बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के मिड-डे मील में खेल करने वाले प्रधानों के अधिकारी जिलाधिकारी के आदेश पर बीएसए ने छीन लिए हैं। जहां-जहां लापरवाही की जा रही है, वहां-वहां बीएसए ने गांव-गांव जाकर जांच शुरू कर दी है। बीएसए ने 10 प्रधानों से मिड-डे मील बनाने के अधिकार छीन कर विद्यालय प्रबंध समिति और प्रधानाध्यापक को दे दिए हैं। परिषदीय स्कूलों में बनने वाले मिड-डे मील में कुछ स्थानों पर ग्राम प्रधान खेल कर रहे हैं। कहीं मिड-डे मील बनवाया ही नहीं जा रहा तो कहीं मिड-डे मील की गुणवत्ता खराब मिल रही है। जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को आदेश दिए हैं कि जहां के ग्राम प्रधान मिड-डे मील में खेल कर रहे हैं। उनसे मिड-डे मील के अधिकार छीनकर विद्यालय प्रबंध समिति और प्रधानाध्यापक को दे दिए जाएं। डीएम के आदेश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कुछ गांव में जाकर मिड-डे मील की गुणवत्ता और वितरण की जांच की। जांच के बाद डिबाई और अगौता के 10 गांव के प्रधानों के अधिकारी मिड-डे मील बनाने से छीन लिए हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधानों द्वारा मिड-डे मील में मनमानी की जा रही थी। यह ग्राम प्रधान न तो समय पर मिड-डे मील तैयार करा रहे हैं और न ही मैन्यू के अनुसार भोजन बनाकर खिलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लगातार प्रधानाध्यापकों द्वारा प्रधानों की शिकायतें मिल रही थीं। बीएसए वेदराम ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर 10 प्रधानों के अधिकारी छीन लिए हैं। बाकी जांच कर अन्य प्रधानों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रधानों के अधिकार छीनने वाले गांव में प्रधानाध्यापक और विद्यालय प्रबंध समिति को मिड-डे मील की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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