संवादसूत्र, रिसिया (बहराइच) : अग्निकांडों की दृष्टि से गर्मी का मौसम काफी संवेदनशील माना जाता है। प्रशासन भी इससे निपटने के लिए चौकस रहता है। मिड-डे मिल योजना लागू होने से स्कूलों में अग्निकांड की संभावनाएं बढ़ी तो प्रशासन ने अग्नि सुरक्षा के इंतजामों से मुस्तैद रहने का निर्देश दिया, पर विद्यालयों में इस आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। अग्निकांड से निपटने के लिए सभी इंतजाम सिर्फ कागजों में ही कैद होकर रह गई है। 1 विकास खंड रिसिया मे 185 प्राथमिक और 79 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें अभी भी अधिकांश विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाला भोजन लकड़ी के चूल्हों पर ही बनता है। चूल्हे से भड़की चिंगारी कभी भी आग लगने का कारण बन सकती है। स्कूलों में अग्नि शमन यंत्रों के इंतजाम कहीं दिखते नहीं हैं। 1वैसे कार्रवाई से बचने के लिए कागजों में हर विद्यालयों ने अग्निशमन यंत्र की खरीददारी कर ली गई, लेकिन विद्यालय में यत्र कहां लगे हैं, कोई बताने को तैयार नहीं है और न ही जिम्मेदार इस पर संवेदनशील हैं। अधिकांश विद्यालयों में खुले में बाहर ही मिड-डे मिल बन रहा है। खाना बनाते समय चूल्हे से भड़की चिंगारी शोला बनकर सुरक्षा के इंतजाम पर सवाल उठा सकती है। बावजूद विभाग व जिम्मेदार इससे पूरी तरह बेफिक्र हैं।गर्मी में अग्निकांड की घटनाओं में इजाफा हो जाता है। इसको देखते हुए हमने सभी प्रधान शिक्षकों से विद्यालयों में अग्नि शमन यंत्रों को ठीक कराने की हिदायत दे दी गयी है। हालाकि चूल्हों पर भोजन बनवाना मजबूरी ही है। कुछ जगहों पर सिलेंडर की व्यवस्था है और प्रयास है कि सभी विद्यालयों इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करायी जायेगी
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