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Saturday, September 10, 2016

देवरिया : स्कूलों में किताब नहीं, कैसे हो पढ़ाई ? एक माह बाद होनी है अर्धवार्षिक परीक्षा

स्कूलों में किताब नहीं, कैसे हो पढ़ाई , एक माह बाद होनी है अर्धवार्षिक परीक्षा

क्या कहते हैं बच्चे जूनियर कक्षा की मौसम राजभर, विनीता राजभर, अर्चिता पांडेय, नेहा, शिवांगी, बबली, वंदना, अर्चना शर्मा, पल्लवी राय, कंचन चौहान आदि का कहना है कि गुरुजी से जब भी किताब के बारे में पूछते हैं तो जल्दी दिलाने का भरोसा देते हैं, लेकिन धीरे-धीरे परीक्षा का समय नजदीक आ गया अब तक किताब मिली नहीं। दूसरे बच्चों की फटी पुरानी किताबों से किसी तरह पढ़ाई की जाती है। वह भी सब के पास नहीं है।

जागरण संवाददाता, मदनपुर, देवरिया: सत्र आरंभ होने के चार माह बाद भी जूनियर कक्षा तक के छात्रों को निश्शुल्क पुस्तक उपलब्ध नहीं हो पाई। अध्यापक व अभिभावक भी बिना किताब के अध्ययन से बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं। एक माह बाद ही अर्धवार्षिक परीक्षाएं भी होनी है, जबकि जिम्मेदार कोरे आश्वासन के सहारे शिक्षा की गाड़ी को खींचने का प्रयास कर रहे हैं।प्राथमिक से लगाए जूनियर कक्षा तक के बच्चों को शासन द्वारा निश्शुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने का प्रावधान है। अप्रैल से ही सत्ररंभ भी हो गया है। चार महीने से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी अब तक छात्रों को किताबें उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। किताब के अभाव में बच्चे जहां अधूरा शिक्षा ले रहे हैं वहीं अध्यापक पाठ्य पुस्तक के अभाव में कोर्स पूरा कराने की चिंता से ग्रसित हैं। पाल्यों के लिए किताब की उपलब्धता को लेकर अभिभावक भी पशोपेश में हैं। ऐसे में जिस कोर्स की अभी शुरुआत ही नहीं हुई उसके समाप्त होने पर सवालिया निशान लगना शुरू हो गया है, जबकि आठवीं के बच्चे अगले वर्ष हाईस्कूल के पाठ्यक्रम का सामना करेंगे। इसका परीक्षाफल उनके भविष्य की दिशा तय करने का प्रमुख पड़ाव माना जाता है।अर्धवार्षिक परीक्षा नजदीक : क्षेत्र के इंटर कालेज गनियारी के प्रधानाचार्य शिवानंद नायक, बरांव के बसंत कुमार मिश्र, गोला मदनपुर के हरिबल्लभ सिंह का कहना है कि शासन के नियमानुसार अक्टूबर से नवंबर में अर्धवार्षिक परीक्षाएं संपन्न करानी होती हैं। ऐसे में बिना किताब के पढ़ाई कर रहे छात्रों का रिजल्ट क्या होगा, कहा नहीं जा सकता। शुरुआत की शिक्षा में अड़चन का असर आगे की कक्षाओं के परीक्षाफल पर पड़ता है।जागरण संवाददाता, मदनपुर, देवरिया: सत्र आरंभ होने के चार माह बाद भी जूनियर कक्षा तक के छात्रों को निश्शुल्क पुस्तक उपलब्ध नहीं हो पाई। अध्यापक व अभिभावक भी बिना किताब के अध्ययन से बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं। एक माह बाद ही अर्धवार्षिक परीक्षाएं भी होनी है, जबकि जिम्मेदार कोरे आश्वासन के सहारे शिक्षा की गाड़ी को खींचने का प्रयास कर रहे हैं।प्राथमिक से लगाए जूनियर कक्षा तक के बच्चों को शासन द्वारा निश्शुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने का प्रावधान है। अप्रैल से ही सत्ररंभ भी हो गया है। चार महीने से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी अब तक छात्रों को किताबें उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। किताब के अभाव में बच्चे जहां अधूरा शिक्षा ले रहे हैं वहीं अध्यापक पाठ्य पुस्तक के अभाव में कोर्स पूरा कराने की चिंता से ग्रसित हैं। पाल्यों के लिए किताब की उपलब्धता को लेकर अभिभावक भी पशोपेश में हैं। ऐसे में जिस कोर्स की अभी शुरुआत ही नहीं हुई उसके समाप्त होने पर सवालिया निशान लगना शुरू हो गया है, जबकि आठवीं के बच्चे अगले वर्ष हाईस्कूल के पाठ्यक्रम का सामना करेंगे। इसका परीक्षाफल उनके भविष्य की दिशा तय करने का प्रमुख पड़ाव माना जाता है।अर्धवार्षिक परीक्षा नजदीक : क्षेत्र के इंटर कालेज गनियारी के प्रधानाचार्य शिवानंद नायक, बरांव के बसंत कुमार मिश्र, गोला मदनपुर के हरिबल्लभ सिंह का कहना है कि शासन के नियमानुसार अक्टूबर से नवंबर में अर्धवार्षिक परीक्षाएं संपन्न करानी होती हैं। ऐसे में बिना किताब के पढ़ाई कर रहे छात्रों का रिजल्ट क्या होगा, कहा नहीं जा सकता। शुरुआत की शिक्षा में अड़चन का असर आगे की कक्षाओं के परीक्षाफल पर पड़ता है।बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके लिए समय निर्धारित है। अब तक उपलब्धता नहीं होने के विषय में विभाग को पत्र लिख कर जल्द ही बच्चों को पुस्तक मुहैया करा दी जाएगी।राजेंद्र प्रसाद यादव जिला विद्यालय निरीक्षक, देवरिया

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