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Monday, August 4, 2025

कक्षा 9 से 12 तक छात्रों के लिए व्यावसायिक शिक्षा अनिवार्य, 23 चुने हुए सेक्टरों में से एक ट्रेड का अध्ययन करना होगा

कक्षा 9 से 12 तक छात्रों के लिए व्यावसायिक शिक्षा अनिवार्य, 23 चुने हुए सेक्टरों में से एक ट्रेड का अध्ययन करना होगा

शिक्षण संस्थान अपने खर्च पर संचालित कर सकेंगे कोर्स

व्यावसायिक शिक्षा में कालेजों की भी तय की गई जिम्मेदारी


लखनऊः उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत कक्षा 9 से 12 तक पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब छात्रों को अपनी नियमित पढ़ाई के साथ-साथ एक व्यावसायिक ट्रेड (जाब रोल) सीखना अनिवार्य होगा। इस नई नीति के तहत, छात्रों को 23 चुने हुए सेक्टरों में से किसी एक का ट्रेड चुनना होगा। यह बदलाव हाईस्कूल (कक्षा 9-10) और इंटरमीडिएट (कक्षा 11-12) दोनों स्तरों पर लागू होगा।

पहले नैतिक शिक्षा, योग, खेल और समाजोपयोगी कार्य जैसे विषय पढ़ाए जाते थे, लेकिन अब छात्रों को आटोमोबाइल, बैंकिंग, इलेक्ट्रिशियन आदि जैसे व्यावसायिक ट्रेड में से एक का चयन करना होगा। इस संबंध में विशेष सचिव ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को निर्देश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार, इंटर की परीक्षा में बैठने के लिए छात्रों को हाईस्कूल या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा, और कक्षा 11 से ही एक व्यावसायिक ट्रेड का चयन करना होगा।

यदि छात्र ने कक्षा 9-10 में एक ट्रेड सीखा है तो कक्षा 11-12 में उसे किसी दूसरे सेक्टर का ट्रेड लेना होगा। इस नीति का उद्देश्य छात्रों को न केवल पढ़ाई में बल्कि किसी हुनर में भी दक्ष बनाना है। इसके साथ ही व्यावसायिक शिक्षा में कालेजों की जिम्मेदारी भी तय की गई है।

हर मान्यता प्राप्त स्कूल को अपनी सुविधा और क्षेत्र की जरूरत के अनुसार दो-दो व्यावसायिक क्षेत्रों का चयन करना होगा। इनमें से एक-एक जाब रोल का अध्ययन छात्रों को कक्षा 9 से 12 तक कराना होगा। इसके लिए संस्थाएं अपने निजी संसाधनों से व्यवस्था करेंगी और सरकार की ओर से कोई अतिरिक्त धनराशि नहीं दी जाएगी। स्कूलों को इसके लिए किसी नई मान्यता की आवश्यकता नहीं होगी। वे जिस सेक्टर में पढ़ा रहे हैं, उसे स्वतः मान्य माना जाएगा।

स्कूल, जाब रोल की ट्रेनिंग के लिए आस-पास के वर्कशाप, उद्योगों या कंपनियों से जुड़ सकते हैं। विद्यालय अवधि के बाद इन संसाधनों का उपयोग स्कूल अपनी आय बढ़ाने के लिए भी कर सकेंगे। इस नई नीति से छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ हुनर भी मिलेगा, जिससे वे भविष्य में नौकरी या स्वरोजगार के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे। संस्थाओं द्वारा संचालित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के व्यावहारिक ज्ञान के लिए नजदीकी वर्कशाप, उद्योग या कंपनियों से संपर्क किया जाएगा।

ये हैं व्यावसायिक क्षेत्र
एयरोस्पेस और एविएशन, कृषि, परिधान, आटोमोबाइल, बैंकिंग, सौंदर्य एवं वेलनेस, कैपिटल गुड्स, निर्माण, घरेलू कार्य, इलेक्ट्रानिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य देखभाल, सूचना प्रौद्योगिकी, लाजिस्टिक्स, मीडिया और मनोरंजन, शारीरिक शिक्षा, प्लंबिंग, बिजली, निजी सुरक्षा, स्किल काउंसिल, खेल, पर्यटन और आतिथ्य, दूरसंचार।




हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षा (कक्षा-9 से 12) में व्यावसायिक क्षेत्रों से सम्बन्धित जॉब रोल्स को अनिवार्य रुप से पढ़ाये जाने के सम्बन्ध में 


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