बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत 10 शिक्षकों की सेवा पुस्तिका में हेराफेरी करना अब कर्मचारियों को महंगा पड़ रहा है। इस मामले में दो एबीआरसी व एक प्रधानाध्यापक कार्रवाई की जद में आ गए हैं। इन्हें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। कार्रवाई से बचने के लिए जांच में दोषी पाए गए कर्मचारी जान बूझकर स्पष्टीकरण देने में विलंब कर रहे हैं, ताकि किसी तरह अपनी गर्दन बचाई जा सके। मामला शिक्षा क्षेत्र जमुनहा से जुड़ा है। अगस्त 2011 में उच्च प्राथमिक विद्यालय गजोबरी में कार्यरत सहायक अध्यापक प्रशांत मिश्र को भनक लगी की शिक्षकों की प्रोन्नति सूची में हेराफेरी करने को उनके समेत 10 अध्यापकों की सेवा पुस्तिका में कटिंग, ओवर राइडिंग, पन्ने को फाड़ने जैसी गड़बड़ी की गई है। इस पर उन्होंने उच्चाधिकारियों से शिकायत की। जांच के लिए लेखा अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई, जिसकी जांच में पुष्टि हुई कि शिक्षकों की सेवा पुस्तिका में हेराफेरी की गई है और तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्रनाथ प्रजापति समेत चार कर्मचारी इस कूट रचना में शामिल हैं। बीएसए ने नोटिस जारी कर बीईओ को तलब किया तो उन्होंने अपना पक्ष रखकर अपने मातहत तीन कर्मचारियों पर दोषारोपण कर दिया।
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