मिड डे मील, मुफ्त कापी-किताब, बैग और यूनिफार्म जैसी सुविधाओं के बावजूद सरकारी स्कूलों में पसरे सन्नाटे को खत्म करने के लिए सरकार चाहती है कि वहां बच्चों की देखभाल कान्वेंट स्कूलों की तरह ही हो। गोरखपुर के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में इसी सत्र से यह व्यवस्था लागू की जा रही है।
इसके लिए स्कूल में शिक्षकों की संख्या के हिसाब से बच्चों के समूह बनाए जाएंगे। हर समूह का एक क्लास टीचर होगा। जो बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी लेगा। क्लास टीचर बच्चों की प्रगति की नियमित समीक्षा के साथ-साथ अभिभावकों के नियमित सम्पर्क में भी रहेंंगे। क्लास में बच्चा कितनी रुचि ले रहा है, उसकी प्रगति कैसी है, ये सारी जानकारी नियमित रूप से अभिभावकों को दी जाएगी।
बीएसए ओमप्रकाश यादव का कहना है कि एक बार यह व्यवस्था शहरी क्षेत्र में सफल हो गई तो फिर पूरे जिले के स्कूलों में लागू की जाएगी।
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