बचपन से मूकबधिर बच्चे बिन बोले इशारों में सबकुछ कहेंगे। दृष्टिबाधित बिना देखे पूरी दुनियां देखेंगे। यह सुनने में आपको भले ही अटपटा लग रहा हो, लेकिन ऐसा होने वाला हैं। विकलांग जन विकास विभाग ऐसे विशेष बच्चों के लिए खास शिक्षा देने की तैयारी कर रहा है। राजधानी समेत प्रदेश के आठ मंडलों में संचालित होने वाले बचपन स्कूलों की संख्या बढ़ाकर 18 की जाएगी। विभाग के प्रस्ताव पर न केवल शासन की मोहर लग गई है बल्कि अमलीजामा पहनाने की कवायद भी शुरू हो गई है। मूलभूत सुविधाओं के लिए दो करोड़ रुपये भी जारी कर दिए गए हैं। गोरखपुर, बस्ती, फैजाबाद, कानपुर, गोंडा, अलीगढ़, मुरादाबाद, मेरठ व मिर्जापुर में 10 नए बचपन स्कूलों की स्थापना करने का प्रस्ताव है। जिलाधिकारियों की ओर से स्थान की तलाश चल रही है। इस महीने के अंत तक स्कूलों में सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया हो जाएंगी। विशेष बच्चों के लिए खास शिक्षानिशातगंज में संचालित होने वाले बचपन स्कूल में श्रवणबाधित, दृष्टिबाधित और मानसिक मंदित बच्चों को पढ़ाने के लिए हर विधा में दो विशेष शिक्षकों की तैनाती हैं। उन्हें पढ़ाने के लिए विशेष उपकरणों के साथ ही सभी सुविधाएं निश्शुल्क दी जाती हैं। नए 10 स्कूलों में विशेष शिक्षा के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। ऐसे होगा प्रवेश तीनों विधाओं में तीन से सात वर्ष के ऐसे बच्चों के प्रवेश के लिए जिला विकलांगजन विकास अधिकारी सर्वे करेंगे। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। एक विद्यालय में 60 बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा के साथ ही आने जाने के लिए वाहन की मुफ्त सुविधा होगी।प्रदेश सरकार की मंशा के सापेक्ष सभी मंडलों में एक-एक बचपन स्कूल खोलना है। इसी के तहत 10 नए स्कूल खोले जाएंगे। जुलाई से पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
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