लखनऊ : पिछले साल स्कॉलरशिप लेकर इस साल गायब हो गए 14,35,199 विद्यार्थियों का पता सूबे के कालेज नहीं बता पा रहे हैं। ये स्टूडेंट्स कक्षा 9, 10, 11 और 12 के अलावा प्रफेशनल कोर्सेज के हैं। अब स्कॉलरशिप देने वाले विभाग 'गायब' विद्यार्थियों की डीटेल न देने वाले संस्थानों के सभी विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप रोकने की तैयारी में हैं। एक विभागीय अधिकारी के मुताबिक हम केवल उसी सूरत में इस साल स्कॉलरशिप रिलीज करेंगे जबकि जिलों में कल्याणकारी विभागों के अधिकारी आवेदन को वैरीफाई करेंगे।बीते साल एनबीटी ने स्कॉलरशिप में हो रहे फर्जीवाड़े की खबरें प्रकाशित की थीं। इसके बाद स्कॉलरशिप देने वाले विभागों ने सख्ती की और आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी। प्रक्रिया बदलते ही स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कम हो गए। इसमें सबसे ज्यादा कमी ऑनलाइन आवेदनों में पाई गई। बीते साल स्कॉलरशिप पाए 22,88,816 विद्यार्थियों ने इस आवेदन नहीं किया था। इस पर समाज कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने 20 दिसंबर तक सभी विद्यालयों से उनके यहां से रिन्यूवल न करने वाले विद्यार्थियों का डाटा मांगा था। सूबे के सभी विद्यालय मिलकर केवल 8,53,610 विद्यार्थियों का ही डाटा दे पाए।
करोड़ों का खेल गहराया
इसके बाद संस्थानों द्वारा करोड़ों की स्कॉलरशिप डकराने का मामला और गहरा गया है। बीते साल तमाम विद्यालय ऐसे पाए गए थे, जहां विद्यार्थियों के न होने के बावजूद उनके नाम पर स्कॉलरशिप ली जा रही थी। समाज कल्याण विभाग अब तक 52 विद्यालयों को ब्लैक लिस्ट कर चुका है और 59 के मामले में अब भी विचार किया जा रहा है। आगे ब्लैक लिस्ट होने वाले संस्थानों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।
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