जागरण संवाददाता सम्भल : पूर्व बीएसए ने अपने घर की सुरक्षा और घर का कामकाज कराने के लिए कस्तूरबा गांधी विद्यालय की छात्रओं की सुरक्षा दाव पर लगाकर चौकीदार को अपने घर पर लगा तैनात कर रखा था। कई दिनों से चौकीदार का पता न लगने पर दैनिक जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो विभाग में खलबली मच गई। जानकारी होने पर अधिकारियों ने मामले को दबाते हुए चुपचाप चौकीदार को कस्तूरबा भेज दिया।1बता दें कि तहसील क्षेत्र के गांव रिठाली में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में अव्यवस्था पर समय-समय पर सवालिया निशान लगते रहे हैं। अव्यवस्थाओं को बरकरार रखने में अला अफसरों का भी हाथ रहता है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। रिठाली के कस्तूरबा विद्यालय में बालिकाओं की सुरक्षा के लिए चौकीदार संजय तैनाती चल रही थी। लगभग पंद्रह दिन पहले तत्कालीन बीएसए प्रेमचंद यादव विद्यालय पहुंचे और निरीक्षण करने के बाद चौकीदार को घर पर आने के लिए कहा। आका का आदेश पाकर चौकीदार बीएसए के घर पर पहुंचा। हुजूर ने बालिकाओं की सुरक्षा दांव पर लगाते हुए बिना किसी डर, भय के उसे अपने ही दरबार में काम करने का हुकुम दे दिया। तब से वह वहीं काम करने लगा। इसके बदले बीएसए ने अन्य कोई चौकीदार भी कस्तूरबा विद्यालय में तैनात नहीं किया
No comments:
Write comments