स्कूलों के शौचालयों की बदहाली को लेकर शासन सख्त है। राज्य परियोजना निदेशक ने जून महीने में शौचालयों की स्थिति सुधारने के निर्देश दिए हैं। पेयजल की व्यवस्था भी सभी स्कूलों में मुकम्मल की जाएगी। बीएसए स्थलीय निरीक्षण कराकर शौचालयों और पेयजल की स्थिति जानेंगे। झूठी रिपोर्ट देने वाले प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई भी की जाएगी। सर्व शिक्षा अभियान के तहत बेसिक स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्रओं की सुविधा के लिए शौचालय बनवाने की व्यवस्था अमल में लाई गई थी। जिले के स्कूलों में राज्य परियोजना निदेशालय ने शौचालय बनाने के लिए धनराशि जारी कर इनका निर्माण कराया था। देखरेख के अभाव में अधिकांश स्कूलों में शौचालय या तो अक्रियाशील हो गया या फिर बदहाल पड़े हैं। बीते साल विभाग ने इसकी झूठी रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। लेकिन अधिकारियों के स्थलीय निरीक्षण में इसकी पोल खुल गई। पेयजल के संसाधन भी अधिकांश स्कूलों में खराब पड़े हैं। हैंडपंप से पानी नहीं आ रहा है तो कहीं हैंडपंप गायब हैं। अब शौचालयों और पेयजल के संसाधनों की दशा सुधारने के लिए राज्य परियोजना निदेशक जीएस प्रियदर्शी ने निर्देश जारी करते हुए कहाकि कि 30 जून तक सभी स्कूलों में बालक शौचालय, बालिका शौचालय, पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की जानी है। जिले के किसी भी स्कूल में शौचालय और पेयजल की व्यवस्था अक्रियाशील न रहने पाए।
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