पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान
इस विद्यालय का नाम उत्कृष्ट विद्यालय पुरस्कार के लिए आना अन्य स्कूलों के लिए मिसाल है। इनसे सीख लेकर हर विकास खंड में अगर दो-दो स्कूल भी ऐसे सुधारे जाएं तो दशा बदल सकती है। कोशिश होगी कि अगले साल जिले से कम से कम 10 विद्यालय चयनित हों।-धीरेंद्र कुमार यादव, बीएसए।1ये पूरे स्टाफ के सहयोग से ही संभव हो पाया है। कुछ अलग हटकर करने का मन बनाया था, सबका सहयोग मिलता गया और स्कूल उत्कृष्टता की ओर बढ़ता गया। इसमें अभिभावकों का भी काफी योगदान है, जो उन्होंने बच्चों को नियमित स्कूल भेजा। 1-सुबोध कुमार, प्रधानाध्यापक, प्रा. वि. पिसावा।
संवाद सूत्र, पिसावा : दिल में अगर बेहतर करने का हौसला हो तो संसाधनों की कमी व अव्यवस्था जैसी मुश्किलें भी घुटने टेक देती हैं। सब जानते हैं कि मौजूदा समय में परिषदीय स्कूलों का हाल क्या है? मगर, इन सबके बीच चंडौस के पिसावा क्षेत्र में एक प्राथमिक विद्यालय भी है, जो जिले के अन्य स्कूल व उसके संचालकों के लिए नजीर बन गया है। पिसावा के इस स्कूल को राज्य सरकार ने उत्कृष्ट विद्यालय पुरस्कार से नवाजा है। यह पुरस्कार पाने वाला ये स्कूल, जिले का एकमात्र स्कूल है। स्कूल को और बेहतर व सुविधाओं से लैस करने के लिए राज्य सरकार 1.25 लाख रुपये का नगद पुरस्कार भी देगी। 1बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जिलेभर से जनवरी 2016 में सभी ब्लॉकों से दो-दो स्कूलों के नाम इस पुरस्कार के लिए भेजे गए थे। जिसमें से पिसावा के प्राथमिक स्कूल को इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। 1इन विशेषताओं पर मिला पुरस्कार1साफ-सफाई, पर्यावरण संरक्षण, छात्र-छात्रओं को तकनीकी प्रयोग कराना, बिजली की व्यवस्था, इनवर्टर की सुविधा, उत्कृष्ट रंगरोगन, शौचालय की व्यवस्था, 80 प्रतिशत तक विद्यार्थियों की उपस्थिति, शिक्षकों की पर्याप्त संख्या, बाउंड्रीवाल और पिछले तीन सालों से छात्रों की संख्या बढ़ना। स्कूल की कक्षा एक से पांच तक कुल छात्र-छात्रओं की संख्या 349 होना और उनकी शैक्षिक गुणवत्ता आदि मानकों पर खरा उतरने पर स्कूल को उत्कृष्ट विद्यालय घोषित किया गया है। 1शिक्षकों की संख्या1विद्यालय में कुल आठ शिक्षकों का स्टाफ तैनात है। इसमें ममता शर्मा, भावना शर्मा, आशारानी, ममता कुमारी, अल्पना कौशिक व प्रकाश वीर सिंह, सहित छह सहायक अध्यापक हैं। एक शिक्षामित्र विजय रानी और एक प्रधान अध्यापक सुबोध कुमार हैं। 1विकास खंड चंडौस के गांव पिसावा के प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को पढ़ाती शिक्षिका।जिले का उत्कृष्ट प्राथमिक विद्याल
इस विद्यालय का नाम उत्कृष्ट विद्यालय पुरस्कार के लिए आना अन्य स्कूलों के लिए मिसाल है। इनसे सीख लेकर हर विकास खंड में अगर दो-दो स्कूल भी ऐसे सुधारे जाएं तो दशा बदल सकती है। कोशिश होगी कि अगले साल जिले से कम से कम 10 विद्यालय चयनित हों।-धीरेंद्र कुमार यादव, बीएसए।1ये पूरे स्टाफ के सहयोग से ही संभव हो पाया है। कुछ अलग हटकर करने का मन बनाया था, सबका सहयोग मिलता गया और स्कूल उत्कृष्टता की ओर बढ़ता गया। इसमें अभिभावकों का भी काफी योगदान है, जो उन्होंने बच्चों को नियमित स्कूल भेजा। 1-सुबोध कुमार, प्रधानाध्यापक, प्रा. वि. पिसावा।
संवाद सूत्र, पिसावा : दिल में अगर बेहतर करने का हौसला हो तो संसाधनों की कमी व अव्यवस्था जैसी मुश्किलें भी घुटने टेक देती हैं। सब जानते हैं कि मौजूदा समय में परिषदीय स्कूलों का हाल क्या है? मगर, इन सबके बीच चंडौस के पिसावा क्षेत्र में एक प्राथमिक विद्यालय भी है, जो जिले के अन्य स्कूल व उसके संचालकों के लिए नजीर बन गया है। पिसावा के इस स्कूल को राज्य सरकार ने उत्कृष्ट विद्यालय पुरस्कार से नवाजा है। यह पुरस्कार पाने वाला ये स्कूल, जिले का एकमात्र स्कूल है। स्कूल को और बेहतर व सुविधाओं से लैस करने के लिए राज्य सरकार 1.25 लाख रुपये का नगद पुरस्कार भी देगी। 1बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जिलेभर से जनवरी 2016 में सभी ब्लॉकों से दो-दो स्कूलों के नाम इस पुरस्कार के लिए भेजे गए थे। जिसमें से पिसावा के प्राथमिक स्कूल को इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। 1इन विशेषताओं पर मिला पुरस्कार1साफ-सफाई, पर्यावरण संरक्षण, छात्र-छात्रओं को तकनीकी प्रयोग कराना, बिजली की व्यवस्था, इनवर्टर की सुविधा, उत्कृष्ट रंगरोगन, शौचालय की व्यवस्था, 80 प्रतिशत तक विद्यार्थियों की उपस्थिति, शिक्षकों की पर्याप्त संख्या, बाउंड्रीवाल और पिछले तीन सालों से छात्रों की संख्या बढ़ना। स्कूल की कक्षा एक से पांच तक कुल छात्र-छात्रओं की संख्या 349 होना और उनकी शैक्षिक गुणवत्ता आदि मानकों पर खरा उतरने पर स्कूल को उत्कृष्ट विद्यालय घोषित किया गया है। 1शिक्षकों की संख्या1विद्यालय में कुल आठ शिक्षकों का स्टाफ तैनात है। इसमें ममता शर्मा, भावना शर्मा, आशारानी, ममता कुमारी, अल्पना कौशिक व प्रकाश वीर सिंह, सहित छह सहायक अध्यापक हैं। एक शिक्षामित्र विजय रानी और एक प्रधान अध्यापक सुबोध कुमार हैं। 1विकास खंड चंडौस के गांव पिसावा के प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को पढ़ाती शिक्षिका।जिले का उत्कृष्ट प्राथमिक विद्याल
No comments:
Write comments