जागरण संवाददाता, बिजनौर : परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिरने और घोर लापरवाही के मामले में 56 शिक्षक-शिक्षिकाओं का एक वार्षिक वेतनवृद्धि पर रोक लगा दी है। जिलाधिकारी के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारियों से क्रास ब्लाकों में और प्रशासनिक अधिकारियों से प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों का निरीक्षण कराया था। निरीक्षण के दौरान अफसरों को कई स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाएं समय से काफी देरी पर पहुंचने, स्कूलों में गंदगी और शिक्षा का स्तर नीचे मिलने पर दोषी पाया गया है। प्रदेश और केन्द्र सरकार हर शैक्षिक सत्र में करोड़ों रुपए परिषदीय स्कूलों में सुविधा और शिक्षकों के वेतन कर खर्च कर रही है। इसके बावजूद परिषदीय स्कूलों में छात्र-छात्रओं का स्तर गिर रहा है। परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर उठने की जगह गर्त में जा रहा है। जिलाधिकारी ने विभाग के खंड शिक्षा अधिकारियों से क्रास ब्लाक और प्रशासनिक अधिकारियों से परिषदीय स्कूलों में एक सप्ताह पहले आकस्मिक निरीक्षण कराया था। विभागीय सूत्रों के अनुसार निरीक्षण में 56 प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों में से अनेक में बच्चों को सामान्य ज्ञान व किताबों के बारे में कुछ नहीं बता पाएं और स्कूलों में गंदगी भी काफी मिली। कई शिक्षक-शिक्षिकाएं तो समय से काफी देरी से स्कूल में पहुंचे। उधर प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार शर्मा ने जांच में दोषी पाएं जाने पर सभी के एक वर्षीय वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी है।
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