कन्नौज, जागरण संवाददाता : परिषदीय विद्यालयों में आग की घटनाओं से बचाव के लिए कई वर्ष पहले अग्निशमन उपकरण लगाए गए थे। इन अग्निशमन यंत्रों की निर्धारित समय सीमा बीत चुकी है। मौसम के तल्ख तेवरों से छोटी सी चिंगारी से आग लगने की घटनाएं आम हो गई हैं। ऐसे में विद्यालयों में लगे अग्निशमन यंत्र सिर्फ खिलौना साबित होंगे। इस मामले में विभागीय अफसरों व शिक्षकों ने ध्यान नहीं दिया तो किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों में आग की घटनाओं से बचाव करने के लिए कई वर्ष पहले परिषदीय विद्यालयों में अग्निशमन यंत्र लगाए थे। शिक्षकों द्वारा इन अग्निशमन यंत्रों की देखभाल न होने से यह मात्र शोपीस बनकर रह गए हैं। वर्षों से इन अग्निशमन यंत्रों को रिपेयर नहीं किया गया है। यह अग्निशमन यंत्र सुरक्षा देने की बजाय खतरनाक साबित हो सकते हैं। प्राथमिक विद्यालय जसौली में पंजीकृत 220 में सिर्फ 70 बच्चे उपस्थित थे। यहां अग्निशमन यंत्र को रसोई घर में एक कोने में रखा गया था। इस सिलेंडर की दो माह की ड्यू डेट समाप्त होने वाली थी। प्रधानाध्यापक श्रद्धा चौहान ने कहा कि इस उपकरण की अभी तक जरूरत नहीं पड़ी है। इसलिए इसे अंदर रखवा दिया गया है। माध्यमिक विद्यालय जसौली पंजीकृत 160 में 80 बच्चे उपस्थित थे। इस विद्यालय में अग्निशमन यंत्र कबाड़ की तरह आफिस रूम में पड़े थे। इस पर तमाम धूल व जाले लगे थे। इस उपकरण की वर्षों से सफाई नहीं हुई थी। प्रधानाध्यापक मुईद हसन ने बताया कि इसको साफ कर दिया जाएगा। यहां की सहायक अध्यापक निशी तोमर समय से पहले स्कूल जा रहीं थीं, लेकिन बाद में लौट आईं। कन्या प्राथमिक विद्यालय उदैतापुर द्वितीय में पंजीकृत 72 में 52 छात्र आए थे। यहां प्रधानाध्यापक संतोष बच्चों को घेरे बैठे थे, जबकि सहायक अध्यापक प्रेमलता तिवारी विद्यालय से जा चुकी थी। यहां भी अग्निशमन यंत्र एक कोने में पड़ा था। भीषण गर्मी में आग लगने की घटनाएं आम हो गई है। ऐसे में अगर इन विद्यालयों में कुछ घटना घट जाते तो शिक्षक अग्निशमन यंत्रों को ही ठीक करते नजर आएंगे। विभागीय अफसरों व शिक्षकों की लापरवाही का खामियाजा बच्चों को उठाना पड़ सकता है। क्या बोले अफसर परिषदीय विद्यालयों में खराब पड़े अग्निशमन यंत्रों की सूचना खंड शिक्षा अधिकारियों से मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद खराब पड़े अग्निशमन यंत्रों को ठीक करवाया जाएगा। अगर कहीं गड़बड़ी पाई जाती है तो जिम्मेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -अखंड प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी।
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