राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत कक्षा नौवीं से कक्षा बारहवीं तक दिव्यांग विद्यार्थियों के पढ़ने के लिए कोई भी सुविधा नहीं है। ऐसे में हजारों की संख्या में ऐसे विद्यार्थी शिक्षा पाने से वंचित हो जाते हैं। यही हाल बेसिक शिक्षा विभाग का भी है। यहां भी ऐसे विद्यार्थियों के लिए कोई खास इंतजाम नहीं है।
उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग इसे बाल अधिकार का हनन मान रहा है। आयोग की सदस्य नाहिद लारी खान ने बताया कि आयोग की ओर से सीएम को सुझाव सहित रिपोर्ट भेजी जाएगी, ताकि ऐसे विद्यार्थियों का भला हो सके। वे कहती हैं कि आखिर ऐसे विद्यार्थी कहां पर अपनी पढ़ाई करें। इनके लिए विशेष प्रबंध होने ही चाहिए। उन्हें दिव्यांग विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले विशेष अध्यापक समूह की ओर से ज्ञापन देकर मांग की गई कि ब्रिज कोर्स कैंप ऐसे विद्यार्थियों के लिए आयोजित किए जाएं और उनके लिए स्कूलों में विशेष शिक्षक नियुक्त किए जाएं।
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