सर्व शिक्षा अभियान के स्कूल चलो अभियान ने भी तोड़ा दम
बोले अफसर
बच्चों की संख्या कम हुई है। जो बच्चे अभी नामांकन से वंचित है, उनका जुलाई माह में परिषदीय स्कूलों में पंजीकरण कराया जाएगा। स्कूलों में आम आदमी का विश्वास और शिक्षा का स्तर उठाने को हरसंभव प्रयास किए जा रहे है।
संजय कुशवाहा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।जागरण संवाददाता, बिजनौर : जनसंख्या का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों व सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वालों बच्चों की संख्या गिर रही है। वजह, परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर आम आदमी का विश्वास खत्म होना और सरकारी की मुहिम का सही संचालन नहीं होना है। अप्रैल माह से जिले में चल रहा स्कूल चलो अभियान भी शिक्षा से विमुख छात्र-छात्रओं को शिक्षा की मुख्यधारा से नहीं जोड़ पाया है। शिक्षा विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो गत शैक्षिक सत्र के सापेक्ष इस बार 19880 बच्चे कम हो गए हैं। बेसिक स्कूलों में पढ़ाई का स्तर उठाने के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार करोड़ों रुपये एक जिले में खर्च कर रही है। स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को नि:शुल्क यूनिफार्म, किताबें व मिड-डे-मील आदि संसाधन उपलब्ध करा रहा है। स्कूलों में पढ़ाने को टीईटी, बीएड व बीटीसी धारकों को नियुक्त किया जाता है। इसके बाद भी परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर उठने की वजह गिरता जा रहा है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों को बीच बीच में प्रशिक्षण आदि भी दिया जाता है। फिर भी आम आदमी का विश्वास परिषदीय स्कूलों से उठ रहा है। आम आदमी अपने बच्चों को परिषदीय स्कूलों की जगह प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना पसंद कर रहे हैं। विभाग के रिकार्ड पर नजर डाले तो गत शैक्षिक सत्र में परिषदीय व सहायता प्राप्त स्कूलों में करीब 2 दो लाख 50 हजार छात्र-छात्रएं शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, लेकिन चालू शैक्षिक सत्र में 19880 बच्चों का पंजीकरण कम रहा गया। यानी वर्तमान में इन स्कूलों में 230120 बच्चों का पंजीकरण चल रहा है।
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