विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य करने से प्रेरकों ने इन्कार कर दिया है। बुधवार को तहसील में अभिलेख देने के लिए बुलाए गए प्रेरकों ने जमकर हंगामा किया। 24 माह से मानदेय न मिलने से नाराज प्रेरकों ने एसडीएम की बात भी नहीं मानी और बीएलओ ड्यूटी के अभिलेख लिए बिना ही वापस चले गए। विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य गुरुवार से शुरू हो रहा है। इस कार्य में प्रेरकों को बीएलओ की जिम्मेदारी दी गई है। तहसील के सभी 146 बीएलओ को पुनरीक्षण अभियान से जुड़े अभिलेख देने के लिए बुधवार को तहसील बुलाया गया था। तहसीलदार शेखआलमगीर ने जैसे ही अभियान की जानकारी देना शुरू की तभी प्रेरक गौरव कुमार सिंह और प्रशांत दीक्षित ने खड़े होकर मानदेय न मिलने तक बीएलओ कार्य करने से मना कर दिया। इनकी देखादेखी अन्य प्रेरक भी खड़े होकर हंगामा करने लगे और बीएलओ कार्य का बहिष्कार कर दिया। सभागार से बाहर निकलकर तहसील में भी इन लोगों ने हंगामा किया। प्रेरकों ने एसडीएम हरीराम यादव को समस्या के बारे में बुलाया। अर्चना, रीना देवी, प्रियंका, सुशील कुमार आदि ने कहा कि 24 माह से मानदेय नहीं मिला है। पंचायत चुनाव में किए गए बीएलओ कार्य का पैसा भी न मिलने की शिकायत दर्ज कराई। एसडीएम ने प्रेरकों को समझाया कि बीएलओ का कार्य राष्ट्र हित से जुड़ा हुआ है और इसका बहिष्कार न करें, लेकिन प्रेरकों ने एसडीएम की एक न सुनी और नारेबाजी करते हुए वापस चले गए। किसी भी प्रेरक ने बीएलओ ड्यूटी से जुड़े अभिलेख भी नहीं लिए। बता दें कि पूर्व में भी प्रेरक बकाया मानदेय को लेकर हंगामा कर चुके हैं। तहसीलदार ने बताया कि 56 बीएलओ अभिलेख ले गए। और 20 बीएलओ बिना अभिलेख लिए चले गए। अनुपस्थित बीएलओ के खिलाफ संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराए जाने की बात उन्होंने कही।
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