उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष कैलाश बाबू ने कहा कि अब जिले के अंदर शिक्षकों के तबादले किए जा सकते हैं। इसके लिए शासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। कई जिलों में तो यह प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। रामपुर में भी जल्द ही शिक्षकों के तबादले किए जाएं। वह सिविल लाइंस पर हुई बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की तैनाती रोस्टर से होने से उनके विद्यालय और घर के बीच की दूरी काफी अधिक हो गई है। शिक्षक की सारी ऊर्जा आने जाने में ही खर्च हो जाती है। ऐसे में सरकार ने शिक्षकों के ऐच्छिक विद्यालयों में तैनाती देने का फैसला कर शिक्षक हित में कदम उठाया है। जिला मंत्री आनंद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि जिले में ही शिक्षकों के तबादले का सिलसिला अन्य जनपदों में शुरू हो गया है। रामपुर में भी यह प्रक्रिया शुरू की जाए। इसमें महिलाओं और विकलांगों को वरीयता दी जाए। पति और पत्नी को एक ही न्याय पंचायत में रखा जाए एवं शिक्षकों को उनके विकल्प के आधार पर गृह विकास क्षेत्र प्रदान किया जाए। कहा कि ऐच्छिक विद्यालयों में तैनाती से शिक्षा की गुणवत्ता में इजाफा होगा। उन्होंने दूसरे जिलों से स्थानांतरित होकर आए 117 शिक्षकों की तैनाती रोस्टर के अनुरूप करने के बजाए काउंसलिंग के आधार पर करने की मांग की है। बैठक में संरक्षक शकुन्तला लोधी, छत्रपाल सिंह यादव, रवेन्द्र गंगवार, सईदुज्जफर रहमानी, दिलशाद वारसी, जफर बेग, मोहम्मद खालिद खां, रीता सक्सेना, सत्यदेव शर्मा, अंजुम स्नेही सक्सेना, महेन्द्र प्रताप सिंह, सुभाष कुमार पांडेय, मुनीश चन्द्र आदि उपस्थित रहे।
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