DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Wednesday, August 13, 2025

विद्यालय इंचार्ज को हेड के वेतन का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, परिषदीय स्कूलों में प्रभारी बने शिक्षकों ने मांगा था प्रधानाध्यापक के बराबर वेतन

विद्यालय इंचार्ज को हेड के वेतन का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, परिषदीय स्कूलों में प्रभारी बने शिक्षकों ने मांगा था प्रधानाध्यापक के बराबर वेतन



प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत सहायक अध्यापकों को प्रधानाध्यापक का वेतन देने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। स्टेट ऑफ यूपी एवं अन्य बनाम त्रिपुरारी दुबे एवं अन्य शीर्षक से दायर याचिका की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने इसे तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की है।

हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2025 को विशेष अपील सहित अन्य अपीलों को खारिज करते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कार्यरत सहायक अध्यापक प्रधानाध्यापक के वेतन के हकदार हैं।

इस आदेश के अनुपालन को लेकर कई अवमानना याचिकाएं इलाहाबाद और लखनऊ पीठ में लंबित हैं। अधिकारियों को 18 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत होकर आरोप तय करने की कार्यवाही का सामना करना है।

सर्वोच्च न्यायालय में दायर अनुमात याचिका में राज्य सरकार का कहना है। कि हाईकोर्ट द्वारा अपनाए जा रहे बाध्यकारी कदम सार्वजनिक हित के लिए हानिकारक होंगे और सुप्रीम कोर्ट में लंबित विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को निरर्थक बना देंगे। राज्य की ओर से अधिवक्ता-ऑन-रिकॉर्ड अंकित गोयल ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को पत्र भेजकर कहा है कि मामले की संवेदनशीलता और समयबद्धता को देखते हुए इसे तुरंत न्यायालय के समक्ष पेश किया जाए।


अवमानना में फंसे बाराबंकी के बीएसए

प्रभारी को प्रधानाध्यापक के समान वेतन देने के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में बाराबंकी के बेसिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ पांच अगस्त को अवमानना कार्यवाही की सुनवाई हो चुकी है। 12 सितंबर 2024 को अदालत ने आदेश दिया था कि याचियों के वेतन से संबंधित मामले में "त्रिपुरारी दुबे" केस के अनुसार निर्णय लिया जाए, जिसके लिए 6 हफ्ते का समय दिया गया था, लेकिन तय समय में पालन नहीं हुआ।

 इसके बाद 16 मार्च 2025 को याचियों ने अवमानना याचिका दायर की। 21 मई 2025 को अदालत ने अगली तारीख पर अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। पांच अगस्त को बीएसए ने अनुपालन के बजाय कार्यवाही टालने का अनुरोध किया। हाईकोर्ट ने एक हफ्ते का अंतिम समय देते हुए कहा कि आदेश का पालन किया जाए, अन्यथा 18 अगस्त को आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू होगी।

No comments:
Write comments