- राहत : सोइया मजदूर सिर्फ छात्रों को परोसेंगी भोजन
- खाद्यान्न, कन्वर्जन कास्ट समेत सभी रोड़े खत्म
अंबेडकरनगर : परिषदीय एवं वित्त पोषित विद्यालयों में मध्याह्न
भोजन योजना के संचालन को लेकर गुरुजी की मुसीबत काफी हद तक खत्म हो गई है।
इसके अलावा कन्वर्जन कास्ट, खाद्यान्न तथा ईंधन में रसोई गैस चूल्हे व
लकड़ी की कमी के साथ ही कोटेदार, प्रधान तथा प्रधानाध्यापक के विवादों की
उलझन को भी एक पल में सुलझा दिया गया है। वजह शासन से एमडीएम पकाए जाने से
लेकर विद्यालय तक पहुंचाए जाने की जिम्मेदारी स्वयंसेवी संस्था अक्षयपात्र
को सौंप दी है।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ के साथ ही कानपुर नगर, आगरा, कन्नौज
के अलावा वाराणसी तथा इटावा में उक्त संस्था के जरिए एमडीएम संचालित किए
जाने में सफलता हासिल करने के बाद अब प्रदेश के और चार जनपदों में एमडीएम
संचालन की कमान अक्षयपात्र संस्था के हाथों में देने का निर्णय लिया है।
इसमें गाजियाबाद, इलाहाबाद, जौनपुर तथा अंबेडकरनगर को भी शामिल किया गया
है। इसके तहत चयनित संस्था ही नए सत्र से जिले में एमडीएम पकाने और
पहुंचाने का काम संभालेगी। बताते चलें कि एमडीएम समीक्षा के दौरान अभी तक
प्रधानों की अड़चन के अलावा एमडीएम संचालन को लेकर कन्वर्जन कास्ट की कमी
तथा खाद्यान्न की अनुपलब्धता वजह बनती रही है। शासन के विशेष सचिव देव
प्रताप सिंह ने चारों जनपदों के जिलाधिकारियों को उक्त आशय का पत्र भेजकर
योजना के संचालन की नवीन रणनीति से अवगत कराया है। संस्था की ओर से जनपद
स्तर पर एमडीएम पकाए जाने के लिए वृहद प्लांट लगाने के लिए शासन से करीब दो
से तीन एकड़ भूमि उपलब्ध कराने की मांग की है। यहीं से संपूर्ण जिले में
एमडीएम पहुंचाया जाएगा। एमडीएम के जिला समन्वयक सत्य प्रकाश मौर्य ने इसकी
पुष्टि की है।
- संस्था को सीधे होगा भुगतान : मध्याह्न योजना से आच्छादित जनपद के सभी 2027 विद्यालयों को
मैन्यू के मुताबिक नियमित तौर पर पका-पकाया भोजन उपलब्ध कराने के लिए चयनित
संस्था अक्षयपात्र को कन्वर्जन कास्ट तथा खाद्यान्न का सीधे तौर पर भुगतान
किया जाएगा। जिले को अवमुक्त होने वाली कन्वर्जन कास्ट का भुगतान
जिलाधिकारी के अनुमोदन पर संस्था को मिल जाएगा। जबकि खाद्यान्न की आपूर्ति
संस्था सीधे गोदाम से करेगी। ऐसे में राशन तथा कन्वर्जन कास्ट के साथ ही
ईंधन का रोड़ा भी खत्म हो जाएगा।
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