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Wednesday, May 11, 2016

बुलंदशहर : पांच विद्यालयों के रसोइये के घर पर एक साथ खाना बनता मिला, 5 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकने की संस्तुति

खंड शिखा अधिकारी द्वारा सरकारी स्कूलों और उनके मास्साब की स्थिति की जानकारी लेने के लिए किए गए औचक निरीक्षण में स्थिति दयनीय पाई गई। प्राथमिक विद्यालय खलसिया में तो खामियों का अंबार मिला है। इस पर पांचों स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगते हुए अग्रिम आदेशों तक वेतन रोके जाने की बीएसए से संस्तुति की गई है।मंगलवार को खंड शिक्षा अधिकारी ब्रज मोहन सिंह ने प्राथमिक विद्यालय खलसिया का निरीक्षण किया तो थोक में मिली खामियों को देख कर हतप्रभ रह गए। विद्यालय में 35 पंजीकृत छात्रों में से सिर्फ 6 छात्र उपस्थित मिले मगर उनकी भी उपस्थिति दर्ज नहीं की गई थी। मिड डे मील वितरण पंजिका में दर्ज नहीं किया गया था। छात्रों से प्रत्येक विद्यालय में होने वाली दैनिक प्रार्थना की जानकारी ली गई तो छात्रों ने बताया कि प्रार्थना नहीं होती है तथा उनको कोई प्रार्थना याद भी नहीं कराई गई है। इस पर जब प्रधानाध्यापक राजीव कुमार चौधरी व अन्य शिक्षकों से जानकारी ली गई तो उन्हें भी प्रार्थना याद नहीं थी। निरीक्षण के दौरान विद्यालय के खाते अपडेट नहीं पाए गए जिस कारण विकास कार्य बाधित होना मिला। रंगाई-पुताई नहीं कराए जाने के साथ विद्यालय परिसर में घास का अंबार लगा था। शिक्षक डायरी भी नहीं बनायी गई थी।निरीक्षण में यह भी पाया गया कि क्षेत्र की न्याय पंचायत सरावा के एनपीआरसी मुकेश कुमार शर्मा द्वारा लापरवाही का परिचय देते हुए शैक्षिक गतिविधियां संचालित करने वाला स्कूल कलेंडर का वितरण भी नहीं किया गया है। 1बच्चों को दिए जाने वाले खाने के बनाए जाने की जानकारी मांगे जाने पर रसोईया के पति हरेंद्र सिंह ने बताया कि एनपीआरसी व गांव प्रधान सरावा के आदेश पर 5 प्राथमिक विद्यालयों सरावा, खलसिया, मुरलीनगला, रमपुरा और बलदेवगढ़ का खाना वह अपने घर पर बनाता है। उसके बाद वह पांचों स्कूलों में खाने का वितरण करता है। उक्त कार्य को बड़ी लापरवाही मानते हुए खंड शिक्षा अधिकारी ब्रज मोहन सिंह ने गंभीरता से लिया है। उनका कहना था कि खाना विद्यालय की रसोई में भी बनना चाहिए था इससे प्रतीत होता है कि बच्चों के खाने के प्रति पांचों विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने अपने दायित्व का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया है। सभी विद्यालयों में बच्चों का नामांकन और शैक्षणिक गुणवत्ता का स्तर काफी निम्न पाए जाने पर स्पष्टीकरण मांगते हुए अग्रिम आदेशों तक वेतन आहरण की बीएसए से संस्तुति की गई है।

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