथ ही साथ अंग्रेजी, गणित, विज्ञान आदि आधुनिक विषयों की पढ़ाई चौपट हो गई है। मदरसों में पढ़ने वालों की तादाद लगातार घटती जा रही है।


वर्ष 2021 में एक लाख 62 हजार 672 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हुए थे जबकि 2023 में वर्ष 2024 की वार्षिक परीक्षा के लिए तो इनकी संख्या 90 हजार तक ही सीमित हो गई।


यूपी के मान्यता प्राप्त 7442 मदरसों में 21216 नियुक्त-कार्यरत शिक्षकों को छह वर्षों से मानदेय नहीं मिल रहा वे शिक्षक शिक्षण में रुचि नहीं ले रहे।


यूपी में 16 हजार मदरसे

28 जनवरी 2014 को यूरी सरकार के संकल्प के अनुसार 12000 रुपये के शिक्षक को 3000 रुपये तथा 6000 मासिक मानदेय वाले शिक्षक को 2000 रुपये अतिरिक्त राज्यांश देने की व्यवस्था की गई। अतिरिक्त राज्याश की अदाएगी मार्च 2023 तक की गई है। वर्ष 2017 तक मदरसों की छात्र संख्या में निरंतर बढ़ोतरी होती रही। 2018 के पश्चात संख्या कम होने लगी। यूपी में कुल मिलाकर 16513 मदरसे मान्यता प्राप्त है।


CBSE ने जारी की 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा की डेटशीट, 15 फरवरी से शुरू होंगी परीक्षाएं, डॉउनलोड करें परीक्षा कार्यक्रम

सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तिथि जारी की, एक ही तारीख पर नहीं पड़ेंगी अन्य परीक्षाएं, छात्रों को दो विषयों के बीच पर्याप्त अंतर भी दिया गया, डेटशीट में प्रतियोगी परीक्षाओं का ध्यान रखा


नई दिल्ली/लखनऊ । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तिथि जारी कर दी है। 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 15 फरवरी 2024 से शुरू होंगी। बारहवीं कक्षा की डेटशीट तैयार करते समय जेईई मेन सहित प्रतियोगी परीक्षाओं का भी बोर्ड ने ध्यान रखा है।


बोर्ड ने इस बाबत न केवल डेटशीट जारी की है, बल्कि इसको लेकर परिपत्र भी जारी किया है। परीक्षा नियंत्रक डा. संयम भारद्वाज द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि डेट शीट तैयार करते समय बोर्ड ने कई प्रमुख मुद्दों का ध्यान भी रखा है। बोर्ड ने कहा है कि दोनों कक्षाओं मे एक छात्र द्वारा पेश किए जाने वाले दो विषयों के बीच पर्याप्त अंतर दिया गया है।


परिपत्र के अनुसार बोर्ड ने ये डेट शीट 40,000 से अधिक विषयों के संयोजन को ध्यान में रखकर तैयार की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी छात्र की दो विषयों की परीक्षाएं एक ही तारीख पर न पड़ें। इस बार भी परीक्षा शुरू करने का समय सुबह 10.30 बजे है। परीक्षा नियंत्रक का कहना है कि डेटशीट काफी पहले इसलिए जारी कर दी जाती है ताकि छात्र अपनी परीक्षाओं की अच्छी तैयारी कर सकें।


एक जनवरी से शुरू होंगी प्रयोगात्मक परीक्षाएं: सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं कक्षा की प्रयोगात्मक परीक्षाओं की तिथि पहलेही  जारी कर दी है। ये प्रयोगात्मक परीक्षाएं एक जनवरी से शुरू होंगी और 15 फरवरी को खत्म होंगी। बोर्ड की वेबसाइट पर सैंपल पेपर भी मौजूद है। छात्र सैंपल पेपर की जांच, उसका अभ्यास करने और अन्य जानकारी के लिए सीबीएसई की वेबसाइट cbseacademic.ac.in से मदद ले सकते हैं। इस पर सभी जानकारी साझा की गई हैं।



CBSE ने जारी की 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा की डेटशीट, 15 फरवरी से शुरू होंगी परीक्षाएं, डॉउनलोड करें परीक्षा कार्यक्रम


CBSE 10th 12th Exam Time-Table 2024 : सीबीएसई ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया है। परीक्षा 15 फरवरी से होगी। बता दें,  कक्षा 10वीं की परीक्षाएं 15 फरवरी से 13 मार्च तक और कक्षा 12वीं की परीक्षाएं 15 फरवरी से 2 अप्रैल तक आयोजित की जाएगी। छात्र काफी लंबे समय से परीक्षा की डेटशीट का इंतजार कर रहे थे। जो छात्र परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, वह परीक्षा का पूरा शेड्यूल आधिकारिक वेबसाइट  cbse.gov.in पर देख सकते हैं। वहीं परीक्षा के शेड्यूल के अनुसार कक्षा 10वीं-12वीं के पेपर सुबह 10:30 से दोपहर 1:30 बजे तक आयोजित किए जाएंगे। वहीं परीक्षाएं लगभग 47 दिनों तक चलेंगी।


बता दें, पिछले साल भी  दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं 15 फरवरी को शुरू हुई थी। कक्षा 10वीं की परीक्षाएं 21 मार्च को और कक्षा 12वीं की परीक्षाएं 5 अप्रैल को समाप्त हुई थी। बता दें, कक्षा 12वीं की परीक्षा एंटरप्रेन्योरशिप, कोकबुक, कैपिटल मार्केट ऑप्शन और फिजिकल एक्टिविटी ट्रेनर परीक्षाओं के साथ शुरू होगी और 12वीं की परीक्षा इंफोर्मेशन प्रैक्टिस, कंप्यूटर साइंस और इंफोर्मेंशन टेक्नोलॉजी परीक्षाओं के साथ समाप्त होगी।


इसी के साथ कक्षा 12वीं की हिंदी कोर और हिंदी इलेक्टिव परीक्षाएं 19 फरवरी को आयोजित की जाएंगी। इंग्लिश कोर, इंग्लिश इलेक्टिव और इंग्लिश इलेक्टिव सीबीएसई (फंक्शनल इंग्लिश) परीक्षा 22 फरवरी को आयोजित की जाएगी।


वहीं कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा के पहले दिन आयोजित होने वाले विषयों में पेंटिंग, राय, गुरुंग, तमांग और शेरपा शामिल हैं। संस्कृत विषय की परीक्षा का आयोजन 19 फरवरी, 2024 को किया जाएगा। सभी लैग्वेंज पेपर 20 फरवरी, 2024 को आयोजित किए जाएंगे।


कक्षा 10वीं की हिंदी की परीक्षा 21 फरवरी और अंग्रेजी की परीक्षा 26 फरवरी 2024 को आयोजित की जाएगी। साइंस की परीक्षा 2 मार्च और सोशल साइंस की परीक्षा 7 मार्च 2024 को होगी।


गणित स्टैंडर्ड और बेसिक की परीक्षा 11 मार्च 2024 को आयोजित की जाएगी। परीक्षा का आखिरी दिन कंप्यूटर एप्लीकेशन, इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषयों के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी।

जो उम्मीदवार सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, वह इन दो वेबसाइट्स से कक्षा 10वीं-12वीं की डेटशीट चेक कर सकते हैं।

cbse.gov.in
- cbse.nic.in


कक्षा 12वीं की डेटशीट यहां देखें।





कक्षा 10वीं की डेटशीट यहां देखें।